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Shani Dev Mandir: ये हैं शनिदेव के 6 मंदिर, जिनके दर्शन से दूर होता है शनिदोष

Updated Dec 05, 2020 | 06:28 IST

Shani Dev Temple: यदि कुंडली में शनिदोष हो तो शनिदेव के इन 6 सिद्ध मंदिरों में मनुष्य को पूजा के लिए जरूर आना चाहिए। मान्यता है कि यहां दर्शन मात्र से मनुष्य के शनि से जुड़े दोष दूर हो जाते हैं।

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Shani Dev Temple, शनिदेव मंदिर
मुख्य बातें
  • शनिदेव के मंदिर में जाकर दर्शन करने से दूर होते हैं कष्ट
  • शनिदेव के ये 6 मंदिर अपने चमत्कार के लिए जाने जाते हैं
  • साढ़े साती, ढैय्या और शनि के वक्री दृष्टी से मिलती है मुक्ति

शनिदेव न्याय के देवता माने गए हैं। यदि शनिदेव किसी से प्रसन्न हों तो वह मनुष्य रंक से राजा बन सकता है और क्रोधित हों तो राजा से रंक बन जाता है। इसलिए शनिदेव की कृपा बनाए रखने के लिए जरूरी है कि उनके निमित्त पूजा पाठ हमेशा करते रहना चाहिए।

शनिदेव के 6 मंदिरों के बारे में कहा जाता है कि यहां आने से मनुष्य के शनि से जुड़े सभी दोष दूर हो जाते हैं और उसे सभी कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। शनि की वक्र दृष्टि से हर किसी को बच के रहना चाहिए। इसलिए आइए आपको कुछ प्रसिद्ध शनिदेव के मंदिरों के बारे में बताएं, जहां शनिदोष से मुक्ति के लिए कभी-कभी जरूर आना चाहिए।

ये हैं शनिदेव के प्रसिद्ध मंदिर

कोकिलावन धाम शनि मंदिरयूपी के मथुरा स्थित कोसीकलां में सूर्यपुत्र भगवान शनिदेव का मंदिर बहुत ही चमत्कारिक माना गया है। शनिदेव का ये मंदिर नंदगांव, बरसाना और श्री बांकेबिहारी मंदिर के पास ही स्थित है। मान्यता है कि यदि किसी मनुष्य पर शनि की वक्री दृष्टी है तो उसे यहां दर्शन के लिए जरूर आना चाहिए।

साथ ही यहां मंदिर में शनिदेव की पूजा के बाद परिक्रमा करने पर मनुष्य की सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार यहां शनिदेव को खुद भगवान कृष्ण ने दर्शन दिया था और उन्हें वरदान दिया था कि जो भी यहां आकर पूजा करेगा और परिक्रमा करेगा उसके सारे ही शनिदोष दूर हो जाएंगे।

शनि मंदिर, उज्जैन :  मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित सांवेर रोड पर प्राचीन शनि मंदिर में दर्शन करने से शनिदोष दूर हो जाते हैं। इस मंदिर में नवग्रह स्थापना भी है, इसलिए इसे नवग्रह मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।

इस मंदिर में उन लोगों को जरूर आना चाहिए जिन पर शनि की साढ़े साती, ढैय्या या वक्री दृष्टी हो। ऐसे लोगों को यहां आकर दर्शन पूजन जरूर करना चाहिए। मंदिर के पास से ही शिप्रा नदी बहती है, जिसे त्रिवेणी संगम भी कहा जाता है।

शनि मंदिर, महाराष्ट्र : महाराष्ट्र के शिगंणापुर नामक गांव में स्थित शनि मंदिर बहुत ही चमत्कारिक मना गया है। यह पूरा गांव ही देश भर में बहुत खास मायने रखता है। यहां शनिदेव की प्रतिमा खुले आसमान के नीचे है और मंदिर में में कोई छत नहीं है। इतना ही नहीं इस गांव में कभी कोई अपने घर में ताला नहीं लगता है। इस गांव की रक्षा स्वयं शनिदेव करते हैं। मान्यता है कि यहां शनिदेव की शक्ति बहुत ज्यादा है और जो भी शनिदेव के शरण में आता है उसके कष्ट जरूर दूर हो जाते हैं7

शनि मंदिर, इंदौर : मध्यप्रदेश के इंदौर में शनिदेव का मंदिर कई मायनों में बहुत महत्वपूर्ण हैं। यहां पर भगवान शनि का 16 श्रृंगार किया जाता है। इंदौर के जूनी इंदौर इलाके में बना ये मंदिर चमत्कारिक माना गया है।

यह मंदिर काले पत्थरों से बना है। यहां भगवान को शाही वस्त्र पहनाए जाते हैं और बहुत खास तरह से उनका श्रृंगार होता है। शनिदेव भगवान के इस मंदिर में आकर शनि कष्ट से मुक्ति के लिए प्रार्थना जरूर करनी चाहिए।

शनिश्चरा मंदिर, ग्वालियर : ग्वालियर स्थित शनि मंदिर अति प्राचीन है। मान्यता है कि यहां शनिदेव का जो पिंड है उसे हनुमानजी ने लंका से फेंका था और यहीं आकर ये पिंड गिरा था। उसके बाद शनिदेव की यहीं स्थापना कर दी गई।

यहां शनिदेव की पूजा करने के बाद उन्हें सरसों या तिल का तेल चढ़ाया जाता है और उसके बाद शनिदेव से गले मिलकर अपने कष्ट कहे जाते हैं। ऐसा करने से शनि उस व्यक्ति की सारी तकलीफें दूर कर देते हैं।

सारंगपुर कष्टभंजन हनुमान मंदिर, गुजरात : गुजरात में भावनगर स्थित सारंगपुर में भगवान हनुमान का एक प्राचीन मंदिर है, जिसे कष्टभंजन हनुमानजी के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर अपने आप में ही खास है क्योंकि इस मंदिर में भगवान हनुमान के साथ शनिदेव विराजित हैं।

यहां शनिदेव स्त्री रूप में हनुमान के चरणों में बैठे हैं। इस मंदिर को लेकर कहा जाता है कि यदि किसी भी भक्त की कुंडली में शनि दोष हो तो कष्टभंजन हनुमान के दर्शन और पूजा-अर्चना करने से सभी दोष खत्म हो जाते है।

शनिदेव के इन मंदिरों का अपने जीवनकाल में हर किसी को दर्शन जरूर करना चाहिए। इससे शनिदेव की ओर से मिलने वाले कष्ट से आजीवन मुक्ति मिल जाती है।

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