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Nirjala Ekadashi 2022 Date, Puja Vidhi, Muhurat: निर्जला एकादशी का पारण मुहूर्त, ऐसे पी सकते हैं व्रत में जल

Updated Jun 10, 2022 | 11:39 PM IST

Nirjala Ekadashi Vrat 2022 Date, Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Time, Samagri, Mantra: भगवान विष्णु की आराधना का दिन है निर्जला एकादशी। यह व्रत सभी एकादशियों में सबसे कठिन माना गया है। साल 2022 में निर्जला एकादशी व्रत 11 जून को रखा जाएगा। जानें पूजा का समय और निर्जला एकादशी व्रत की विधि।

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Nirjala Ekadashi 2022 Date, Time, Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Samagri, Katha, Mantra And Aarti

Nirjala Ekadashi 2022 Date, Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Samagri List: हिंदू पंचांग के अनुसार, वर्ष में कुल 24 एकादशी व्रत रखा जाता है। यह व्रत सभी एकादशियों में सबसे कठिन माना गया है। साल 2022 में निर्जला एकादशी व्रत 11 जून को रखा जाएगा। हर माह शुक्ल और कृष्ण पक्ष में दो एकादशी व्रत रखने की परंपरा है। इन्हीं एकादशी व्रत में सबसे कठिन निर्जला एकादशी का व्रत माना गया है। निर्जला एकादशी पर भक्त बिना जल पिए भगवान विष्णु की आराधना करते हैं और पूरा दिन व्रत रखते हैं। यह व्रत ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी पर रखा जाता है। ऐसा माना जाता है कि जो भक्त यह व्रत रखता है उसे श्री हरि की विशेष कृपा मिलती है।

Nirjala Ekadashi 2022 Date, Puja Muhurat: 10 या 11 जून जानें कब है निर्जला एकादशी और क्या है पूजा मुहूर्त

एकादशी व्रत रखने की परंपरा भारत में कई वर्षों से चली आ रही है। महाभारत काल में वेदव्यास जी ने भीम को इस व्रत की महिमा बताई थी। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जो भक्त एकादशी व्रत रखता है तथा श्रीहरि की पूजा करता है उसके सभी पाप मिट जाते हैं। इसके साथ भक्तों को भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है और उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। कहा जाता है कि एकादशी का व्रत रखने वाले भक्तों को मरने के बाद स्वर्ग में जगह मिलती है। 

Nirjala Ekadashi 2022: निर्जला एकादशी के व्रत से भीम को मिला सभी एकादशियों का फल, जानें व्रत कथा

इस वर्ष निर्जला एकादशी व्रत को लेकर असमंजस की तिथि है। ऐसे में अगर आप भी निर्जला एकादशी व्रत रखना चाहते हैं तो इस लाइव ब्लॉग के माध्यम से जानें की इस बार निर्जला एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा। यहां देखें निर्जला एकादशी व्रत की तिथि, समय, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, पूजा सामग्री, कथा, मंत्र और आरती समेत अन्य आवश्यक जानकारी। 

Also Read: निर्जला एकादशी पर पढ़ें ये व्रत कथा, पौराणिक कहानी से जानें भीम ने क्यों रखा ये व्रत

Nirjala Ekadashi 2022  Date and Time in India

  • निर्जला एकादशी 2022 तिथि : 10 जून, दिन शुक्रवार
  • निर्जला एकादशी 2022 तिथि प्रारंभ : 10 जून को सुबह 07:25 मिनट से
  • निर्जला एकादशी व्रत 2022 तिथि : 11 जून, दिन शुक्रवार 
  • निर्जला एकादशी 2022 तिथि समापन : 11 जून को शाम 5.45 बजे तक
Jun 10, 2022  |  11:39 PM (IST)
पिण्डदान और तर्पण का खास महत्व

निर्जला एकादशी पर तेज गर्मी के बावजूद महिलाओं ने अन्न जल तक ग्रहण नहीं किया जाता है। निर्जला एकादशी पर अपने पूर्वजो की आत्मा शांति के लिए पिण्डदान और तर्पण का भी खास महत्व बताया गया है।

Jun 10, 2022  |  11:08 PM (IST)
व्रत में जमीन पर सोना चाहिए

दशमी तिथि पर व्रत करने वाले व्यक्ति को जमीन पर सोना चाहिए और एकादशी तिथि पर सूर्योदय से पहले उठकर तथा नित्य क्रियाओं से निवृत हो कर और स्नानादि करके व्रत का संकल्प लेना चाहिए। 

Jun 10, 2022  |  10:49 PM (IST)
निर्जला एकादशी पर लोगों ने किया पुष्कर स्नान

राजस्थान के पुष्कर में जेष्ठ मास की निर्जला एकादशी के अवसर पर पूजा अर्चना कर आस्था की डुबकी लगाई। सरोवर के 52 घाटो पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ना शुरू हो गई जो चिलचिलाती धूप के बावजूद दिन भर जारी रही। 

Jun 10, 2022  |  10:11 PM (IST)
ऐसे करें निर्जला एकादशी व्रत का पारण 

निर्जला एकादशी के अगले दिन सुबह जल्दी उठकर सूर्यदेव को जल अर्पित करें।इसके बाद निर्धनों को अन्न, वस्त्र और जल का दान करें। व्रत के तुरंत बाद पहले हल्का भोजन करें। ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को दान करने के बाद ही व्रत खोलना चाहिए।

Jun 10, 2022  |  09:40 PM (IST)
निर्जला एकादशी क्यों मनाई जाती है?

हिंदू मान्यता के अनुसार एक बार की बात है। जब वेदों के रचयिता वेदव्यास पांडवों के गृह कुशलक्षेम के लिए पधारे। तब महाबली भीम ने उनका खूब आदर-सत्कार किया। हालांकि, वेदव्यास ने अपने तपोबल से भीम की व्यथा जान ली। उस समय वेद व्यास ने उनसे पूछा- हे महाबली तुम्हारे मन में कैसे विचार उमड़ रहे हैं? क्यों चिंतित दिख रहे हो? तब महाबली भीम ने वेदव्यास से अपने मन की व्यथा सुनाई। उन्होंने कहा- हे पितामह आप तो सर्वज्ञानी हैं, आप तो जानते हैं कि घर में सभी लोग एकादशी का व्रत करते हैं, लेकिन मैं कर नहीं पाता हूं, क्योंकि मैं भूखा नहीं रह सकता हूं। मुझे कोई ऐसा व्रत विधि बताएं, जिससे करने से मुझे सभी एकादशियों के समतुल्य फल की प्राप्ति हो! उस समय वेदव्यास जी ने भीम से कहा- हे महाबली तुम्हें चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है।

Jun 10, 2022  |  08:40 PM (IST)
 नमक का ना करें सेवन

हिंदू धर्म के अनुसार निर्जला एकादशी के दिन नमक खाना वर्जित है। ऐसी मान्यता है, कि एकादशी के दौरान नमक का सेवन करने से व्रत भंग हो जाता है और व्रती को  दोष लगता है।

Jun 10, 2022  |  08:06 PM (IST)
निर्जला एकादशी: जानें व्रत के नियम

निर्जला एकादशी व्रत में भगवान विष्णु का ध्यान करें और सुबह शाम पूजा करें। जो लोग निर्जला एकादशी का व्रत नहीं करते हैं, वे भी दान जरूर करें और चावल के सेवन से बचें। निर्जला एकादशी का व्रत करने वालों के लिए इस दिन जल ग्रहण की पाबंदी, क्रोध, काम, निंदा आदि से दूर रहने और सदाचार व ब्रह्मचार्य का पालन करने के लिए कहा जाता है।

Jun 10, 2022  |  07:38 PM (IST)
लाल कपड़ा बिछाकर रखें चौकी

निर्जला एकादशी का व्रत करने के लिए सुबह स्नान आदि कर पीले वस्त्र धारण करें। भगवान विष्णु की प्रतिमा को एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर रखें और उनके सामने दीपक जलाएं। अब भगवान विष्णु की प्रतिमा पर तुलसी और पीला पुष्प अर्पित करें। मन से श्री हरि का ध्यान करते हुए निर्जला एकादशी की व्रत की कथा का श्रवण करें। व्रत का संकल्प लेते हुए निर्जला एकादशी का व्रत रखें।

Jun 10, 2022  |  07:01 PM (IST)
एकादशी का अपना अलग-अलग महत्व

ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, वैसे तो हर माह में पड़ने वाली एकादशी का अपना अलग-अलग महत्व होता है। लेकिन मात्र निर्जला एकादशी व्रत को करने से सभी एकादशी व्रतों के फलों की प्राप्ति होती है।

Jun 10, 2022  |  06:34 PM (IST)
Nirjala Ekadashi 2022 Paran Muhurt: निर्जला एकादशी व्रत पारण मुहूर्त  

निर्जला एकादशी व्रत में पारण का विशेष महत्त्व है, शुभ मुहूर्त में पारण करने पर ही व्रत का पूरा फल प्राप्त होता है। निर्जला एकादशी व्रत 10 जून शुक्रवार को रखा जाना है। एकादशी तिथि 11 जून को प्रात: 5.46 बजे तक समाप्त हो रही है उसके उपरांत द्वादशी तिथि शनिवार को रात्रि 11.43 बजे तक है। अतः द्वादशी तिथि शनिवार को पूरे दिन कभी भी पारणा किया जा सकता है।

Jun 10, 2022  |  05:37 PM (IST)
जल दान इस दिन आवश्यक

मान्यता है कि निर्जला एकादशी व्रत सभी तीर्थों में स्नान करने का पुण्य देता है। इस व्रत से मोक्ष की प्राप्ति होती है और समस्त पापों का नाश होता है। इस व्रत में गोदान, वस्त्र दान, फल व भोजन दान का काफी महत्व होता है। खासतौर पर जल दान को इस दिन आवश्यक बताया गया है। 

Jun 10, 2022  |  05:04 PM (IST)
दूध, दही व पानी का ना करें सेवन

हिंदू धर्म में मान्यता है कि  निर्जला एकादशी व्रत बिना पानी पिए रखा जाता है। कुछ लोगों के मन में यह बात रहती है कि क्या एकादशी के दिन दूध पिया जा सकता है या नहीं। इस दिन दूध व पानी पीना वर्जित होता है क्योंकि दूध, दही व शहद से सूर्योदय से पहले उठकर भगवान विष्णु जी को स्नान कराया जाता है। इसीलिए इस दिन दूध, दही व पानी का सेवन नहीं करना चाहिए।

Jun 10, 2022  |  04:44 PM (IST)
पितरों का भी कर सकते हैं तर्पण

निर्जला एकादशी पर भक्त बिना जल पिए भगवान विष्णु की आराधना करते हैं और पूरा दिन व्रत रखते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन पितरों का भी तर्पण कर सकते हैं। 

Jun 10, 2022  |  04:14 PM (IST)
निर्जला एकादशी: व्रत के नियम

निर्जला एकादशी का व्रत करने वालों के लिए इस दिन जल ग्रहण की पाबंदी होती है। निर्जला एकादशी पर क्रोध, काम, निंदा आदि से दूर रहने और सदाचार व ब्रह्मचार्य का पालन करने के लिए कहा जाता है। निर्जला एकादशी व्रत में भगवान विष्णु का ध्यान करें और सुबह शाम पूजा करें। जो लोग निर्जला एकादशी का व्रत नहीं करते हैं, वे भी दान जरूर करें और चावल के सेवन से बचें।

Jun 10, 2022  |  04:13 PM (IST)
Nirjala Ekadashi vrat katha: निर्जला एकादशी कथा

पौराणिक कथा के अनुसार महाभारत में जब पांडवों को अज्ञातवास हुआ, तो वह ब्राम्हण के रूप में रहने लगें। उस समय पांडव नियमित रूप से एकादशी का व्रत करते थे। लेकिन भीम से भूख बर्दाश्त नहीं हो पाता था, इसलिए वह कोई भी एकादशी का व्रत सही तरीके से नहीं कर पाते थे। इस वजह से भीम को बहुत ग्लानि होने लगी। तब उन्होनें इस समस्या का हल निकालने के लिए महर्षि वेद व्यास जी को याद किया। उन्होनें अपनी सारी समस्या वेद व्यास जी से कहीं। भीम की बात सुनकर वेद व्यास जी ने उन्हें निर्जला एकादशी के बारे में बताया। उन्होनें कहा कि निर्जला एकादशी का व्रत सभी एकादशियों से कठिन है। लेकिन इस व्रत को करने से सभी एकादशियों का फल मिला है। यह सुनकर भीम ने पूरी निष्ठा और श्रद्धा के साथ निर्जला एकादशी का व्रत रखा। इस व्रत को करके वह अपनी ग्लानि से मुक्ति हो पाए। आपको बता दें,इसी वजह से निर्जला एकादशी को पाण्डव एकादशी या भीमसेन एकादशी भी जाना जाता हैं। 

Jun 10, 2022  |  02:54 PM (IST)
जप और दान दोनों ही पुण्यदायी

निर्जला एकादशी के दिन निर्जल व्रत के साथ दान को भी यथासंभव जरूर करना चाहिए। इस महापर्व को भगवान विष्णु की उपासना के साथ साथ राशि अनुरूप दान भी करें। कलयुग में भगवान के नाम का जप और दान ये ही दोनों पुण्यदायी हैं।

Jun 10, 2022  |  02:21 PM (IST)
भगवान को चढ़ाए नारियल, सीताफल

निर्जला एकादशी पर भगवान शिव के मंदिर में सीताफल, नारियल, सुपारी, बिल्वफल,  मौसमी फल आदि चीजों को अर्पित करें। एकादशी व्रत पारण के बाद किसी जरूरतमंद की मदद करना तथा दान देना बहुत हितकारी माना जाता है।

Chandrayaan 3