Tulsi Vivah 2021 Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Time, Samagri, Mantra, Aarti: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को तुलसी विवाह मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु जी के अवतार शालीग्राम और देवी तुलसी का विवाह होता है। इस दिन को देवउठनी एकादशी या देवोत्थान एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान विष्णु चार माह के बाद इस दिन निद्रा से उठते हैं। ऐसे में मांगलिक कार्यों की भी शुरूआत होती है। एकादशी तिथि इस बार 15 नवंबर सुबह 6 बजकर 38 मिनट तक है। जबकि द्वादशी तिथि 15 नवंबर को है। तुलसी विवाह एकादशी एवं द्वादशी दोनों तिथियों में कर सकते हैं।
तुलसी विवाह के दिन भगवान विष्णु और तुलसी जी की पूजा होती है। हर सुहागन स्त्री को तुलसी विवाह जरूर करना चाहिए। इससे अंखड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही घर में सुख-समृद्धि आती है। पूजा के समय मां तुलसी को सुहाग का सामान और लाल चुनरी जरूर चढ़ाएं। साथ ही
गमले में शालीग्राम को साथ रखें और तिल चढ़ाएं। तुलसी और शालीग्राम को दूध में भीगी हल्दी का तिलक लगाएं। पूजा के बाद किसी भी चीज के साथ 11 बार तुलसी जी की परिक्रमा करें। पूजा खत्म होने पर शाम को भगवान विष्णु से जागने का आह्वान करें।
तुलसी विवाह के दिन घरों में चावल के आटे का चौक बनाकर उसपर गन्ने से पूजा की जाती है। कहते हैं इस पूजा में गन्ने का मंडप बनाया जाता है। ऐसा करने से भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है।
तुलसी विवाह के दिन कुछ खास उपाय करने से धन धान्य की प्राप्ति होती है। ऐसे में इस दिन महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते..। मंत्र का जाप नियमित रूप से करने से व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूर्ण होंगी।