- बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों का रंगारंग समारोह के साथ हुआ आगाज
- उद्धाटन समारोह में दिखा बर्मिंघम के इतिहास, कला, संस्कृति और जीवनशैली की झलक
- 11 दिन तक 72 देशों के 5 हजार एथलीट्स के बीच होगी 270 स्पर्ण पदकों के लिए प्रतिस्पर्धा
बर्मिंघम: बाइसवें राष्ट्रमंडल खेलों का आगाज गुरुवार को इंग्लैंड के बर्मिंघम शहर के एलेक्जेंडर स्टेडियम में आयोजित मनमोहक रंगारंग समारोह के साथ हुआ। समारोह की शुरुआत खेलों में भाग ले रहे 72 देशों के संगीत के समागम की शुरुआत 'स्वागत है' स्वर और शास्त्रीय संगीत के साथ हुई। उद्धाटन समारोह में बर्मिंघम के इतिहास की झलक बखूबी दिखाई दी। सहित्य, शिक्षा, उद्योग, संगीत के साथ-साथ समारोह में इतिहास के स्याह पन्नों को भी उकेरा गया।
खुद गाड़ी चलाकर समारोह में पहुंचे प्रिंस चार्ल्स
बर्मिंघम की दुनियाभर में पहचान वहां के मोटर उद्योग की वजह से रही है। उद्घाटन समारोह में ऐतिहासिक पहलओं को दिखाने की शुरुआत यहां के मोटर उद्योग की उपलब्धियों को दर्शाते हुए की गई। स्थानीय लोग अपनी विंटेज कारों को ड्राइव करते हुए स्टेडियम में पहुंचे। इसी अंदाज में प्रिस ऑफ वेल्स प्रिंस चार्ल्स और डचेस ऑफ कॉर्नवाल कैमिला पार्कर के साथ अपनी 1970 में खरीदी एश्टन मार्टन कार को खुद ड्राइव करके स्टेडियम में पहुंचे।
10 मीटर ऊंचा बैल रहा आकर्षण
कार्यकम का सबसे आकर्षक पहलू 10 मीटर ऊंचा बैल था। जिसे महिलाओं का दल मोटी चेन से खींचकर मैदान के अंदर लेकर आया। इसे बनाने में 5 महीने का वक्त लगा। यह बर्मिंघम के उस काले अतीत की झलक थी जब 19वीं शताब्दी में महिलाओं के साथ घंटों अमानवीय व्यवहार करके बगैर किसी या नाम मात्र की तनख्वाह देकर ऐसी मोटी चेन बनवाई जाती थीं। इस वजह से बर्मिंघम में मजदूरों की स्थिति में सुधार के लिए 1910 में प्रसिद्ध हड़ताल हुई थी। चेन बनाने वाली महिलाओं की 10 सप्ताह बाद जीत हुई। नई न्यूनतम मजदूरी लागू होने के बाद उनकी आय दुगनी हो गई। गिरता बैल मजदूरों की जीत का प्रतीक है।
284 दिन की यात्रा के बाद वापस बर्मिंघम पहुंचे बैटन
पूरी दुनिया में कोरोना संक्रमण की बावजूद 7 अक्टूबर को क्वील एलिजाबेथ के संदेश के साथ बकिंघम पैलेस से कॉमनवेल्थ देशों की यात्रा पर रवाना हुई गेम्स बैटन सही समय पर सही दिन स्टेडियम में पहुंच गई। क्वीन के संदेश को प्रिंस चार्ल्स ने उनके प्रतिनिध के रूप में पढ़ा और 22वें राष्ट्रमंडल खेलों के आधिकारिक तौर पर शुरुआत की घोषणा की।
ऑस्ट्रेलियाई दल के साथ शुरु हुई प्लेयर्स परेड, इंग्लैंड के साथ हुई खत्म
खिलाड़ियों की परेड की शुरुआत पिछली बार के मेजबान ऑस्ट्रेलिया के दल के साथ हुई। सबसे आखिर में मेजबान इंग्लैंड का दल पहुंचा तो वी विल,वी विल रॉक यू गीत स्टेडियम में गूंज रहा था। इंग्लैंड के दल में 430 एथलीट शामिल थे। जिसमें सबसे कम उम्र के खिलाड़ी की उम्र 15 और सबसे अधिक उम्र के खिलाड़ी की 74 साल थी।
राष्ट्रमंडल खेलों के छह पदक विजता खिलाड़ी खेलों का ध्वज लेकर मैदान में पहुंचे। मानवता, नियती और बराबरी इन खेलों का ध्येय रहा है। जिसका राष्ट्रमंडल खेल संगठन प्रसार करता है।
पीवी सिंधू और मनप्रीत सिंह ने की भारतीय दल की अगुआई
एशियाई महाद्वीप के खिलाड़ियों के स्टेडियम में आने का सिलसिला बांग्लादेश के साथ शुरू हुआ। भारतीय दल पीवी सिंधू और मनप्रीत सिंह की अगुआई में स्टेडियम में पहुंचा। भारतीय दल के सभी खिलाड़ी पारंपरिक परिधान में थे। राष्ट्रमंडल खेलों में 205 भारतीय एथलीट भाग ले रहे हैं जो 16 खेलों की विभिन्न स्पर्धाओं में133 स्वर्ण पदकों के लिए प्रतिस्पर्धा करते नजर आएंगे।
दिग्गज खिलाड़ी भी आए उद्धाटन समारोह में नजर
पीवी सिंधू और मनप्रीत सिंह के पीछे कई अन्य जाने माने भारतीय खिलाड़ी नजर आ रहे थे। जिसमें मीना बाई चानू, लवलीना बोरगोहेन, बजरंग पुनिया, विजय कुमार दहिया, मनिका बत्रा, विनेश फोगाट, तेजिंदर पाल सिंह तूर, हिमा दास और अमित फंगल शामिल थे।
270 गोल्ड मेडल होंगे दांव पर, भाग ले रहे हैं 5 हजार से ज्यादा खिलाड़ी
बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में 5 हजार से ज्यादा एथलीट शुक्रवार से प्रतिस्पर्धा करते नजर आएंगे। 22वें राष्ट्रमंडल खेलों में कुल 1875 मेडल दांव पर होंगे। महिलाओं के ज्यादा खेलों को इस बार शामिल किया गया है। जिसमें महिला क्रिकेट भी शामिल है। जहां पुरुष खिलाड़ियों की नजरें 134 गोल्ड मेडल पर होगी वहीं महिला खिलाड़ी 136 गोल्ड मेडल के लिए भिड़ती दिखाई देंगी।