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Mokshada ekadashi 2019 Date: कब है मोक्षदा एकादशी व्रत, जानें महत्व एवं पूजा विधि

Updated Nov 28, 2019 | 07:44 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

when is mokshada ekadashi vrat: कहा जाता है कि जो व्यक्ति इस जन्म में मोक्षदा एकादशी का व्रत नियमपूर्वक करता है उसे मृत्यु के बाद नर्क की यातनाओं से मुक्ति मिल जाती है। यहां जानें कब है मोक्षदा एकादशी का व्रत। 

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तस्वीर साभार:&nbspInstagram
Mokshada ekadashi 2019
मुख्य बातें
  • मोक्षदा एकादशी मार्गशीर्ष माह के शुक्तल पक्ष की एकादशी को पड़ती है
  • इस एकादशी का हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्व है
  • यह व्रत करने से व्यक्ति जीवन भर सुख भोगता है और अंत में मोक्ष को प्राप्त करता है

मोक्षदा एकादशी मार्गशीर्ष माह के शुक्तल पक्ष की एकादशी को पड़ती है। इस एकादशी का हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्व है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार मोक्षदा एकादशी का व्रत करने से जन्म एवं मृत्यु के बंधनों से मुक्ति मिल जाती है। इसके अलावा व्यक्ति को अपने जीवन के बुरे कर्मों और पापों से भी छुटकारा मिल जाता है।

कहा जाता है कि जो व्यक्ति इस जन्म में मोक्षदा एकादशी का व्रत नियमपूर्वक करता है उसे मृत्यु के बाद नर्क की यातनाओं से मुक्ति मिल जाती है। यह व्रत करने से व्यक्ति जीवन भर सुख भोगता है और अंत में मोक्ष को प्राप्त करता है। इसलिए इस एकादशी को मोक्षदा एकादशी कहा जाता है। इस वर्ष मोक्षदा एकादशी 8 दिसंबर को है।

मोक्षदा एकादशी के दिन की पूजा विधि

  • इस एकादशी के दिन प्रातःकाल सूर्योदय से पहले स्नान करके नया वस्त्र धारण करना चाहिए और भगवान श्रीकृष्ण का स्मरण करते हुए पूरे घर में गंगा जल का छिड़काव करना चाहिए।
  • बाल गोपाल और शालिग्राम भगवान को गंगाजल, गुलाबजल और दूध केसर से अभिषेक करें।
  • इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण और विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें और धूप, दीप, रोली और चंदन से भगवान की पूजा करें।
  • फिर भगवान को पीला फूल चढ़ाएं और घी का दीपक जलाकर आरती उताएं एवं धूप और बत्ती जलाएं।
  • भगवान श्रीकृष्ण को मोरपंख से सजाएं और गीता का पाठ करते हुए आरती उतारें।
  • इसके बाद भगवान को केले, माखन, मिस्री और गाय के शुद्ध दूध में बने पंचामृत का भोग लगाएं।
  • आसन पर बैठकर गीता के पूरे अट्ठारह अध्याय का पाठ करें। पाठ खत्म होने पर अपने बुरे कर्मों के लिए भगवान से क्षमा मांगें और सुख समृद्धि की कामना करें और पूरे घर में पवित्र गंगा जल छिड़कें।
  • पूजा समाप्त होने के बाद सभी को प्रसाद वितरित करें और गौ माता को घास और गुड़ खिलाएं।
  • मोक्षदा एकादशी के दिन गरीबों और जरूरतमंदों को दान देना भी फलदायी होता है। अगर संभव हो तो ब्राह्मणों को भोजन कराएं।

मोक्षदा एकादशी का महत्व

पुराणों के अनुसार मोक्षदा एकादशी का बहुत अधिक महत्व है। इस एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति को अपने जीवन के सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान विष्णु और तुलसी की पूजा की जाती है और भगवान विष्णु से सुख समृद्धि की कामना की जाती है।

कहा जाता है कि मोक्षदा एकादशी का व्रत करने से गंगा स्नान के बराबर फल की प्राप्ति होती है। मोक्षदा एकादशी के दिन ही भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का संदेश दिया था। इसलिए इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा का भी बहुत महत्व है।

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