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Lakshmi Puja Muhurat Time: जानिए अपने शहर में लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त, पूजा सामग्री और महा लक्ष्मी मंत्र

Updated Nov 14, 2020 | 14:10 IST

Diwali 2020 Laxmi Pujan Timing Today: दिवाली के दिन माता लक्ष्मी धरती पर अपने घरों में विचरण करती हैं। इसी दिन महालक्ष्मी पूजा का विशेष महत्व है। जानिए अपने शहर में लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त...

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Laxmi Pujan Shubh Muhurat
मुख्य बातें
  • दिवाली में लक्ष्मी पूजन में सबसे अधिक महत्व होता है।
  • दिवाली में इस साल लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त 1 घंटे 55 मिनट का है।
  • प्रदोष काल मुहूर्त शाम 5 बजकर 18 मिनट से लेकर रात 7 बजकर 13 मिनट तक रहेगा।

मुंबई. दिवाली के दिन महालक्ष्मी का पूजन होता है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार इस दिन माता लक्ष्मी धरती पर आती हैं और अपने भक्तों के घरों पर विचरण करती हैं। लक्ष्मी पूजन में सबसे अधिक महत्व होता है मुहूर्त का।

दिवाली में इस साल लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त 1 घंटे 55 मिनट का है। शाम 5 बजकर 18 मिनट से लेकर रात 7 बजकर 13 मिनट तक आप महा लक्ष्मी पूजन कर सकते हैं।

 प्रदोष काल मुहूर्त शाम 5 बजकर 18 मिनट से लेकर रात 7 बजकर 13 मिनट तक रहेगा। अमवास्या की तिथि की शुरुआत 14 नवंबर दिन 2.17 बजे से शुरू होगी। अमावस्या 15 नवंबर सुबह 10 बजकर 36 मिनट खत्म हो जाएगी।          

जानिए अपने शहर का शुभ मुहूर्त (Diwali Lakshmi Puja Shubh Muhurat)

  • नोएडा: 05:28 PM-07:23 PM
  • दिल्ली: 05:28 PM - 07:24 PM 
  • मुंबई: 06:01 PM - 08:01 PM 
  • कोलकाता: 04:54 PM - 06:52 PM 
  • मुंबई: 06:01 PM - 08:01 PM
  • बेंगलुरु: 05:52 PM - 07:54 PM
  • चेन्नई: 05:41 PM - 07:43 PM
  • अहमदाबाद: 05:57 PM - 07:55 PM
  • चंडीगढ़: 05:26 PM - 07:21 PM
  • पुणे:  05:58 PM - 07:59 PM
  • जयपुर: 05:37 PM - 07:33 PM
  • हैदराबाद: 05:42 PM - 07:42 PM
  • गुड़गांव: 05:29 PM - 07:25 PM

ये होगी पूजन सामग्री
महालक्ष्मी पूजन की सामग्री में लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा सबसे अहम है। इसके अलावा शमी का पत्ता, कुमुकम, रोली, पान, गंगाजल, धनिया, गुड़, श्वेस वस्त्र, जनेऊ, चौकी, इत्र, सुपारी, नारियल, चावल का इस्तेमाल होता है।

इलायची, लौंग, कपूर, धूप, मिट्टी, अगरबत्तियां, रूई, दीपक, कमल गट्टे का माला, फूल, फल, गेहूं, जौ, दूर्वा, सिंदूर, चंदन, पंचामृत, मेवे, दूध, बताशे, खील, कलावा, दही, शहद, कलश, चंदन, चांदी का सिक्का, बैठने के लिए आसन, हवन कुंड, हवन सामग्री, आम के पत्ते का इस्तेमाल किया जाता है।  
        

महा लक्ष्मी का मंत्र
ऊँ हिरण्य वर्णा हरिणीं सुवर्णरजस्त्राम

चंद्रा हिरण्यमयी लक्ष्मी जात वेदो म्आवह।

'तामं आवह जात वेदो

लक्ष्मी मनपगामिनीम्

यस्या हिरण्यं विदेयं

गामश्वं पुरुषानहम्

अश्वपूर्वा रथमध्यां

हस्तिनाद प्रमोदिनीम्

श्रियं देवी मुपव्हयें

श्रीर्मा देवी जुषताम।।

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