- 6 जून 2021 को रविवार के दिन मनाई जाएगी अपरा एकादशी।
- भक्त अपरा एकादशी पर करते हैं भगवान विष्णु की पूजा।
- ऋषि और एक राजा के प्रेत की मुक्ति से जुड़ी है इसकी कथा
Apara Ekadashi 2021 Katha in Hindi: वर्ष की 24 एकादशियों में से एक अपरा एकादशी आ गई है। यह व्रत 6 जून 2021 को रविवार के दिन रखा जा रहा है। पौराणिक मान्यता के अनुसार अपरा एकादशी पर सुबह गंगा या अन्य किसी पवित्र जल में स्नान करना चाहिए। इसके अतिरिक्त अपरा एकादशी पर किसी धार्मिक स्थल पर दान पुण्यकारी होता है।
अपरा एकादशी के अवसर पर भगवान विष्णु की होती है और साथ ही इस दौरान व्रत कथा पढ़े जाने का विशेष महत्व है। यहां आप अपरा एकादशी की व्रत कथा (Apara Ekadashi Katha 2021) को पढ़ सकते हैं।
यहांं पढ़िए अपरा एकादशी 2021 के लिए व्रत कथा (Apara Ekadashi 2021 Vrat Katha)
प्राचीन काल में महीध्वज नाम का एक धर्मात्मा राजा था, जिसका छोटा भाई वज्रध्वज बड़ा ही क्रूर और अधर्मी था। इसी स्वभाव के वशीभूत होकर छोटा भाई बड़े भाई को मारना चाहता था। एक दिन अवसर पाकर रात्रि में उस पापी छोटे भाई ने बड़े भाई महीध्वज की हत्या कर दी और शव को जंगल में एक पीपल के नीचे गाड़ दिया। अकाल मृत्यु के चलते राजा प्रेतात्मा रूप में उसी पीपल पर रहने लगा।
प्रेतात्मा होने की वजह से वह इस जगह एक आस पास उत्पात करने लगा। एक दिन धौम्य नाम के एक ॠषि पीपल के समीप से गुजरे, तो उन्होंने इस प्रेत को देखा। ॠषि ने अपने तपोबल से प्रेत के उत्पात का कारण समझ लिया। सबकुछ जानने के बाद ॠषि ने उस प्रेत को पीपल के पेड़ से उतारा और उसे परलोक विद्या का उपदेश दिया।
दयालु ॠषि ने राजा को प्रेत योनि से मुक्ति भी दिलाई और इसके लिए स्वयं ही अपरा एकादशी का व्रत किया, साथ ही द्वादशी के दिन व्रत पूरा होने पर व्रत का पुण्य प्रेत को दे दिया। जिसके पुण्य के परिणाम स्वरूप राजा को प्रेत योनि से मुक्ति मिल गई। ॠषि को धन्यवाद देकर वह स्वर्ग को चला गया। इस प्रकार अपरा एकादशी की कथा पढ़ने या सुनने से मनुष्य को सब पापों से मुक्ति मिल जाती है।