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Saraswati Puja 2022: बसंत पंचमी पूजा में कैसी होनी चाह‍िए मां सरस्‍वती की मूर्ति, ये स्‍वरूप देता है सबसे ज्‍यादा शुभ फल

Updated Feb 05, 2022 | 07:41 IST

Basant Panchami (Saraswati puja 2022) Vastu Tips: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां सरस्वती ब्रह्मा जी की पुत्री हैं। मान्यता है कि माता का जन्म ब्रह्मा जी के मन से हुआ था। जानें बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की कैसी मूर्ती की पूजा करनी चाह‍िए।

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basant panchami 2022: पूजा में कैसी हो मां शारदा की मूर्ति
मुख्य बातें
  • बसंत पंचमी का दिन मां सरस्वती को अत्यंत प्रिय है।
  • कमलपुष्प पर विराजमान मां सरस्वती को ज्ञान और विद्या की अधिष्ठात्री भी कहा जाता है।
  • मां सरस्वती की मूर्ती हमेशा सौम्य, सुंदर और आशीर्वाद वाली मुद्रा में होनी चाहिए।

Vastu Tips For basant panchami 2022: बसंत पंचमी का दिन मां सरस्वती को अत्यंत प्रिय है। हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष माघ माह के शुक्लपक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का पावन पर्व मनाया जाता है, इस बार बसंत पंचमी आज यानी 05 फरवरी 2022, शुक्रवार को है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां सरस्वती ब्रह्मा जी की पुत्री हैं। मान्यता है कि माता का जन्म ब्रह्मा जी के मन से हुआ था। कमलपुष्प पर विराजमान मां हंसवाहिनी को ज्ञान और विद्या की अधिष्ठात्री भी कहा जाता है। बसंत पंचमी के दिन विधि विधान से मां सरस्वती की पूजा अर्चना करने से व्यक्ति संगीत, कला और शिक्षा के क्षेत्र में सफल होता है और मां शारदा का आशीर्वाद अपने भक्तों पर सदैव बना रहता है।

वास्तु शास्त्र में मां सरस्वती की प्रतिमा खरीदने के कुछ खास नियम बताए गए हैं। कमल पुष्प पर विराजमान माता के हाथों में वीणा, माला और पुस्तक विराजमान है। ऐसे में माता की प्रतिमा खरीदते समय इसका खास ध्यान रखें। वास्तुशास्त्र के अनुसार पूर्व या उत्तर दिशा में माता की मूर्ती स्थापित करनी चाहिए। ऐसे में इस लेख के माध्यम से हम आपको वास्तुशास्त्र के अनुसार मां सरस्वती की मूर्ती खरीदने व स्थापित करने के कुछ खास नियम बताएंगे।

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वास्तुशास्त्र के ऐसी होनी चाहिए मां सरस्‍वती की मूर्ती

  • ध्यान रहे घर में मां सरस्वती की मूर्ती कमल पुष्प पर विराजमान बैठी हुई मद्रा में होनी चाहिए। खड़ी हुई मुद्रा में माता की मूर्ती स्थापित करना शुभ नहीं माना जाता।
  • वास्तुशास्त्र के अनुसार मां सरस्वती की मूर्ती हमेशा सौम्य, सुंदर और आशीर्वाद वाली मुद्रा में होनी चाहिए। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार वीणा वादिनी मां सरस्वती की कृपा से संपूर्ण संसार में जीव जंतुओं को वाणी प्राप्त हुई थी। 
  • मूर्ती खरीदते समय ध्यान दें कि प्रतिमा खंडित ना हो। वास्तुशास्त्र के अनुसार खंडित मूर्ती से घर में नकारात्मकता का वास होता है।
  • बसंत पंचमी की पूजा करते समय पूजा स्थल पर भूलकर भी मां सरस्वती की दो प्रतिमा स्थापित ना करें।

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बसंत पंचमी पर तीन चीजों का करें पूजन

वीणा

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां सरस्वती को वीणा अत्यंत प्रिय है। इसलिए बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा अर्चना करते समय वीणा को भी रखें। इससे घर में सुख शांति का वास होता है और बच्चों में रचनात्मकता बढ़ती है।

मोर का पंख

सनातन धर्म में मोर के पंख को काफी पवित्र माना जाता है, मां सरस्वती को भी मोर का पंख काफी प्रिय है। मान्यता है कि घर में मोर का पंख रखने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और बच्चों का बौद्धिक विकास होता है। ऐसे में माता की मूर्ती स्थापित करते समय मोर का पंख अवश्य रखें।

कलम और किताब

मां सरस्वती को ज्ञान और विद्या की देवी कहा जाता है। ऐसे में पूजा करते समय कलम और पेन जरूर रखें। इससे आपके बच्चों का बौद्धिक विकास होता है और शिक्षा के क्षेत्र में सफलता हासिल होती है।

Disclaimer: इस लेख में दी गई समस्त जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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