Holika Dahan 2022 Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Time, Samagri, Mantra, Aarti: हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन किया जाता है। बुराई पर अच्छाई की जीत के इस पर्व में जितना महत्व रंगों का होता है, उतना ही होलिका दहन का भी है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन विधि विधान से होलिका पूजन करने से सभी कष्टों का निवारण होता है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
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हिंदू धर्म ग्रन्थों के अनुसार, होलिका दहन (Hoilika Dahan 2022 Date) पूर्णिमा तिथि में सूर्यास्त के बाद करना चाहिए, लेकिन यदि इस बीच भद्राकाल हो, तो भद्राकाल में होलिका दहन नहीं करना चाहिए, इसके लिए भद्राकाल के समाप्त होने का इंतजार करना चाहिए। होलिका दहन के लिए भद्रामुक्त पूर्णिमा तिथि का होना बहुत जरूरी है। हिंदू शास्त्रों में भद्राकाल को अशुभ माना गया है। ऐसी मान्यता है कि भद्राकाल में किया गया कोई भी काम सफल नहीं होता और उसके अशुभ परिणाम मिलते हैं। इस हिसाब से पंचांग देखें तो होली 19 मार्च (when is Holi in 2022) को मनाई जानी चाहिए।
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इस वर्ष पूर्णिमा तिथि 17 मार्च 2022 को दोपहर 01:29 बजे से शुरू होकर 18 मार्च दोपहर 12:52 मिनट तक रहेगी। जबकि 17 मार्च को ही 01:19 बजे से भद्राकाल शुरू हो जाएगा और देर रात 12:58 बजे तक रहेगा, ऐसे में भद्राकाल होने के कारण शाम के समय होलिका दहन (When is Holika Dahan in 2022) नहीं किया जा सकेगा। इस लाइव ब्लॉग के माध्यम से जानें होलिका दहन 2022 की तिथि, शुभ मुहूर्त, समय, पूजा विधि, सामग्री और मंत्र।
वन्दितासि सुरेंद्रेण ब्रहमणा शङ्करेण च |
अतस्त्वं पाहि नो देवी भूते भूति प्रदे भव ||
दीपयान्यद्यतेघोरे चिति राक्षसि सप्तमे |
हिताय सर्व जगत प्रीतये पार्वति पतये ||