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भारतीय शाद‍ियों में क्‍यों खास है हल्‍दी की रस्‍म, जानें ये बातें

Updated Sep 03, 2019 | 12:46 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

Haldi Ceremony : ब‍िना हल्‍दी की रस्‍म के भारतीय शादी पूरी नहीं होती। खुश‍ियों की शुरुआत करने वाली इस परंपरा क‍िस वजह से शुरू की गई है, यहां जानें वो खास बातें

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तस्वीर साभार:&nbspGetty Images
शुद्ध‍ि और सात्‍व‍िक व‍िचारों से जुड़ी है हल्‍दी

भारतीय व‍िवाह की रस्‍म चाहे उत्‍तर में न‍िभाई जा रही हो या पूरब, पश्‍च‍िम और दक्ष‍िण में - हल्‍दी की रस्‍म हर जगह न‍िभाई जाती है। भारतीय रसोई के अलावा परंपराओं में भी हल्‍दी को एक खास जगह दी गई है। शादी की तमाम रस्‍मों से पहले दूल्‍हा और दुल्‍हन को हल्‍दी लगाई जाती है। दरअसल हल्‍दी को सुरक्षा का प्रतीक माना जाता है, इसलिए व‍िवाह परंपराओं में इसे इतना खास स्‍थान द‍िया गया है। 

जानकारों के मुताब‍िक, हल्‍दी में जो गुण होते हैं, उससे वह शरीर ही नहीं आत्‍मा को भी शुद्ध करने वाली मानी जाती है। वैसे भी पीले रंग को भारतीय मान्‍यताओं में शुद्ध‍ि और सात्‍व‍िक व‍िचारों से जोड़ा गया है। भारतीय शाद‍ियों में उसे जोड़ने का एक अर्थ ये भी है क‍ि होने वाले पत‍ि-पत्‍नी साफ मन व शुद्ध आत्‍मा से एक नई ज‍िंदगी की शुरुआत करें।

इसके अलावा व‍िवाह परंपराओं में हल्‍दी को जोड़ने की एक वजह ये भी है क‍ि इसे आशीर्वाद का स‍िंबल माना जाता है। नवव‍िवाह‍ित जोड़े को आगे तमाम खुश‍ियां म‍िलें और उनकी जिंदगी में कोई बाधा न आए, इसलिए परंपराओं के मुताब‍िक, घर की मह‍िलाएं दूल्‍हा और दुल्‍हन को हल्‍दी लगाती हैं। साथ ही हल्‍दी लगाने की एक वजह नए जोड़े को बुरी नजर से बचाना भी होता है। यही वजह है क‍ि हल्‍दी लगाने के बाद दूल्‍हा औा दुल्‍हन को शादी से पहले घर से न‍िकलने की मनाही होती है। 

चेहरे की दमक बढ़ाने के ल‍िए भी हल्‍दी का लेप खासतौर पर दुल्‍हन को लगाया जाता है। हल्‍दी के एंटीसेप्‍ट‍िक गुण क‍िसी से छ‍िपे नहीं हैं। ल‍िहाजा तनाव, दौड़भाग और कॉस्‍मेट‍िक्‍स के असर से दुल्‍हन के न‍िखार को बचाने के ल‍िए भी हल्‍दी का लेप प्रयोग में लाया जाता है। 

एक वेबसाइट के मुताब‍िक, हल्‍दी से घबराहट पर भी काबू पाया जा सकता है। नई ज‍िम्‍मेदार‍ियां और शादी की रस्‍में दुल्‍हन को परेशान कर सकती हैं, ऐसे में नर्वसनेस कंट्रोल करने के ल‍िए हल्‍दी का प्रयोग क‍िया जाता है। 

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