Sawan 1st Somwar 2022 Date, Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Samagri List: इस वर्ष भगवान शिव के प्रिय महीने सावन की शुरुआत 14 जुलाई से हुई है। सावन के पवित्र महीने में सोमवारी का व्रत रखना भक्तों के लिए अत्यंत कल्याणकारी माना गया है। कहा जाता है कि भगवान शिव का जो भक्त सच्चे मन से इस महीने में उनकी पूजा-आराधना करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। सोमवारी व्रत पुरुष और महिला, दोनों के लिए रखना मंगलमय माना गया है। आज सावन 2022 का पहला सोमवार है और भक्तों में शिव जी की पूजा-अर्चना के लिए भारी उतसाह देखा जा रहा है।
मान्यताओं के अनुसार, जो भक्त सावन सोमवारी का व्रत रखता है तथा भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा करता है उसे मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। अपने पति की लंबी उम्र, स्वास्थ्य और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए शादीशुदा महिलाएं यह व्रत रखती हैं। कहा जाता है कि, कुंवारी कन्याओं के लिए भी यह व्रत रखना लाभदायक होता है। जो कन्या यह व्रत रखती है उसे योग्य वर की प्राप्ति होती है।
सावन सोमवारी का व्रत रखने वाले भक्तों को नियमों का पालन अवश्य करना चाहिए। यह व्रत पूरे विधि अनुसार किया जाता है। इस लाइव ब्लॉग के माध्यम से जानें कि सावन के पहले सोमवार पर व्रत कैसे रखें, क्या करें, पूजा विधि, व्रत विधि, आरती, नियम, कथा और मंत्र समेत सभी महत्वपूर्ण जानकारी।
सावन के पहले सोमवार में व्रत रखने के लिए सुबह स्नान करके मंदिर जाकर भगवान शिव का जलाभिषेक करें। इस दौरान भगवान शिव को बेलपत्र धतूरा, भांग, चंदन, पुष्प आदि समर्पित करें। इसके बाद घर में जाकर भगवान शिव व मां पार्वती की विधि विधान से पूजा करें। पूजा करने के दौरान सबसे पहले भगवान गणेश की आरती करें। उसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करें। इसके बाद भगवान शिव को रोली, अक्षत, पुष्प, धूप व दीपक अर्पित करें। इसके बाद सावन सोमवार के व्रत की कथा पढ़ें व भगवान शिव का मंत्र का जाप करें।
इस बार सावन के महीने में चार सोमवार व्रत पड़ेंगे। पहला सोमवार 18 जुलाई, दूसरा सोमवार 25 जुलाई व तीसरा सोमवार 01 अगस्त और चौथा सोमवार 08 अगस्त को पड़ेगा। 12 अगस्त को सावन खत्म हो जाएगा। इन चारों सोमवार का विशेष महत्व है। और इन सोमवार में व्रत रखने व विधि विधान से भगवान शिव की पूजा अर्चना करने पर भगवान भोलेनाथ की विशेष कृपा बनी रहती है।