- भारतीय हॉकी खिलाड़ियों को बेंगलुरू साइ केंद्र में ही बरकरार रखा जाएगा
- केंद्र में कोरोना वायरस से संक्रमित रसोइए की हुई मौत
- भारतीय महिला हॉकी टीम भी वहीं रहेगी मौजूद
नई दिल्ली: हॉकी इंडिया ने बेंगलुरू के भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) केंद्र में काम करने वाले कोरोना वायरस से संक्रमित रसोइये की मौत के बावजूद बुधवार को ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुकी पुरुष और महिला हॉकी टीमों को स्थानांतरित करने की संभावना से इनकार कर दिया क्योंकि वह खिलाड़ियों के संपर्क में नहीं था।
शीर्ष अधिकारी के अनुसार रसोइये का दिल का दौरा पड़ने से निधन हुआ और बाद में वह कोरोना वायरस के लिए पॉजिटिव पाया गया। अधिकारी ने हालांकि कहा कि डरने की कोई बात नहीं है क्योंकि मृतक को खिलाड़ियों के रहने के स्थान पर जाने की स्वीकृति नहीं थी। हॉकी इंडिया की सीईओ एलिना नोर्मन ने पीटीआई को बताया, ‘‘टीमों को बेंगलुरू से हटाने का सवाल ही पैदा नहीं होता क्योंकि वहां देश में सर्वश्रेष्ठ सुविधा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम ऐसा करने के बारे में सोचते भी हैं तो भी राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के कारण यह व्यावहारिक रूप से असंभव होगा।’’ साइ के शीर्ष अधिकारी ने बताया कि रसोइया 10 मार्च से गेट के आसपास के क्षेत्र से आगे नहीं गया था। अधिकारी ने कहा, ‘‘एक रसोइया, जो लगभग 60 कर्मचारियों का हिस्सा था जिन्हें अधिक उम्र के कारण 10 मार्च से घर पर रहने को कहा गया था, उसका अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया।’’
उन्होंने बताया, ‘‘वह अपने एक रिश्तेदार के बच्चे के जन्म के लिए अस्पताल गया था और वहां उसे दिल का दौरा पड़ा और उसका निधन हो गया। नियमों के तहत उसका कोविड-19 परीक्षण किया गया जो पॉजिटिव आया।’’ अधिकारी ने कहा, ‘‘परिसर को तीन भागों को बांटा गया है- गेट के आसपास का क्षेत्र, सेक्टर-ए और सेक्टर-बी। खिलाड़ी आखिरी हिस्से सेक्टर-बी में रहते हैं इसलिए वे पूरी तरह सुरक्षित हैं और पिछले दो महीने से पृथकवास में हैं।’’
साइ अधिकारी ने इन खबरों को भी खारिज कर दिया कि मृतक रसोइये ने पिछले शुक्रवार को साइ परिसर के अंदर बैठक में हिस्सा लिया था। उन्होंने कहा, ‘‘वह पिछले 65 दिन से परिसर से बाहर था। राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन से पहले ही 10 मार्च को हमारे परिसर में लॉकडाउन हो गया था। रसोइया आखिरी बार 15 मार्च को परिसर में आया था लेकिन गेट के आसपास ही रुका था और उसे अंदर नहीं आने दिया गया था।’’ अधिकारी ने कहा, ‘‘लेकिन फिर भी एहतियात के तौर पर हमने चार-पांच लोगों जैसे गार्ड, जो उससे करीब से संपर्क में आये होंगे, उन्हें पृथकवास में रख दिया है। ’’
बाद में बुधवार को साइ ने अधकारिक बयान जारी किया और रसोइये के 15 मार्च को साइ केंद्र दौरे की बात स्वीकार की। इसमें कहा गया, ‘‘इस व्यक्ति ने थर्मल स्क्रीनिंग सहित सभी जरूरी स्क्रीनिंग के बाद ही साइ केंद्र में प्रवेश किया और वह तब बिलकुल फिट पाया गया था। वह मास्क पहने था और गेट पर उसे हैंड सैनीटाइजर दिया गया था। ’’
इसके अनुसार, ‘‘बैठक में उस व्यक्ति सहित 16 सदस्यों ने शिरकत की थी जो केंद्र के प्रशासनिक ब्लॉक के करीब ऑडिटोरियम (300 लोगों के बैठने की क्षमता) में हुई थी। सरकारी दिशानिर्देशों के अनुसार बैठक के दौरान सामाजिक दूरी के नियमों का पालन किया गया था। ’’ इसके मुताबिक, ‘‘वह बैठक के तुरंत बाद चला गया था और उसने किसी खिलाड़ी या अन्य स्टाफ सदस्य से कोई बातचीत नहीं की थी। ’’
साइ ने पुष्टि की कि उन्होंने बैठक में मौजूद चार अधिकारियों को पृथकवास में भेजा है। बयान के अनुसार, ‘‘केंद्र के बाद रहने वाले अन्य को घर में पृथक रखा गया है। केंद्र के वरिष्ठ प्रभारी निदेशक को भी स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी स्वास्थ्य दिशानिर्देशों के अनुसार सभी जरूरी एहतियात बरतने का निर्देश दिया गया है ताकि परिसर में रहने वाले सभी खिलाड़ियों और स्टाफ की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। ’’ इस मामले पर प्रतिक्रिया करते हुए भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने कहा कि वह इस घटना के बाद की गयी सभी एहतियाती उपायों से संतुष्ट हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं हाकी इंडिया से संपर्क में हूं और जिस तरह से साइ बेंगलुरू केंद्र को स्वच्छ और सुरक्षित रखा गया है उससे मैं पूरी तरह संतुष्ट हूं। साइ प्रशासन मामले से अच्छी तरह निपट रहा है, घबराने का कोई कारण नहीं है। ’’ बत्रा ने कहा, ‘‘ हमने साइ बेंगलुरू में रह रहे अधिकारियों और खिलाड़ियों से बात की है, पता चल गया है कि इनमें से किसी ने भी कोविड-19 पॉजिटिव व्यक्ति से बात नहीं की थी।’’