- वैदिक काल में आर्य सूर्य को ही सारे जगत का कर्ता धर्ता मानते थे
- उनकी पूजा करने से आरोग्यता प्राप्त होती है
- भगवान सूर्य को समर्पित यह व्रत संतान की उन्नति के लिए भी लाभप्रद है
Ratha Saptami 2020 : हम सभी जानते हैं कि सूर्य से ही इस पृथ्वी पर जीवन है। वैदिक काल में आर्य सूर्य को ही सारे जगत का कर्ता धर्ता मानते थे। माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को रथ सप्तमी का पर्व मनाया जाता है जिसे अचला सप्तमी भी कहते हैं। माना जाता है कि इस दिन सूर्यदेव का जन्म हुआ था इसलिये इस दिन उनकी वेशेष रूप से पूजा की जाती है। उनकी पूजा करने से आरोग्यता प्राप्त होती है इसलिये इस व्रत को आरोग्य सप्तमी भी कहते हैं। भगवान सूर्य को समर्पित यह व्रत संतान की उन्नति के लिए भी लाभप्रद है।
Ratha Saptami 2020 Date
इस वर्ष रथ सप्तमी का पर्व 1 फरवरी, शनिवार को मनाया जाएगा।
Ratha Saptami 2020 Mantra : सूर्य देवता के इन मंत्रों में है दिव्य शक्ति-
''एहि सूर्य सहस्त्रांशो तेजोराशे जगत्पते।
अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणाध्र्य दिवाकर।''
Ratha Saptami 2020 Vrat Vidhi : रथ सप्तमी/अचला सप्तमी पर व्रत रखने की विधि-
- प्रातःकाल उठकर गंगा जल का प्रयोग कर स्नान आदि से निवृत हो जाएं।
- पूजा घर की साफ-सफाई कर वहां कुश या उचित आसान लगाकर घी का दीपक जलाएं।
- सुगंधित धूप बत्ती का प्रयोग करें।
- श्री गणेश उपासना के बाद सूर्य पूजा प्रारम्भ करें।
- भगवान भास्कर के सभी नामों का जप करें।
- उसके बाद गायत्री मंत्र का कम से कम 108 बार जप करें। यदि संभव हो तो पांच माला गायत्री का जप करना श्रेयस्कर है।
सूर्य देव की इस विधि से पूजा करने पर आपका जीवन सुख-समृद्धि और अच्छी सेहत से भर देंगे। यही नहीं इस दिन व्रत रखने से आपको अपने किये गए कार्य का जल्द ही फल मिलता है। इससे शरीर में नई ऊर्जा पैदा होती है।