हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का जन्म चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर हुआ था। इसीलिए सनातन धर्म में चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि बहुत विशेष मानी गई है। इस दिन को राम नवमी के नाम से जाना जाता है। राम नवमी पर विधि अनुसार भगवान श्री राम की पूजा की जाती है। इस वर्ष नवरात्रि 2 अप्रैल से प्रारंभ हुई थी। नवरात्रि का समापन नवमी के दिन ही होता है। कुछ लोग नवमी पर नवरात्रि के व्रत का पारण करते हैं तो वहीं कुछ लोग नवमी पर भी व्रत रखते हैं।
Ram Navami 2022 Date, Puja Timings: वर्ष 2022 में कब है राम नवमी? जानें पूजा मुहूर्त और महत्व
चैत्र शुक्ल की नवमी तिथि पर भगवान श्री राम का पूजन विधि अनुसार किया जाता है। इस दिन लोग धूमधाम से मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का जन्मोत्सव मनाते हैं। भगवान श्री राम की उपासना के साथ लोग भजन भी करते हैं और राम जी के मंत्रों का जाप भी इस दिन किया जाता है। राम भक्त इस दिन रामायण का पाठ भी करते हैं।
राम नवमी के दिन भगवान श्रीराम के साथ ही माता सीता, मां दुर्गा व बजरंगबली की पूजा की जाती हा। मान्यता है कि इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम की पूजा करने से भक्त की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। रामनवमी के साथ ही चैत्र नवरात्रि का समापन होता है।
भगवान ने विष्णु ने नवमी के दिन ही भगवान राम के रूप में अवतार लिया था। माना जाता है कि भगवान राम का यह अवतार धरती से राक्षसों और असुरी प्रवृत्तियों का विनाश करने के लिए था। इसीलिए उन्होंने आगे चलकर पृथ्वी के महान बलसाली राक्षण रावण का वध किया। इस दिन न सिर्फ भगवान राम की पूजा होती है बल्कि उनके भाई लक्ष्मण और मां सीता के साथ हनुमान जी की भी पूजा की जाती है।