- हर वर्ष वैशाख के शुक्ल पक्ष की तृतीया पर पड़ता है अक्षय तृतीया का पर्व।
- धार्मिक पहलू के हिसाब से अक्षय तृतीया व्रत है बेहद महत्वपूर्ण, शुभ कार्यों की भी होती है शुरुआत।
- मान्यता अनुसार अक्षय तृतीया पर खरीदी गई चीजें घर में करती हैं बढ़ोतरी, जानिए इस वर्ष का तिथि-मुहूर्त।
हर वर्ष वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया कहा जाता है। सनातन धर्म के अनुसार, यह दिन बेहद विशेष है क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। विष्णु पुराण के अनुसार, भगवान विष्णु का प्रिय महीना वैशाख माह होता है और इस महीने में भगवान विष्णु की पूजा करना बेहद लाभदायक माना जाता है।
अक्षय तृतीया पर भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी पाप नाश होते हैं तथा जीवन में सुख-समृद्धि बढ़ती है। इतना ही नहीं अक्षय तृतीया पर भगवान परशुराम का भी जन्म हुआ था इसीलिए यह दिन भगवान परशुराम के जन्मोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है। अक्षय तृतीया पर लोग सोने-चांदी की वस्तुएं खरीदते हैं।
यह मान्यता है कि इस दिन ऐसी वस्तुएं खरीदने से घर में बढ़ोतरी होती है तथा भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है।
यहां जानें, अक्षय तृतीया की तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व।
अक्षय तृतीया तिथि और शुभ मुहूर्त (Akshaya Tritiya Tithi and Shubh Muhurat)
अक्षय तृतीया तिथि: - 14 मई 2021, शुक्रवार
तृतीया तिथि आरंभ: - 14 मई 2021 (सुबह 05:38)
तृतीया तिथि समाप्त: - 15 मई 2021 (सुबह 07:59)
अक्षय तृतीया पूजा मुहूर्त: - सुबह 05:38 से लेकर दोपहर 12:18
अक्षय तृतीय का महत्व (Significance of Akshaya tritiya)
धार्मिक पहलू के हिसाब से अक्षय तृतीया बेहद महत्वपूर्ण तिथि मानी गई है। ज्योतिषी बताते हैं कि अक्षय तृतीया पर अबूझ मुहूर्त का योग बनता है जो बेहद शुभ है। कहा जाता है कि अक्षय तृतीया पर कोई भी शुभ कार्य की शुरुआत की जा सकती है और इसके लिए शुभ मुहूर्त देखने की आवश्यकता नहीं है।
मान्यताओं के अनुसार अक्षय तृतीया पर दान पुण्य जैसे शुभ कार्य करने से अक्षय फल मिलता है। सोने-चांदी की वस्तुएं खरीदने से घर में बढ़ोतरी होती है तथा सुख-समृद्धि का वास होता है। अक्षय तृतीया पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करना बेहद मंगलमय होता है। स्थिति पर भगवान परशुराम की पूजा करना भी बेहद लाभदायक माना जाता है।