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अलमाटी में अमन ने सीनियर स्तर पर जीता पहला अंतरराष्ट्रीय स्वर्ण, बजरंग को मिला कांस्य

Updated Jun 05, 2022 | 21:42 IST

भारत के युवा पहलवान अमन ने रविवार की सीनियर स्तर पर पहला अंतरराष्ट्रीय स्वर्ण पदक जीता वहीं बजरंग पूनिया को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
बजरंग पूनिया
मुख्य बातें
  • अमन ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सीनियर लेवल पर जीता पहला अंतरराष्ट्रीय स्वर्ण
  • बजरंग पूनिया को करना पड़ा कांस्य से संतोष
  • ज्यादा डिफेंसिव होने का बजरंग का उठाना पड़ा खामियाजा

अलमाटी: टोक्यो ओलंपिक के पदक विजेता भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया (65 किग्रा) ने काफी रक्षात्मक रणनीति अपनाने के कारण पहला मुकाबला गंवाने के बावजूद रविवार को बोलात तुरलिखानोव कप में कांस्य पदक प्राप्त किया जबकि अमन ने दबदबे भरा प्रदर्शन करते हुए 57 किग्रा वर्ग में सीनियर स्तर पर पहला स्वर्ण पदक अपने नाम किया।

बजरंद ने जीता कांस्य पदक
टोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता बजरंग शुरुआती मुकाबले में उज्बेकिस्तान के अब्बोस राखमोनोव के खिलाफ जूझते नजर आये और 3-5 से हार गये। लेकिन कांस्य पदक के प्ले-ऑफ में बेहतर प्रदर्शन कर उन्होंने कजाखस्तान के रिफत साइबोतालोव के खिलाफ जवाबी हमलों पर चतुराई से अंक जुटाये और 7-0 से जीत दर्ज की।

बजरंग ने साइबोतालोव पर दायें पैर से हमला किया और फिर जवाबी हमले पर दो अंक जुटाये। अठाईस साल के इस पहलवान ने बायें पैर के हमले को अंक में तब्दील किया और फिर घरेलू प्रबल दावेदार प्रतिद्वंद्वी के एक और प्रयास को विफल कर दिया। बजरंग अपने ‘मूवमेंट’ में काफी तेज थे जिसमें रक्षात्मकता और आक्रामकता के सही तालमेल ने अहम भूमिका अदा की।

डिफेंसिव होने का उठाना पड़ा खामियाजा
इससे पहले हालांकि राखमोनोव के खिलाफ अति रक्षात्मक होने का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा। बजरंग को अपने प्रतिद्वंद्वी के दो बार ‘फाउल प्ले’ के लिये चेतावनी दिये जाने पर दो अंक मिले। उज्बेकिस्तान के पहलवान ने बायें पैर के आक्रमण पर भारतीय पहलवान को ‘टेकडाउन’ (गिराकर) पर दो अंक जुटाकर स्कोर बराबर कर दिया। भारतीय पहलवान को राखमोनोव की निष्क्रियता से एक और अंक मिला और तब वह बढ़त बनाये थे। लेकिन मुकाबला खत्म होने से छह सेकेंड पहले ही थोड़े लापरवाह हो गये।

ऐसा लगता है कि बजरंग ने इसे आसान समझ लिया और सोचा कि रैफरी ने मुकाबला रोकने के लिये सीटी बजा दी है लेकिन राखमोनोव ने मौके का फायदा उठाते हुए पैर पर आक्रमण किया और अंत में उन्हें निर्णायक दो अंक मिल गये। बाद में राखमोनोव फाइनल में पहुंचे जिससे बजरंग को कांस्य पदक के लिये मुकाबला खेलने का मौका मिला।

अमन ने अपने खेल से किया प्रभावित
छत्रसाल स्टेडियम में टोक्यो ओलंपिक रजत पदक विजेता रवि दहिया के साथ ट्रेनिंग करने वाले अमन ने 57 किग्रा में काफी प्रभावित किया। उन्होंने शुरुआती मुकाबले में मेराम्बेक कार्टबे के खिलाफ 15-12 की जीत से शुरुआत की और फिर अब्दीमलिक कराचोव के खिलाफ तकनीकी श्रेष्ठता से जीत दर्ज की।

अमन ने जीता सत्र का तीसरा पदक
अपने अंतिम मुकाबले में अमन ने कजाखस्तान के मेरे बाजारबाएव को 10-9 से पराजित किया जिससे वह पांच पहलवानों के वर्ग के किसी भी मुकाबले में नहीं हारे और स्वर्ण पदक प्राप्त किया। यह अमन का इस सत्र का तीसरा पदक है। उन्होंने डान कोलोव में रजत और यासार डोगू में कांस्य पदक जीता था।

भारत ने रैंकिंग सीरीज में जीते कुल 12 पदक 
इस बीच विशाल कालीरमन (70 किग्रा) और नवीन (74 किग्रा) कांस्य पदक के मुकाबले हारकर पोडियम से चूक गये। गौरव बालियान (79 किग्रा) पदक दौर तक भी नहीं पहुंच सके जबकि दीपक पूनिया ने चोट के कारण 92 किग्रा में अपने मुकाबले में नहीं उतरने का फैसला किया जिसमें विकी अपनी दोनों बाउट हार गये। भारत ने इस तरह रैंकिंग सीरीज में कुल 12 पदक अपनी झोली में डाले जिसमें से महिला पहलवानों ने पांच स्वर्ण सहित आठ पदक जीते।