- गोमती मारिमुथु को चार साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया
- उनसे 2019 एशियाई चैंपियनशिप में जीता गया स्वर्ण पदक भी छीन लिया गया
- 31 साल की भारतीय धावक को मई 2023 तक प्रतिबंधित किया गया है
नई दिल्ली: गोमती मारिमुथु को चार साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है। इसके अलावा उनसे 2019 एशियाई चैंपियनशिप में जीता गया स्वर्ण पदक भी छीन लिया गया। एथलेटिक्स इंटीग्रिटी यूनिट (एआईयू) ने शुक्रवार को इस बात की जानकारी दी। एआईयू ने कहा कि 31 साल की भारतीय धावक को मई 2023 तक प्रतिबंधित किया गया है और पिछले साल दो महीने की समय सीमा में सभी रेसों में अयोग्य घोषित कर दिया गया है।
गोमती को 2019 एशियाई चैंपियनशिप में एनाबोलिक स्ट्रायड नानड्रोलोन के सेवन का दोषी पाया गया था। उनका बी सैम्पल भी पॉजिटिव पाए जाने के बाद शुक्रवार को यह फैसला लिया गया। इसके बाद उनके तीन और टेस्ट पॉजिटिव पाए गए हैं। 18 मार्च से 17 मई 2019 के बीच उन्होंने जितने भी टूर्नामेंट में हिस्सा लिया था, उसमें उनकी भागीदारी को रद्द कर दिया गया है। गोमती अब खेल पंचाट न्यायालय (सीएएस) में इस फैसले के खिलाफ अपील कर सकती हैं।
मारिमुथु ने चाीन की एशियाई गेम्स चैंपियन वांग चुनयू और कजाखस्तान की पूर्व दो बार की एशियाड विजेता मारगरिटा मुकाशेवा को मात देकर दोहा में एशियाई चैंपियनशिप का खिताब जीता था। यह पहला मौका था जब भारतीय ने महिलाओं की 800 मीटर स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीता था।
टोक्यो का सपना टूटा
हाल ही में गोमती ने कहा था कि उनकी कोशिश टोक्यो ओलंपिक्स के लिए क्वालीफाई करना है। बेंगलुरु में आयकर विभाग में कार्यरत गोमती ने कहा था, 'मेरा अगला लक्ष्य वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में बेहतर प्रदर्शन करना है। मैं ओलंपिक्स में भी दौड़ना चाहती हूं और इसके लिए तैयारी कर रही हूं। अब ज्यादा से ज्यादा लोग और सरकार मेरा समर्थन कर रही है। मैं टोक्यो गेम्स में क्वालीफाई करने के लिए अपना सबकुछ लगाने को तैयार हूं। मेरा लक्ष्य ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करना है।' हालांकि, अब गोमती पर चार साल का प्रतिबंध लगा है तो उनका टोक्यो ओलंपिक्स में क्वालीफाई करने का सपना चकनाचूर हो गया।
गोमती ने एशियाई चैंपियनशिप में 2:02:70 सेकंड का समय निकाला था। उन्होंने पटियाला में फेडरेशन कप में 2:03:21 के अपने समय को सुधारा था। किसान की बेटी गोमती ने कहा था कि चोट और कम समर्थन के कारण उनका जो समय बिगड़ा, अगर वो नहीं होता तो वह अपने समय को और बेहतर कर पातीं।
पिता-कोच दोनों का निधन
गोमती ने उन दिनों को याद किया था जब उनके पिता और कोच दोनों का निधन हो गया था और वह तब चोट से जूझ रही थीं। तब गोमती को उनके दोस्त ने प्रोत्साहित किया और वह चोट से उबरकर ट्रैक पर वापसी कर सकी। गोमती ने कहा था, '2016 साल मेरे लिए कड़ा था क्योंकि मेरे पिता और कोच दोनों का निधन हो गया। मगर मेरी दोस्त फ्रांसिस मैरी ने मुझे प्रोत्साहित किया और खेल जारी रखने को कहा। ग्रोइन चोट के कारण मेरे दो साल बर्बाद हुए। अब मैं अच्छा महसूस कर रही हूं और दोहा में जीतने के बाद मेरा विश्वास बढ़ा है।'