- 9 अप्रैल से शुरू हो गया है वैशाख मास
- भगवान विष्णु को है अत्यंत प्रिय
- घर पर ही एक जगह दान की चीजें रखते रहें
वैशाख माह बहुत ही पवित्र माह होता है। इस माह में पूजा,पाठ व दान का बहुत महत्व है। यह माह पुण्य प्राप्ति व आध्यात्मिक उत्कर्ष का पुनीत व स्वर्णिम अवसर प्रदान करता है। विष्णु उपासना के रूप में इस माह भगवान राम व कृष्ण की पूजा की जाती है। जीवन में संयम व त्याग बहुत आवश्यक है। हमें इस माह आलस्य व क्रोध पर विजय प्राप्त करके संयम पूर्वक जीवन जीते हुए हरि चरणों की भक्ति प्राप्त करनी है।
पक्षियों को पानी दें
इस माह से गर्मी तेजी से बढ़ना प्रारम्भ करती है। इस माह हम अपने घर के छतों पर विहंगों के लिए दाना पानी की व्यवस्था करें। गाय तथा गौशालाओं के लिए गुड़ व जल की व्यवस्था करें। अभी तो कोरोना वायरस के चलते लगे लॉकडाउन की वजह से बाहर नहीं निकलना है। इसलिए घर पर ही एक दान पात्र बना लें व उसमें नियमित कुछ द्रव्य पूरे माह निकालते रहें। यही कार्य अन्न के लिए भी करें। नियमित एक व्यक्ति के भोजन के बराबर अन्न निकालते रहें।
करें श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ
ज्योतिषाचार्य सुजीत जी महाराज का कहना है कि इस समय घर पर ही प्रातःकाल श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें। माह के प्रथम दिवस ब्रह्म मुहूर्त में उठकर श्री रामचरितमानस के सम्पूर्ण पाठ का संकल्प लें व प्रतिदिन मानस पाठ कर अंतिम दिवस विधिवत घर पर ही हवन कर दें।
प्रतिदिन घर पर ही करें हवन
वैशाख माह में हवन का बहुत महत्व है।प्र तिदिन हवन करें। कपूर से अपने घर के मंदिर में भगवान व सभी देवी देवताओं की आरती करें। सायंकाल लोहबान व कपूर जलाएं। हवन घर में ऐसे जगह करें जहां से धुआं आसानी से घर के बाहर निकल जाए।
वैशाख माह में घर पर ही करें पार्थिव पूजन
इस समय घर पर ही पार्थिव का शिवलिंग बनाकर उसकी पूजा करें। जो लोग रोग से पीड़ित हैं, शनि की साढ़े साती या ढैया से प्रभावित हैं वो नियमित महामृत्युंजय मंत्र का जप करते रहें। शिव पुराण का नियमित पाठ इस माह बहुत ही पुण्यदायी है। जिन लोगों का मारकेश चल रहा है वो लोग घर में ही शिव अर्चना करें व मन से महामृत्युंजय मंत्र का स्वयं अनुष्ठान करते रहें।
करें अपने राशि के बीज मन्त्रों का जप व दान
भाग्य वृद्धि के लिए अपने राशि को जानकर उसके स्वामी ग्रह के बीज मंत्र का जप व उससे संबंधित द्रव्यों का दान करें।राशि का निर्धारण जन्मकुण्डली से होने वाली राशि से है। यदि आपकी कुंडली नहीं है या आपको अपना राशि नाम स्मरण नहीं है तो अपने नाम राशि के स्वामी ग्रह के अनुसार जप व दान करें।
इस प्रकार वैशाख माह में घर पर रहकर ही उपर्युक्त उपाय करके अपना आध्यात्मिक उत्कर्ष कर सकते हैं जिससे आपके दैहिक,दैविक व भौतिक संतापों का नाश होगा व आपका जीवन खुशियों से आच्छादित होगा।