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Maha navami 2019: नवरात्रि का नौवां दिन आज, जानें कैसे करें महानवमी में यज्ञ और कन्या पूजन

Updated Oct 07, 2019 | 09:40 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

Maha navami 2019: नव-दुर्गाओं में सिद्धिदात्री अंतिम हैं तथा इनकी पूजा से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। आज के दिन की गई पूजा से माता अपने भक्तों पर तुरंत प्रसन्न होती हैं।

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तस्वीर साभार:&nbspGetty Images
Mahanavami
मुख्य बातें
  • नवरात्रि के 9वें दिन माता के सिद्धिदात्री रूप की पूजा होती है
  • सिद्धिदात्री माता सरस्वती का भी रूप मानी जाती हैं
  • आज के दिन मां सिद्धिदात्री को नवाह्न प्रसाद, नवरस युक्त भोजन, नौ प्रकार के पुष्प और नौ प्रकार के फल अर्पित करें

नवरात्रि के 9वें दिन माता के सिद्धिदात्री रूप की पूजा होती है। आज के दिन मां सभी सिद्धियां और महाविद्या प्रदान करती हैं। माता कमल पर विराजमान हैं। हाथों में कमल, शंख, गदा, सुदर्शन चक्र विराजमान है। सिद्धिदात्री माता सरस्वती का भी रूप मानी जाती हैं। श्वेत वस्त्र में अलंकृत माता विद्या प्रदान करती हैं। नवरात्र के 9 वें दिन माता दुर्गा के इस रूप की पूजा होती है। 

नवमी शुभ मुहूर्त (Mahanavami Shubh Muhurt 2019):

  • नवमी तिथि शुरू: 06 अक्टूबर को 10: 54 am से
  • नवमी का समापन: 07 अक्टूबर को 12:38 pm पर
  • नवमी अभिजीत मुहूर्त: 7 अक्टूबर को प्रातः 11:46 से दोपहर 12:32 तक
  • नवमी तिथि अमृत काल मुहूर्त: सुबह 10:24 से दोपहर 12:10 तक

मां सिद्धिदात्री का मंत्र:
या देवी सर्वभू‍तेषु सिद्धिरूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमो नम:

नवमी के दिन ऐसे करें माता सिद्धिदात्री की पूजा 
आज के दिन मां सिद्धिदात्री को नवाह्न प्रसाद, नवरस युक्त भोजन, नौ प्रकार के पुष्प और नौ प्रकार के फल अर्पित करें। 
सबसे पहले कलश की पूजा व उसमें स्थपित सभी देवी-देवताओ का ध्यान करें।
इसके बाद माता के मंत्रो का जाप कर उनकी पूजा करें। 
आज के दिन अपने घर में नौ कन्याओं को भोग लगाएं। 

पूजा अर्चना के बाद अंतिम दिन इस विधि से करें हवन 
हवन करने से पहले हवन सामग्री को जुटा लें: आम की सूखी लकड़ी, घी, अक्षत, तिल जौ, हवन सामग्री बना बनाया लाना चाहें तो वो भी कर सकते हैं। उसमे तमाम औषधियों के तने, पत्ते, छाल का मिश्रण होता है। इसके अलावा एक सूखा नारियल या गोला, कलावा या लाल रंग का कपड़ा और एक हवन कुंड।

हवन शुरू करने से पहले सभी सामग्रियों पर गंगाजल छिड़क लें। इसके बाद हवनकुंड पर आम की सूखी लकड़ियां रखें और उसे घी के प्रयोग से जलाएं। मंत्र जाप कर माता के  नाम से आहुति दें। इसके बाद हवन सामग्री से हवन करें। आखिर में खीर और शहद से हवन करें। बाद में आरती करें और सभी को भभूत लगाएं। फिर कन्‍याओं को भोजन खिलाएं। 

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