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Kartik Purnima 2019: जानें कब है कार्तिक पूर्णिमा और गुरु पर्व, क्‍या है इस दिन दीपदान का महत्‍व

Updated Nov 03, 2019 | 14:46 IST |

Kartik Purnima 2019: कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान, दीपदान और गरु पर्व का विशेष महत्व है। इस दिन किये जाने वाले दान-पुण्य के कार्य विशेष फलदायी होते हैं।

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Kartik Purnima 2019 Gurpurab Date
मुख्य बातें
  • हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व है
  • कार्तिक महीने में दीपक का विशेष महत्व है।
  • गंगा स्‍नान के बाद दीप दान का महत्‍व है

हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा कार्तिक पूर्णिमा कहलाती है जिसे त्रिपुरी पूर्णिमा या गंगा स्नान के नाम से भी जाना जाता है।  इस दिन किसी भी धार्मिक कार्य का सौ गुना फल प्राप्त होता है। इस बार कार्तिक पूर्णिमा 12 नवंबर को है। इस दिन लोग गंगा नदी में स्नान करते हैं।

कार्तिक महीने में दीपक का विशेष महत्व है। इसलिए इस दिन बनारस में देव दीपवली जो कि ठीक दीवाली के 15 दिन बाद मनाई जाती है, पड़ती है। माना जाता है कि गंगा स्‍नान  करने से पूरे साल जितना गंगा स्‍नान करने का फल प्राप्‍त होता है। गंगा स्‍नान के बाद दीप दान का महत्‍व है। इस दिन मौसमी फल (संतरा,सेब,शरीफा आदि), उड़द दाल, चावल और उजली चीजों का आदि का दान शुभ माना गया है।

कार्तिक पूर्णिमा 2019 तिथि (Kartik Purnima 2019 Tithi)
12 नवंबर 2019

सिखों का सबसे महत्वपूर्ण पर्व इसी दिन
कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही सिखों के पहले गुरु नानक देव जी का जन्म हुआ। उनका जन्म संवत 1526 को कार्तिक पूर्णिमा के दिन हुआ। सिख समुदाय के लोग इस दिन को प्रकाश उत्सव और गुरु पर्व (गुरु परब) के रुप में मनाते हैं। गुरु नानक देव सिख धर्म के पहले गुरु थे। गुरु पर्व सिखों का सबसे महत्वपूर्ण पर्वों में से एक है और इस दिन गुरु ग्रंथ साहिब में लिखे नानक देव की शिक्षाएं पढ़ी जाती हैं।  

गुरु नानक देव जी की जयंती देशभर में प्रकाश पर्व के रूप में मनाई जाती है। इस दिन प्रकाश उत्सव के दिन प्रभातफेरी निकाली जाती है जिसमें भारी संख्या में संगतें शिरकत करती हैं। इस दिन सभी गुरुद्वारे पर प्रकाश पर्व की रौनक बस देखती ही बनती है। अमृतसर का गोल्डन टेंपल भी इस दिन रोशनियों से जगमगा उठता है।  

दीप दान का विशेष महत्‍व-
ज्योतिषाचार्य सुजीत जी महाराज के अनुसार इस दिन दीप दान का विशेष पुण्य फल है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही संध्या काल में भगवान विष्णु का मत्स्यावतार हुआ था। इसलिए इस दिन विष्णु जी की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन गंगा स्नान के बाद दीप दान का पुण्य फल दस यज्ञों के बराबर होता है।

पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक दीपक प्रज्वलित करने के बाद पूजन करने से मां लक्ष्मी और सभी देवता आशीर्वाद देते हैं। इस तुलसी का चौरा, गंगा नदी में और मंदिर में दीपक जलाना बेहद शुभ माना जाता है।

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