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Ram Navami 2022: धन-समृद्धि के लिए राम नवमी पर ऐसे करें लक्ष्मी पूजन, देखें आरती

Updated Apr 11, 2022 | 04:15 PM IST

चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि राम नवमी के नाम से जानी जाती है। सनातन धर्म में राम नवमी का विशेष महत्व है। राम नवमी की पूजा के लिए यहां जानें मुहूर्त, पूजा विधि, आरती, मंत्र और उपाय।

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Ram Navami 2022 Date, Tithi, Muhurat, Puja Vidhi, Katha, Mantra And Aarti

हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का जन्म चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर हुआ था। इसीलिए सनातन धर्म में चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि बहुत विशेष मानी गई है। इस दिन को राम नवमी के नाम से जाना जाता है। राम नवमी पर विधि अनुसार भगवान श्री राम की पूजा की जाती है। इस वर्ष नवरात्रि 2 अप्रैल से प्रारंभ हुई थी। नवरात्रि का समापन नवमी के दिन ही होता है। कुछ लोग नवमी पर नवरात्रि के व्रत का पारण करते हैं तो वहीं कुछ लोग नवमी पर भी व्रत रखते हैं। 

Ram Navami 2022 Date, Puja Timings: वर्ष 2022 में कब है राम नवमी? जानें पूजा मुहूर्त और महत्व

चैत्र शुक्ल की नवमी तिथि पर भगवान श्री राम का पूजन विधि अनुसार किया जाता है। इस दिन लोग धूमधाम से मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का जन्मोत्सव मनाते हैं। भगवान श्री राम की उपासना के साथ लोग भजन भी करते हैं और राम जी के मंत्रों का जाप भी इस दिन किया जाता है। राम भक्त इस दिन रामायण का पाठ भी करते हैं।

Ram Navami 2022 Puja Vidhi, Muhurat: अपार धन-समृद्धि के लिए राम नवमी पर ऐसे करें लक्ष्मी पूजन, देखें मुहूर्त 

Apr 10, 2022  |  10:37 PM (IST)
चैत्र नवरात्रि का समापन

राम नवमी के दिन भगवान श्रीराम के साथ ही माता सीता, मां दुर्गा व बजरंगबली की पूजा की जाती हा। मान्यता है कि इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम की पूजा करने से भक्त की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। रामनवमी के साथ ही चैत्र नवरात्रि का समापन होता है।

Apr 10, 2022  |  09:44 PM (IST)
राम नवमी का महत्व

भगवान ने विष्णु ने नवमी के दिन ही भगवान राम के रूप में अवतार लिया था। माना जाता है कि भगवान राम का यह अवतार धरती से राक्षसों और असुरी प्रवृत्तियों का विनाश करने के लिए था। इसीलिए उन्होंने आगे चलकर पृथ्वी के महान बलसाली राक्षण रावण का वध किया। इस दिन न सिर्फ भगवान राम की पूजा होती है बल्कि उनके भाई लक्ष्मण और मां सीता के साथ हनुमान जी की भी पूजा की जाती है।

Apr 10, 2022  |  08:48 PM (IST)
इस मंत्र से मिलता है संकटों से छुटकारा

'दीन दयाल बिरिदु संभारी, हरहु नाथ मम संकट भारी' इस मंत्र का जप करने से सभी तरह के संकटों से छुटकारा मिल जाता है। जीवन में आ रही किसी भी तरह की परेशानी को दूर करने के लिए इस मंत्र का जप करें। 

Apr 10, 2022  |  08:16 PM (IST)
ॐ रामभद्राय नम:

श्रीराम के इस सिद्ध मंत्र का 108 बार जप करना चाहिए। इस मंत्र का जप करने से सारी बाधाएं दूर हो जाती हैं और भगवान राम का आर्शावाद प्राप्त होता है।

Apr 10, 2022  |  07:35 PM (IST)
ऊॅं रामचंद्राय नम:

जो व्यक्ति इस मंत्र का जप करता है, उस पर भगवान राम की विशेष कृपा रहती है। इस मंत्र का जप करने से घर में सुख- समृद्धि का वास होता है। भगवान राम की पूजा करते समय इस मंत्र की एक माला का जप अवश्य करें।

Apr 10, 2022  |  06:08 PM (IST)
राम नाम का जप जरूर करें

राम नाम ही स्वंय सबसे बड़ा और सिद्ध मंत्र है। जो व्यक्ति रोजाना राम नाम का जप करता है उस पर किसी भी प्रकार का कोई संकट नहीं आता है। राम नवमी के पावन दिन आप अपनी इच्छानुसार राम नाम का जप जरूर करें।

Apr 10, 2022  |  05:45 PM (IST)
जानें विपत्ति में रक्षा और मनोकामना पूर्ति हेतु मंत्र

 मनोकामना पूर्ति हेतु मंत्र

|| श्री रामचन्द्राय नमः || 

विपत्ति में रक्षा हेतु मंत्र

राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे। 
सहस्त्र नाम तत्तुन्यं राम नाम वरानने।।

मुक्ति और प्रभु प्रेम हेतु मंत्र

नाम पाहरु दिवस निसि ध्यान तुम्हार कपाट।
लोचन निजपद जंत्रित जाहि प्राण केहि बाट।।

Apr 10, 2022  |  05:10 PM (IST)
श्री राम मंत्र (Shree Ram Mantra)

चहुओर सफलता के लिए मंत्र

ॐ राम ॐ राम ॐ राम ह्रीं राम ह्रीं राम श्रीं राम श्रीं राम
क्लीं राम क्लीं राम। 
फ़ट् राम फ़ट् रामाय नमः ।

प्रतिदिन प्रभु का स्मरण करने के लिए मंत्र

|| श्री राम जय राम जय जय राम || 

Apr 10, 2022  |  04:37 PM (IST)
राम मंत्र का जाप करने से सभी इच्छाएं शीघ्र होती हैं पूर्ण

शास्त्रों के अनुसार जगत पिता भगवान विष्णु मनुष्य का कल्याण करने के लिए समय-समय पर धरती पर अवतार लेते रहते हैं। भगवान विष्णु के 8 अवतार हैं। उन 8 अवतारों में से सातवां अवतार भगवान श्री राम का है। प्रभु श्री राम का नाम लेते ही जीवन की सभी विघ्न-बाधाएं हमेशा के लिए दूर हो जाती हैं। दुनिया में राम से बड़ा कोई नाम नहीं है। भगवान श्री राम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा गया है। उन्होंने धरती पर आकर रावण जैसे राक्षस का वध कर संसार का उत्थान किया है। हिन्दु शास्त्र के अनुसार राम मंत्र का जाप करने से सभी इच्छाएं प्रभु शीघ्र पूर्ण कर देते हैं।

Apr 10, 2022  |  04:06 PM (IST)
चैत्रीय और शारदीय महानवमी में अंतर

पौराणिक कथाओं के अनुसार चैत्रीय राम नवमी के दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का जन्म हुआ था। वहीं शारदीय राम नवमी के दिन रावण का वध करने से पहले प्रभु श्रीराम ने मां भगवती की अराधना की थी तथा माता ने प्रसन्न होकर भगवान राम को युद्ध में विजय होने का आशीर्वाद दिया था। शारदीय नवरात्रि के दिन देवी भगवती की अराधना की जाती है। मान्यता है कि इस दिम मां दुर्गा महिषासुर का वध किया था और भगवान राम ने रावण का वध कर तीनों लोक को उसके अत्याचारों से बचाया था।

Apr 10, 2022  |  03:06 PM (IST)
मां लक्ष्मी की पूजा विधि (Maa Laxmi Puja Vidhi) 

राम नवमी कर मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए सबसे पहले अपने घर की साफ सफाई कर लें। इसके बाद गंगाजल से अपने घर को शुद्ध और पवित्र करें। अब अपने पूजा घर में एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर मां लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित कर दें। इसके साथ चौकी के पास जल से भरा एक कलश रखें। अब माता लक्ष्मी को तिलक लगाकर दीपक जलाएं और चावल, फूल, गुड़, हल्दी, मौली, अबीर-गुलाल आदि मां लक्ष्मी को अर्पित करें और महालक्ष्मी स्तुति करें। मां लक्ष्मी की पूजा पूरे परिवार को मिलकर करना चाहिए। पूजा के बाद श्रद्धा अनुसार जरूरतमंद लोगों को मिठाई और दक्षिणा दें। इस दिन दान भी करें। 

Apr 10, 2022  |  02:25 PM (IST)
मां लक्ष्मी की आरती (OM Jai Lakshmi Mata Maiya Jai Lakshmi Mata lyrics in hindi)

ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥
  ओम जय लक्ष्मी माता॥

 उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।
सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥
     ओम जय लक्ष्मी माता॥

  दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥
        ओम जय लक्ष्मी माता॥


तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥
  ओम जय लक्ष्मी माता॥


जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता।
सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता॥
      ओम जय लक्ष्मी माता॥


तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥
     ओम जय लक्ष्मी माता॥


शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥
     ओम जय लक्ष्मी माता॥

महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता।
   उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता॥
        ओम जय लक्ष्मी माता॥

Apr 10, 2022  |  01:51 PM (IST)
क्या खाकर करें व्रत का पारण

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार व्रत का पारण आपको माता का प्रसाद खाकर ही करना चाहिए। अर्थात आपने माता को जो भोग लगाया है, उसी प्रसाद को खाकर व्रत का पारण करें। इससे नौ दिनों के व्रत का फल आपको अवश्य मिलेगा। लेकिन ध्यान रहे पारण करने के बाद भूलकर लहसन प्याज ना खाएं, दशमी तिथि के बाद ही लहसन प्याज का सेवन करें।

Apr 10, 2022  |  01:28 PM (IST)
नवरात्रि पारण विधि

नवमी के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि कर साफ और सुंदर वस्त्र धारण करें। इसके बाद देवी भगवती के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की विधिवत पूजा करें। सर्वप्रथम माता को नारियल, लाल चुनरी, सिंदूर, रोली, अक्षत, फल, फूल आदि चढ़ाएं। इसके बाद हवन कर कन्या पूजन करें। ध्यान रहे कन्या पूजन करते समय एक छोटे लड़के को जरूर सम्मिलित करें। तथा कन्या पूजन करने के बाद नौ कन्याओं और एक लंगूर को भोजन करवाएं। इसके बाद आप व्रत का पारण कर सकते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्रीय नवरात्रि में नवमी के दिन व्रत का पारण सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। 

Apr 10, 2022  |  12:57 PM (IST)
चैत्रीय नवरात्रि 2022 का पारण कब किया जाएगा

नवरात्रि की समाप्ति के साथ कन्या पूजन और पारण का विशेष महत्व है। खासकर जो लोग नौ दिनों का व्रत रखते हैं उनके लिए यह बेहद खास है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार नवमी तिथि यानी 11 अप्रैल 2022, रविवार को पारण का विधान है। बता दें विधिवत पारण ना करने से नौ दिनों के व्रत का फल नहीं मिलता है। आइए जानते हैं पारण विधि।

Apr 10, 2022  |  11:50 AM (IST)
राम नवमी तिथि और पूजा मुहूर्त (Ram Navami 2022 Date And Puja Vidhi)

राम नवमी तिथि: 10 अप्रैल 2022, रविवार

राम नवमी तिथि प्रारंभ समय: 10 अप्रैल 2022 सुबह 01:32

राम नवमी तिथि समापन समय: 11 अप्रैल 2022 दोपहर 03:15 

पूजा के लिए शुभ मुहूर्त: 10 अप्रैल सुबह 11:10 से दोपहर 01:32 तक

ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:31 से सुबह 05:16 

अभिजित मुहूर्त: सुबह 11:57 से दोपहर 12:48 

विजय मुहूर्त: दोपहर 02:30 से दोपहर 03:21 

गोधूलि मुहूर्त: शाम 06:31 से शाम 06:55

अमृत काल: 10 अप्रैल रात 11:50 से 11 अप्रैल सुबह 01:35

निशिता मुहूर्त: रात 12:00 से 11 अप्रैल 12:45

रवि पुष्य योग: पूरे दिन

सर्वार्थ सिद्धि योग: पूरे दिन

रवि योग: पूरे दिन

Apr 10, 2022  |  11:25 AM (IST)
Ram Navami Vrat Katha

एक दिन की बात है बुढ़िया उसी पेड़ के नीचे बैठकर सूत काट रही थी, तभी पेड़ से एक मोती गिरा। बुढ़िया ने तुरंत मोती को उठा लिया और उसे राजा के पास ले गई। बुढ़िया के पास इतने सारे मोती देखकर राजा को हैरानी हुई। राजा ने बुढ़िया से पूछा कि तुम्हारे पास इतने मोती कहां से आएं। तब बुढ़िया ने अपने राजा को बताया कि उसके आंगन में एक मोती का पेड़ हैं।

Chandrayaan 3