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Janmashtami 2021 Vrat niyam: सप्तमी तिथि से लागू हो जाते हैं जन्‍माष्‍टमी व्रत के नियम, नोट करें जरूरी बातें

Updated Aug 30, 2021 | 12:07 IST

Janmashtami Pooja Vidhi | भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद यानि भादव मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को हुआ था। शास्त्रों में वर्णित नियमों के अनुसार इस दिन व्रत रखने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

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जन्माष्टमी व्रत के नियम और भगवान कृष्ण की पूजा विधि
मुख्य बातें
  • इस साल 30 अगस्त 2021 को मनाया जाएगा जन्माष्टमी का पावन पर्व।
  • जन्माष्टमी से एक दिन पहले करें सात्विक भोजन ग्रहण और ब्रम्हचर्य का पालन।
  • भगवान श्री कृष्ण को कराएं पंचामृत से स्नान, होगी विशेष फल की प्राप्ति।

नई दिल्ली: श्री कृष्ण  जन्मोत्सव यानि जन्माष्टमी  30 अगस्त को मनाया जा रहा है। मथुरा,वृंदावन  समेत भारत में यह पर्व बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। श्रद्धालु और भक्त एक दिन पहले से ही इस पर्व की तैयारी में लग जाते हैं। इस दिन व्रत रखने का विशेष महत्व होता है जो बेहद पुण्यदायी माना गया है।

शास्त्रों में वर्णित नियमों के अनुसार इस व्रत को रखने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और विशेष फल की प्राप्ति होती है। इस व्रत के दौरान भक्तों को एक दिन पहले से सात्विक भोजन करना होता है। सूर्यास्त के बाद पानी पीना वर्जित माना गया है। लेख के माध्यम से जानते हैं जन्माष्टमी पर व्रत रखने के नियम और सूर्यास्त के बाद पानी पीना क्यों होता है वर्जित।

सप्तमी तिथि से लागू हो जाते हैं नियम

जन्माष्टमी के व्रत में भी सप्तमी तिथि से व्रत के नियम प्रारंभ हो जाते हैं। क्योंकि एकादशी से पहले दशवीं तिथि को भी व्रत के नियम लागू हो जाते है।  सप्तमी के दिन से आप तामसिक भोजन यानि लहसन प्याज, हरी पत्तेदार सब्जियां, बैंगन मूली आदि का त्याग कर दें और सात्विक भोजन कर ब्रम्हचर्य का पालन करें।

व्रत का लें संकल्प

जन्माष्टमी के दिन सुबह उठकर स्नान कर निवृत्त हो जाएं और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद सूर्य, सोम, यम, काल, संधि, भूत, पवन, भूमि, आकाश, खेचर, और ब्रम्हादि को नमस्कार कर पूर्व या उत्तर में मुख कर जल, फल, कुश और गंध लेकर व्रत का संकल्प लें और नीचे दिए मंत्रो का जाप करें।

ममखिलपापप्रशमनपूर्वक सवार्भीष्ट सिद्धये
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्ररमहं करिष्ये।।

व्रत के दौरान रसीले फलों का करें सेवन

इस दिन आप फलाहार या जलाहार व्रत रह सकते हैं। व्रत के दौरान सात्विक रहें और शाम की पूजा करने से पहले एक बार जरूर स्नान करें। फलों में आप तरबूज, खरबूज, ककड़ी, बैर आदि का सेवन कर सकते हैं। 

ऐसे करें जन्मोत्सव के दौरान श्रीकृष्ण की पूजा

जन्माष्टमी के अवसर पर रात्रि में भगवान के जन्मोत्सव से कुछ देर पूर्व पूजा की थाल सजा कर रख दें। पूजा की प्रक्रिया शुरु कर दें। जन्म केबाद श्री कृष्ण के बाल गोपाल रूपी प्रतिमा को पहले दूध, दही, शक्कर से स्नान कराएं इसके बाद घी का लेप लगाएं।

पंचामृत स्नान के बाद कान्हा को जल से स्नान कराएं। इसके बाद पीताम्बर, पुष्प और प्रसाद अर्पित करें। भगवान कृष्ण के भजन के बाद आरती जरूर करें। फिर भगवान को भोग लगाएं और उसके बाद आप प्रसाद को स्वयं ग्रहण के साथ परिवार के बाकी लोगों में भी वितरित कर सकते हैं। 

Krishna Janmashtami 2021 Puja Samagri List

  • बालगोपाल के लिए झूला
  • बालगोपाल की लोहे या तांबे की मूर्ति
  • बांसुरी
  • बालगोपाल के वस्त्र
  •  श्रृंगार के गहने
  •  बालगोपाल के झूले को सजाने के लिए फूल
  •  तुलसी के पत्ते
  •  चंदन
  • कुमकुम
  •  अक्षत
  • मिश्री
  • सुपारी
  • पान के पत्ते
  •  पुष्पमाला
  •  कमलगट्टे
  • तुलसीमाला
  • धनिया खड़ा
  • लाल कपड़ा
  •  केले के पत्ते
  •  शहद
  •  शकर,
  •  शुद्ध घी
  •  दही
  • मख्खन
  •  गंगाजल
  • धूप बत्ती
  • कपूर
  • केसर
  •  सिंदूर 

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