एम्सटेलवीन (नीदरलैंड): चोट के कारण 2018 एफआईएच हॉकी विश्व कप से बाहर रहीं भारत की अनुभवी मिडफील्डर सुशीला चानू टूर्नामेंट के आगामी सत्र में अच्छा प्रदर्शन करके इसकी भरपाई करना चाहती हैं। सुशीला ने भले ही भारत के लिए 208 मैच खेले हों लेकिन नीदरलैंड में होने वाला टूर्नामेंट उनका पहला विश्व कप होगा।
भावुक सुशीला ने कहा, ‘‘2018 में चोट के कारण मैं लंदन में विश्व कप में नहीं खेल पाई थी। इसके बाद मुझे फॉर्म को लेकर जूझना पड़ा और मैं उस साल एशियाई खेलों में भी नहीं खेल पाई। यह संभवत: मेरे करियर का सबसे मुश्किल दौर था।’’उन्होंने कहा, ‘‘यह मुश्किल चरण था लेकिन मैं उससे बाहर निकलने के लिए प्रतिबद्ध थी और मैंने टीम में दोबारा जगह बनाई।’’ विश्व कप एक जुलाई से शुरू होगा लेकिन भारत अपने अभियान की शुरुआत तीन जुलाई को इंग्लैंड के खिलाफ करेगा।
एशियाई खेल 2018 से बाहर रहने के बाद 30 साल की सुशीला ने मजबूत वापसी की और पिछले चार साल में टीम की प्रगति में अहम भूमिका निभाई। मंगलवार शाम चिली के खिलाफ टीम के अभ्यास मैच के इतर सुशीला ने कहा, ‘‘टीम की मेरी कई साथी दूसरी बार विश्व कप में खेल रही हैं लेकिन मेरा यह पहला विश्व कप है। यह मेरे लिए भावुका लम्हा है और मुझे निश्चित तौर पर यकीन है कि यह हमारे लिए यादगार होगा।’’ सुशीला एफआईएच ओलंपिक क्वालीफायर और भुवनेश्वर में एफआईएच सीरीज फाइनल्स में जीत दर्ज करने वाली भारतीय टीम का हिस्सा रहीं।
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एशियाई खेल 2014 की कांस्य पदक विजेता टीम में शामिल सुशीला ने पिछले साल तोक्यो ओलंपिक में भारत को एतिहासिक चौथा स्थान दिलाने में भी भूमिका निभाई। बड़ी प्रतियोगिता से पहले ड्रेसिंग रूम के मूड पर सुशीला ने कहा, ‘‘पिछले हफ्ते रोटरडम में हमारे प्रो लीग मुकाबलों के तुरंत बाद हम एम्सटेलवीन पहुंचे। हमें टीम होटल में सहज होने का पर्याप्त समय मिला और हम विश्व कप आयोजन स्थल पर भी ट्रेनिंग कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित तौर पर सभी अपना शत प्रतिशत देने को लेकर उत्साहित हैं। हम सभी की नजरें हमारे पहले मैच पर टिकी हैं और हमें इंग्लैंड के खिलाफ अच्छी शुरुआत की जरूरत है।’’
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