लाइव टीवी

Chitragupt Puja 2021: ब्रह्मा जी के काया से हुई चित्रगुप्त महाराज की उत्पत्ति, कब है चित्रगुप्त पूजा और शुभ मुहुर्त?

Updated Nov 05, 2021 | 16:46 IST

Chitragupt Puja 2021 Date and Muhurat: चित्रगुप्त महाराज को देवलोक में धर्म का अधिकारी भी कहा जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान चित्रगुप्त जी की उत्पत्ति सृष्टिकर्ता बह्मा जी की काया से हुई।

Loading ...
चित्रगुप्त पूजा 2021 का मुहूर्त
मुख्य बातें
  • चित्रगुप्त पूजा का सनातन धर्म में विशेष महत्व है।
  • धार्मिक ग्रंथो के अनुसार चित्रगुप्त महाराज मनुष्य के पापों का लेखा जोखा करते हैं।
  • इस दिन चित्रगुप्त महाराज की पूजा अर्चना करने से नरक की यातनाओं से मिलती है मुक्ति और सभी पापों का होता है नाश।

Chitragupt Puja 2021 Date, Shubh Muhurat in Hindi: हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि को चित्रगुप्त पूजा की जाती है। इस बार चित्रगुप्त पूजा का पावन पर्व 6 नवंबर 2021, शनिवार को है। चित्रगुप्त पूजा का सनातन धर्म में विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देवताओं के लेखपाल चित्रगुप्त महाराज मनुष्य के पापों का लेखा जोखा करते हैं। लेखन कार्य से भगवान चित्रगुप्त का जुड़ाव होने के कारण इस दिन कलम, दवात और बहीखातों की भी पूजा की जाती है।

इस दिन चित्रगुप्त महाराज की पूजा अर्चना करने से नरक की यातनाओं से मुक्ति मिलती है तथा सभी पाप नष्ट होते हैं। ऐसे में इस लेख के माध्यम से आइए जानते हैं कब है चित्रगुप्त पूजा का पावन पर्व, पूजा का शुभ मुहूर्त और कैसे हुई चित्रगुप्त महाराज की उत्पत्ति।

चित्रगुप्त पूजा 2021:

इस बार चित्रगुप्त पूजा का पावन पर्व 6 नवंबर 2021, शनिवार को है। हिंदू पंचांग के अनुसार 5 नवंबर 2021, शुक्रवार को रात 11 बजकर 15 मिनट से द्वितीया तिथि प्रारंभ हो जाएगी और शाम 07 बजकर 44 मिनट पर समाप्त होगी। इस दिन चित्रगुप्त महाराज की पूजा अर्चना करने से नरक की यातनाओं से मुक्ति मिलती है। आइए जानते पूजा का शुभ मुहूर्त।

पूजा का शुभ मुहूर्त:

चित्रगुप्त पूजा का शुभ मुहूर्त 6 नवंबर 2021, शनिवार को दोपहर 1 बजकर 15 मिनट से शाम 3 बजकर 25 मिनट तक है। यानि पूजा की कुल अवधि 1 घंटे 50 मिनट है।

कैसे हुई चित्रगुप्त महाराज की उत्पत्ति:

स्कंद पुराण में वर्णित कथा के अनुसार चित्रगुप्त महाराज को देवलोक में धर्म का अधिकारी भी कहा जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान चित्रगुप्त जी की उत्पत्ति सृष्टिकर्ता बह्मा जी की काया से हुई। जब भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की तब यमराज के पास मृत्यु एवं दण्ड देने का कार्य अधिक होने के कारण सही से नही हो पा रहा था। ऐसे में यमदेव ने ब्रह्मा जी से प्रार्थना कर एक योग्य मंत्री की मांग की, जो उनके लेखे जोखे का काम संभाल सके।

ब्रह्मा जी ने अपनी काया से चित्रगुप्त महाराज की उत्पत्ति की। वहीं एक दूसरी कथा के अनुसार चित्रगुप्त महाराज की उत्पत्ति समुद्र मंथन से हुई। धार्मिक ग्रंथो के अनुसार समुद्र मंथन से जिन 14 रत्नों की प्राप्ति हुई थी, उनमें से चित्रगुप्त महाराज की उत्पत्ति हुई।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (Spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल