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Navratri 2021 Puja Vidhi, Muhurat, Samagri, Katha: नवरात्रि के दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी की पूजा, जानिए देवी का मंत्र

Updated Oct 07, 2021 | 06:49 PM IST

Navratri 2021 Puja Vidhi, Muhurat, Timings, Samagri, Vrat Katha, Mantra: शारदीय नवरात्र‍ि की शुरूआत 7 अक्‍टूबर से हो रही है। पहले द‍िन कलश स्‍थापना का भी व‍िधान है। आज पहले दिन देशभर में मां शैलपुत्री की पूजा की जा रही है। यहां जानें सामग्री, व‍िध‍ि और समय।

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तस्वीर साभार:  Getty
Navaratri 2021 Kalash Sthapana

Navratri 2021 Date, Puja Vidhi, Vrat Katha, Muhurat, Timings, Samagri, Mantra: मां दुर्गा की पूजा के ल‍िए आश्‍व‍िन मास के नवरात्र 7 अक्‍टूबर 2021 से शुरु हो रहे हैं। गुरुवार होने की वजह से मां का आगमन इस बार डोली में होगा। नवरात्र में पहले द‍िन मां शैलपुत्री की पूजा होती है। इस बार नवरात्रि आठ दिनों की होगी। पहले द‍िन कलश स्‍थापना का भी व‍िधान है। कलश को नौ देव‍ियों का स्‍वरूप माना जाता है।  मान्‍यता है क‍ि इन नौ द‍िनों में मां दुर्गा ने अपने प्रताप से मह‍िषासुर का अंत क‍िया था। मां दुर्गा का जन्‍म ब्रह्मा, व‍िष्‍णु और श‍िव जी के तेज से माना जाता है। इन नौ द‍िनों में भक्‍त उपवास रखकर मां की पूजा करते हैं। सुबह और शाम के समय कथा, मंत्र और आरती गाई जाती है। पूरे देश में इन नौ द‍िनों में मां के अलग अलग स्‍वरूपों की पूजा पूरी श्रद्धा के साथ की जाती है। नवरात्र के पहले द‍िन महाराजा अग्रसेन जयंती भी मनाई जाएगी। महाराजा अग्रसेन को श्री राम का वंशज माना जाता है। 

Navratri 2021: देखें पूजा विधि, मुहूर्त और महत्व की संपूर्ण जानकारी

Navratri 2021 Puja Muhurat Timings

गुरुवार 7 अक्टूबर 2021 से हो रही है। कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 6:17 मिनट से 7:07 मिनट तक ही है। इस शुभ मुहूर्त में ही कलश स्थापित कर लेना अच्छा रहेगा। दु्र्गा जी के नौ स्‍वरूपों में पहले द‍िल मां शैलपुत्री की आराधना की जाती है। 

Navaratri 2021 : कलश स्थापना मुहूर्त, व‍िध‍ि और मंत्र

Navratri 2021 Puja Vidhi

सुबह पूजा के ल‍िए सबसे पहले पानी में कुछ बूंदें गंगाजल की डालकर स्नान करें। कलश स्थापना के स्थान पर दीया जलाएं। अगर अखंड ज्‍योत जलानी है तो वो भी इसी समय जलाएं। फ‍िर दुर्गा मां को अर्घ्य दें। इसके बाद अक्षत और सिंदूर चढ़ाएं। लाल फूलों से मां को सजाएं। मां को फल, मिठाई का भोग लगाएं। धूप, अगरबत्ती जलाकर दुर्गा चालीसा पढ़े। अंत में मां की आरती करें।

Oct 07, 2021  |  06:48 PM (IST)
मां ब्रह्मचारिणी आराधना का मंत्र

या देवी सर्वभेतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः..

दधाना कर मद्माभ्याम अक्षमाला कमण्डलू,
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।।

Oct 07, 2021  |  06:03 PM (IST)
मां ब्रह्मचारिणी का स्वरूप और महत्व

ब्रह्मचारिणी माता के दाहिने हाथ में तप की माला और दूसरे हाथ में कमण्डल होता है। मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से आत्मविश्वास में भी वृद्धि होती है। जीवन की सफलता में आत्मविश्वास का अहम योगदान माना गया है और मान्यता अनुसार मां ब्रह्मचारिणी की कृपा प्राप्त होने वाला व्यक्ति संकट के समय घबराता नहीं है।

Oct 07, 2021  |  05:08 PM (IST)
नवरात्रि द्वितीया तिथि: मां ब्रह्मचारिणी पूजा महत्व

मां ब्रह्मचारिणी के स्मरण से तप, सदाचार, वैराग्य, त्याग और संयम में सदा ही वृद्धि होती है। प्राचीन मान्यताओं के अनुसार जो भी आम लोग या साधक विधि-विधान से देवी के इस स्वरुप की पूजा-अर्चना व आराधना करते हैं, उन्हें भौतिक लाभ मिलते हैं, साथ ही देवी ब्रह्मचारिणी कुंडलिनी शक्ति जाग्रत करने में भी सहायक हैं।

Oct 07, 2021  |  04:18 PM (IST)
नवरात्रि के मंत्र

1. ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।

2. सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।

3. या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता,
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

Oct 07, 2021  |  02:57 PM (IST)
उपवास के नाम पर ना करें ये गलती

बहुत से लोग बिना अन्न-जल किए उपवास रखते हैं लेकिन निर्जलीकरण (Dehydration) कोई ऐसी चीज नहीं है जिसे आप अनुभव करना चाहते हैं। उपवास में आप नारियल पानी, दूध और ताजे फलों के जूस जैसे तरल पदार्थों का सेवन कर सकते हैं।

Oct 07, 2021  |  01:02 PM (IST)
मां दुर्गा को पहनाई गई सोने की साड़ी

कोलकाता के बंधु महल क्लब, Baguiati में दुर्गा पूजा की धूम है। यहां दो पंडालों का अनावरण किया गया है। इनमें एक प्रतिमा की आंखें असली सोने की लगाई गई हैं और दूसरी प्रतिमा को सोने की साड़ी पहनाई गई है। क्लब के अध्यक्ष कार्तिक घोष का कहना है कि साड़ी में लगभग 6 ग्राम सोने का इस्तेमाल किया गया है। जबकि, आंखें 10-11 ग्राम सोने की लागत से बनाई गई है। 

Oct 07, 2021  |  12:27 PM (IST)
इस बार 8 द‍िन की है शरद नवरात्रि 2021

इस बार नवरात्रि में चतुर्थी तिथि का क्षय होने से शारदीय नवरात्रि आठ दिन की होगी। इन आठ दिनों माता के नौ अलग अलग स्वरूपों की पूजा अर्चना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है और सभी कष्टों का नाश होता है। 

Oct 07, 2021  |  12:08 PM (IST)
ऐसे करें मां शैलपुत्री की आरती

शैलपुत्री मां बैल सवार, करें देवता जय जयकार।
शिव शंकर की प्रिय भवानी। तेरी महिमा किसी ने ना जानी।
पार्वती तू उमा कहलावे। जो तुझे सिमरे सो सुख पावे।
ऋद्धि सिद्धि परवान करे तू। दया करे धनवान करे तू।
सोमवार को शिव संग प्यारी। आरती जिसने तेरी उतारी।
उसकी सगरी आस जगा दो। सगरे दुख तकलीफ मिटा दो।
घी का सुंदर दीप जला के। गोला गरी का भोग लगा के।
श्रृद्धा भाव से मंत्र गाएं। प्रेम सहित शीश झुकाएं।
जय गिरिराज किशोरी। शिव मुख चंद चकोरी अंबे।
मनोकामना पूर्ण कर दो। भक्त सदा सुख संपत्ति भर दो।

Oct 07, 2021  |  11:27 AM (IST)
जानें नवरात्रि की पूजा विधि

नवरात्रि के पहले दिन स्नान आदि कर निवृत्त हो जाएं। इसके बाद पूजा स्थल को गंगाजल से पवित्र करें, फिर पूजा स्थल पर चौकी रखें, उस पर लाल कपड़ा बिछाएं। अब चौकी के पास मिट्टी के बर्तन में ज्वार बोएं। इसके बाद मां भगवती की प्रतिमा स्थापित करें। प्रतिमा के सामने चौकी पर कलश की स्थापना करें, कलश स्थापना के लिए सबसे पहले स्वास्तिक बना लें। कलश में दो सुपारी अक्षत, रोली और सिक्के डालें और फिर एक लाल रंग की चुनरी उस पर लपेट दें। फिर आम के पत्तों से कलश को सजाएं और उसके ऊपर पानी वाला नारियल रखें। दैवीय पुराण के अनुसार कलश को नौ देवियों का स्वरूप माना जाता है। कहा जाता है कि कलश के मुख में श्रीहरि भगवान विष्णु, कंठ में रुद्र और मूल में ब्रम्हा जी वास करते हैं। तथा इसके बीच में दैवीय शक्तियों का वास होता है।

Oct 07, 2021  |  09:28 AM (IST)
नवरात्रि व्रत कथा

माता के नौ दिन व्रत रखकर उनकी आराधना की जाती है। अगर आप भी माता का व्रत रख रहे हैं और तो हम आपको नवरात्रि व्रत की कथा बता रहे हैं। कोई भी व्रत बिना व्रत कथा को पढ़े अधूरा माना गया है। कहा जाता है कि नवरात्रि व्रत के दौरान इस कथा का पाठ करने से सभी कष्‍ट दूर होते हैं और माता की कृपा बरसती है।

पढ़ें ये व्रत कथा

Oct 07, 2021  |  08:01 AM (IST)
योगी आदित्‍यनाथ ने दीं नवरात्रि की शुभकामनाएं

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने शारदीय नवरात्रि के अवसर पर प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय संस्कृति में माँ दुर्गा की उपासना का अत्यधिक महत्व है। माँ दुर्गा शक्ति की अधिष्ठात्री देवी हैं। इनके अनन्त रूप हैं लेकिन प्रधान नौ रूपों में नवदुर्गा बनकर आदिशक्ति सम्पूर्ण पृथ्वीलोक पर अपनी करुणा की वर्षा करती हैं। माँ भगवती भक्तों और साधकों में अपनी ही शक्ति का संचार करते हुए, करुणा एवं परोपकार के द्वारा संसार के प्राणियों का हित करती हैं। मुख्यमंत्री ने लोगों से नवरात्रि तथा दुर्गा पूजा के अवसर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पूर्ण पालन करने की अपील की है। 

Oct 07, 2021  |  07:51 AM (IST)
गोरखपुर के गोलघर स्थित काली मंदिर में पूजा अर्चना
उत्तर प्रदेश: नवरात्रि के पहले दिन आज श्रद्धालुओं ने गोरखपुर के गोलघर स्थित काली मंदिर में पूजा अर्चना की। नवरात्रि आज से शुरू होकर 15 अक्टूबर तक चलेगा। एक श्रद्धालु ने बताया, ''कोरोना की वजह से हमलोग घर में ही पूजा-पाठ किए हैं। 2 साल बाद यहां आने का मौका मिला, बहुत अच्छा लगा।''
Oct 07, 2021  |  06:52 AM (IST)
पहले दिन करें मां शैलपुत्री की पूजा

नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा का विधान है। मान्‍यता है क‍ि शैलपुत्री की अराधना करने से चंद्र दोष से मुक्ति मिलती है। मां शैलपुत्री को सफेद वस्तुएं हैं अत्यंत प्रिय, इस दिन माता को सफेद रंग की मिठाई का लगाएं भोग। पौराणिक कथाओं के अनुसार मां शैलपुत्री पर्वतराज हिमालय की पुत्री हैं। माता के दाहिने हांथ में त्रिशूल और बाएं हांथ में कमल विराजमान है। तथा माथे पर चंद्रमा सुशोभित है। 

Oct 07, 2021  |  06:13 AM (IST)
वैष्‍णो देवी मंदिर की दिव्‍य झलक
जम्मू-कश्मीर: श्री माता वैष्णो देवी मंदिर को नवरात्र के मौके पर रोशनी से जगमग किया गया है।
Oct 07, 2021  |  06:12 AM (IST)
कालका जी मंदिर सजा
दिल्ली: कालका जी मंदिर को नवरात्र के मौके पर भव्य आयोजन के लिए सजाया जा रहा है। आशीष भारद्वाज ने बताया, "हम हाई कोर्ट के दिशानिर्देशों का पालन कर रहे हैं। सजावट का काम जारी है। भव्य आयोजन किया जाएगा"
Oct 06, 2021  |  11:13 PM (IST)
नवरात्रि की पूजा विधि

1. सुबह सबसे पहले पानी में कुछ बूंदे गंगाजल डालकर स्नान करें।
2. एक मिट्टी के बर्तन में जौ कर उसके बीचो-बीच कलश स्थापित करिए।
3. कलश के सामने अखंड दीप जलाएं।
4. मां दुर्गा को अर्घ्य अर्पण करें।
5. देवी को अर्घ्य देने के बाद तस्वीर पर अक्षत और सिंदूर अर्पित करें।
6. इसके बाद मां को लाल फूलों से सजा उन्हें फल और मिठाई का प्रसाद लगाएं।
7. प्रसाद लग जाने के बाद मां दुर्गा की चालीसा पढ़ते हुए उनकी आराधना करें।
8. पूजा के अंत में माता जी की आरती धूप व अगरबत्ती जलाकर करनी चाहिए।

Oct 06, 2021  |  10:24 PM (IST)
नवरात्रि पूजन की सामग्री

नवरात्रि में पूजा के लिए आपको लौंग, इलाइची, रोली, कपूर, मिट्टी का कटोरा, जौ, साफ मिट्टी, कलश, पान के पत्ते , साबूत सुपारी, रक्षा सूत्र, आम के पत्ते, अक्षत, नारियल, फूल, फल, धूप, दीप, लाल चुन्नी, गंगाजल, माला (तस्वीर पर चढ़ाने के लिए) जैसी चीजों की जरूरत पड़ेगी।

Chandrayaan 3