- कोरोना वायरस के कहर के बाद हुआ बुंदेसलीगा का आगाज
- जर्मनलीग बनी कोरोना महामारी के बाद शुरू होने वाली पहली युरोपीय फुटबॉल लीग
- 80 हजार की क्षमता वाले स्टेडयिम में कुल 231 लोगों की मौजूदगी में खेले गए मैच
बर्लिन: कोरोना वायरस महामारी के बाद जर्मनी में दो महीने बाद खाली स्टेडियम में फुटबॉल बहाल हुई और पूरी दुनिया के बेसब्र खेल प्रेमियों की निगाहें बुंदेसलीगा मुकाबले देखने पर गड़ी रही जिसमें शनिवार को शीर्ष और दूसरे दर्जे की लीग के मैच खेले गये और यह लॉकडाउन के बाद शुरू होने वाली पहली यूरोपीय लीग बन गयी।
हालांकि दूसरे दर्जे की बुंदेसलीगा लीग लॉकडाउन के बाद शुरू होने वाली पहली पेशेवर पश्चिमी यूरोपीय लीग बनी क्योंकि इसके कुछ घंटों बाद बुंदेसलीगा की मुख्य लीग के मैच शुरू हुए। मैचों का आयोजन दर्शकों के बिना किया गया जिससे जर्मनी में लोग इन्हें 'घोस्ट गेम्स' भी बुला रहे हैं यानी दर्शकों के बिना खाली स्टेडियम में मैच खेले जाना। इनका आयोजन कड़े स्वास्थ्य दिशानिर्देशों के साथ किया गया जिसमें खिलाड़ियों पर कई तरह की पांबंदियां लागू थीं।
बुंदेसलीगा के मैचों में सामान्य दिनों में कभी भी इतनी शांति नहीं होती। लेकिन बोरूसिया डार्टमंड और शाल्के 04 के बीच हुए मैच में हजारों दर्शकों के बजाय कुछ चुनिंदा (नियमों के तहत खिलाड़ियों सहित केवल 213 लोग) लोगे शामिल थे जिसकी क्षमता 81,000 दर्शकों की है। स्टेडियम के चारों ओर पुलिस गाड़ियों और बाइक पर मौजूद थीं।
बुंदेसलीगा 2 इससे ढाई घंटे पहले शुरू हो गयी जिसमें हनोवर और डायनेमो ड्रेसडन के बीच मैच स्थगित हो गया क्योंकि ड्रेसडन की टीम को कोविड-19 के लिये हुई जांच में दो परीक्षण पॉजिटिव पाये जाने के बाद पृथकवास में रहने को कहा गया।
दक्षिण कोरियाई ली जाए सुंग ने दो महीने बाद शुरू हुई बुंदेसलीगा लीग का पहला गोल किया, जिससे होलस्टेन किएल को तीसरे ही मिनट में बढ़त मिल गयी जिसने रेजेन्सबर्ग से 2-2 से ड्रा खेला जबकि ऑये की टीम ने सैंडहॉसेन पर 3-1 से जीत हासिल की। लीग मार्च के मध्य से निलंबित हो गयी थी जिसमें केवल नौ दौर ही खेले गये थे और उसे जून के अंत तक समाप्त होने की उम्मीद है।