- आज के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है
- नवरात्रि के आठंवे और नवें दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व है
- इन दो दिन कन्या पूजन बेहद शुभ माना जाता है
आज पूरे देश में नवरात्रि का नवां दिन यानि नवमी मनाई जा रही है। आज के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है। नवरात्रि के आठंवे और नवें दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व है। इन दो दिन कन्या पूजन बेहद शुभ माना जाता है।
महानवमी के दिन इन पूजी जाने वाली कन्याओं को मां दुर्गा का ही अलग अलग रूप माना जाता है। अष्टमी और नवमीं वाले दिन पूजा और हवन करने के बाद हलवा, पूरी और चने का भोग लगाया जाता है। हिंदू धर्म में कुंवारी कन्याओं को मां दुर्गा के समान पवित्र और पूजनीय माना गया है। ऐसा माना जाता है कि देवी दुर्गा पूजा पाठ से इतनी खुश नहीं होती जितनी खुश वह तब होती है जब किसी कन्या का पूजन किया जाता है। यहां जानें कान्या पूजा का शुभ मुहूर्त एवं पूजा विधि के बारे में...
नवमी 07 अक्टूबर 2019 के दिन कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त-
सुबह 10 बजकर 42 मिनट से 12 बजकर 09 मिनट तक
नवरात्रि में कन्या पूजन की सही विधि-
- कन्या पूजन के बिना नवरात्रि पूजा के फल की प्राप्ति नहीं होती है। कंजक में 9 कन्याओं को जरूर बैठाएं।
- सर्वप्रथम कन्याओं का चरण फूल की थाली में जल में डालकर उसको धोएं। मान्यता है कि ऐसा करने से पापों का शमन होता है।
- फिर उनको तिलक लगाकर पंक्तिबद्ध बैठाएं।
- हाथ में रक्षासूत्र बांधें और उनके चरणों में पुष्प अर्पित करें।
- इसके पश्चात नई थाली में कन्याओं को पूड़ी, हलवा, चना इत्यादि भोजन श्रद्धा पूर्वक परोसें। फिर मिष्ठान और प्रसाद देकर कुछ द्रव्य और वस्त्र का दान करें।
- जब कन्याएं भोजन कर लें तो उन्हें शक्तिस्वरूपा देवी मानकर पुनः उनकी आरती करें और उनके चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लें।
- यदि आप किसी भी ग्रह से पीड़ित हों या जीवन में बहुत परेशानियां आ रहीं हों तो नवरात्रि में कन्या पूजन अवश्य करें। कन्या शक्ति होती है। हमारे भारतीय संस्कृति में नारी शक्ति की पूजा की जाती है। कहा जाता भी है कि जहां नारी की पूजा होती है वहीं देवताओं का वास भी होता है।
नवरात्र में बिना कन्या पूजा के व्रत अधूरा माना जाता है। कन्या पूजा अष्टमी या फिर नवमी के दिन की जाती है। इन नौ कन्याओं को देवी के नौ स्वरूप माने जाते हैं और इनकी पूजा की जाती है।