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Mahashivratri 2022 Date, Puja Vidhi, Muhurat: अमवस्या में न करें महाशिवरात्रि व्रत का पारण, करें शिव चालिसा का पाठ

Updated Mar 02, 2022 | 01:04 AM IST

Mahashivratri 2022 Date, Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Time, Samagri, Mantra: महाशिवरात्रि का पर्व फाल्गुन मास की चतुर्दशी को मनाया जाता है। ये श‍िव भक्‍तों के ल‍िए उल्‍लास और आस्‍था का पर्व होता है। इस वर्ष यह त्योहार 01 मार्च को यानि आज मनाया जा रहा है। इस दिन भोलेनाथ के भक्त व्रत रखते हैं और शिवलिंग पर दूध, बेलपत्र, बेर, धतूर, भांग चढ़ाते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। यहां जानें महाशिवरात्रि की तिथि, पूजा विधि, मुहूर्त, महत्व, उपाय और मंत्र। 

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Mahashivratri 2022 Date Laxmi Puja Vidhi, Muhurat

Mahashivratri 2022 Date, Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Samagri List: हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का पर्व बेहद उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। आदि देव महादेव के भक्त साल भर इस दिन की प्रतीक्षा करते हैं। इस वर्ष यह त्योहार 01 मार्च को यानि आज मनाया जा रहा है। इस पर्व को लेकर मान्यता है कि महाशिवरात्रि के अवसर पर भगवान शिव की शिवलिंग पर दूध, बेलपत्र, बेर, धतूर, भांग चढ़ाने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और उन पर महादेव की विशेष कृपा बना रहती है। भोलेनाथ के भक्त इस पर्व का बेसब्री से इंतजार करते हैं। जानें इस साल कब मनाई जा रही है शिवरात्रि। जानें इसका शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।  

Maha Shivratri 2022 Date, Puja Muhurat, Vidhi, Samagri: Know here

Mar 02, 2022  |  01:01 AM (IST)
चतुर्दशी तिथि का अंत होने से पहले पारण करें

धर्मसिंधु के अनुसार अगर तीनों प्रहारों के बाद चतुर्दशी तिथि समाप्त हो रही है तो पारण चतुर्दशी तिथि के अंत में करना चाहिए। दूसरी ओर यदि चतुर्दशी तिथि सारे प्रहारों के बाद समाप्त हो रही है तो अगली सुबह सूर्योदय के समय पारण करें। यदि चतुर्दशी तिथि के बाद अमावस्या लग रहा है तो चतुर्दशी तिथि का अंत होने से पहले पारण कर लेना चाहिए। महाशिवरात्रि का पारण अमावस्या में नहीं करना चाहिए। इसलिए 1 मार्च की रात्रि में चतुर्दशी तिथि का अंत होने से पहले 12 बजकर 17 मिनट पर व्रत का पारण करें।

Mar 02, 2022  |  12:09 AM (IST)
भोलेनाथ को पंचामृत का भोग लगाएं

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार महाशिवरात्रि व्रत का पारण नियमानुसार करना चाहिए। पारण करने के लिए स्नान आदि कर महाशिवरात्रि व्रत की कथा सुनें फिर शिव चालीसा का पाठ करें। इसके बाद भोलेनाथ को पंचामृत का भोग लगाएं और प्रसाद ग्रहण कर पारण कर लें।

Mar 01, 2022  |  10:56 PM (IST)
पारण का समय

हिंदू पंचांग के अनुसार महाशिवरात्रि का पावन पर्व फाल्गुन मास की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है, चतुर्दशी तिथि आज सुबह 03 बजकर 16 मिनट से शुरू होकर रात्रि 01 बजे समाप्त होगी। पारण का समय: 1 मार्च, रात्रि 12 बजकर 17 मिनट पर है।

Mar 01, 2022  |  10:05 PM (IST)
त्रिशूल भगवान शिव का प्रिय अस्त्र

त्रिशूल भगवान शिव का प्रिय अस्त्र है। हिंदू धर्म में इसे काम, क्रोध और लोभ का प्रतीक माना जाता हैं। यदि शिवरात्रि में स्वप्न में त्रिशूल दिखाई देने से नकारात्मक विकारों का नाश होता है और भगवान शिव शंकर का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

Mar 01, 2022  |  09:19 PM (IST)
सपने में नदी आने का मतलब

भोलेनाथ को नदी बहुत ही प्रिय है। शिवरात्रि के रात में यदि आपको स्वप्न में नदी दिखाई दे, तो धर्म के अनुसार भगवान शिव की कृपा बहुत जल्दी प्राप्त होती है। नदी को स्वप्न में देखने से किसी भी कार्य जल्दी पूरा होती है।

Mar 01, 2022  |  07:24 PM (IST)
27 दानों से कम की नहीं पहने रुद्राक्ष

रुद्राक्ष की माला 27 दानों से कम की नहीं पहननी चाहिए और उसमें दानों की संख्या विषम ही होनी चाहिए। रुद्राक्ष की माला, पीले या लाल धागे में पहनें या फिर सोने या चांदी की माला बनवाकर पहनें। 

Mar 01, 2022  |  07:23 PM (IST)
ऊं नमः शिवाय मंत्र का करें जाप

रुद्राक्ष को बहुत पवित्र माना गया है इसे स्नान करके, साफ कपड़े पहनकर ही धारण करना चाहिए। इसे धारण करते समय ऊं नमः शिवाय मंत्र का जाप करना चाहिए। 

Mar 01, 2022  |  06:02 PM (IST)
भगवान शिव के रुद्राक्ष की कहानी

मान्यताओं के अनुसार माता सती के देह त्यागने के बाद भगवान शिव के रुदन से निकले आंसू पृथ्वी पर कई जगह गिरे और उनसे प्रकृति को रुद्राक्ष के रूप में एक चमत्कारिक तत्व की प्राप्ति हुई थी। यह भगवान शिव का साक्षात रूप है।

Mar 01, 2022  |  05:14 PM (IST)
शिव रुद्राष्टक का करें जाप

नमामीशमीशान निर्वाणरूपं। विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपं।
 
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं। चिदाकाशमाकाशवासं भजे हं॥1॥
  
निराकारमोंकारमूलं तुरीयं। गिरा ग्यान गोतीतमीशं गिरीशं।
 
करालं महाकाल कालं कृपालं। गुणागार संसारपारं नतो हं॥2॥

 तुषाराद्रि संकाश गौरं गम्भीरं। मनोभूत कोटि प्रभा श्री शरीरं।
 
स्फुरन्मौलि कल्लोलिनी चारु गंगा। लसद्भालबालेन्दु कण्ठे भुजंगा॥3॥
  
चलत्कुण्डलं भ्रू सुनेत्रं विशालं। प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालं।
 
मृगाधीशचर्माम्बरं मुण्डमालं। प्रियं शंकरं सर्वनाथं भजामि॥4॥
  
प्रचण्डं प्रकृष्टं प्रगल्भं परेशं। अखण्डं अजं भानुकोटिप्रकाशम्।
 
त्रय: शूल निर्मूलनं शूलपाणिं। भजे हं भवानीपतिं भावगम्यं॥5॥
 
कलातीत कल्याण कल्पांतकारी। सदासज्जनानन्ददाता पुरारी।
 
चिदानन्द संदोह मोहापहारी। प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी॥6॥
 
न यावद् उमानाथ पादारविंदं। भजंतीह लोके परे वा नराणां।
 
न तावत्सुखं शान्ति सन्तापनाशं। प्रसीद प्रभो सर्वभूताधिवासं॥7॥
 
न जानामि योगं जपं नैव पूजां। नतो हं सदा सर्वदा शम्भु तुभ्यं।
 
जराजन्म दु:खौघ तातप्यमानं। प्रभो पाहि आपन्न्मामीश शंभो॥8॥
 
रुद्राष्टकमिदं प्रोक्तं विप्रेण हरतोषये।
 
ये पठन्ति नरा भक्तया तेषां शम्भु: प्रसीदति॥  

Mar 01, 2022  |  04:04 PM (IST)
महाशिवरात्रि पर कब करें पूजा?

महाशिवरात्रि पर दिन भर पूजा का मुहूर्त रहता है। लेकिन प्रहर के अनुसार भगवान शिव की पूजा करने के लिए शुभ मुहूर्त 1 मार्च को मध्य रात्रि 12:08 से मध्य रात्रि 12:58 तक है।

Mar 01, 2022  |  01:56 PM (IST)
घर के सामने लगाएं भोलेनाथ की तस्वीर

शास्त्रों के अनुसार घर के उत्तर दिशा में यानी सामने ही भोलेनाथ की तस्वीर होनी चाहिए, जहां घर में आने जाने वाले सभी लोग भगवान शिव के दर्शन कर सकें।

Mar 01, 2022  |  01:22 PM (IST)
शिवलिंग पर जल अर्पित करने के नियम

महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए यह जरूर ध्यान रखें कि उन्हें कौन से फूल पसंद हैं। यहां जानें-

1.  हिंदू शास्त्र के अनुसार, शिवलिंग पर जल चढ़ाते वक्त हमेशा अपना मुंह उत्तर दिशा की ओर रखना चाहिए।
2. शिवलिंग पर जल अर्पित करने के लिए सबसे सही पात्र तांबे होता है। लेकिन तांबे के पात्र में भोलेनाथ को दूध कभी में नहीं चढ़ाना चाहिए। तांबे में दूध विष के समान बन जाता है।
3. शिवलिंग पर तेज धार में भूलकर भी जल ना चढ़ाएं, पतली धार से शिवलिंग पर जल चढ़ाएं।
4. शिवलिंग पर जल अर्पित करते समय खड़े नहीं रहना चाहिए, बैठकर जल अर्पित करें
5. शिवलिंग पर कभी भी शंख से जल नहीं अर्पित करना चाहिए।
6. जल में कुछ ना मिलाएं

Mar 01, 2022  |  12:48 PM (IST)
किस दिशा में स्थापित करें भोलेनाथ की मूर्ति

भगवान शिव का निवास स्थान कैलाश पर्वत पर है, जो कि उत्तर दिशा में है। इसलिए ध्यान रखें कि भोलेनाथ की मूर्ति उत्तर दिशा में स्थापित करें। साथ ही भगवान शिव की क्रोध मुद्रा वाली प्रतिमा स्थापित नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसे विनाश का प्रतीक माना जाता है। 

Mar 01, 2022  |  12:35 PM (IST)
महाशिवरात्रि के व्रत में क्या खाएं

महाशिवरात्रि के व्रत में व्रती अनार या संतरे का जूस पी सकते हैं, फल खा सकते हैं। इस दिन बेर भी खाए जा सकते हैं। जूस पीने से शरीर में पानी की कमी नहीं होती और एनर्जी भी बनी रहती है।

Mar 01, 2022  |  12:30 PM (IST)
शिवरात्रि पर ना पहनें ऐसे कपड़े

महाशिवरात्रि के मौके पर नए कपड़े पहनना शुभ माना जाता है। इसके अलावा साफ धुले हुए कपड़े भी पहन सकते हैं। मान्यता है कि जो लोग व्रत रखते हैं उन्हें काले कपड़े या डार्क रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए।

Mar 01, 2022  |  11:43 AM (IST)
जल्द विवाह के लिए उपाय

जिन लोगों का विवाह नहीं हो पा रहा है वो महाशिवरात्रि के मौके पर खास उपाय कर सकते हैं। शिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर केसर मिला हुआ दूध चढ़ाने से भगवान भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं। 

Mar 01, 2022  |  11:33 AM (IST)
शिवलिंग पर ना चढ़ाएं ये चीजें

शिवभक्त शिवरात्रि के दिन इन बातों का खास ख्याल रखें और भूलकर भी भगवान शिव को ये चीजें अर्पित ना करें:-
-तुलसी के पत्ते
-टूटे हुए बेलपत्र
-टूटे हुए चावल

-केतकी के फूल

Chandrayaan 3