- शोर्ड मारिन को कोर्ट ले जाने की तैयारी में है भारतीय हॉकी खिलाड़ी
- मारिन ने अपनी किताब में मनप्रीत सिंह पर लगाया गंभीर आरोप
- एक बयान में कहा गया कि कोच ने प्रचार के लिए झूठे आरोप लगाए हैं
बेंगलुरू: भारतीय पुरुष और महिला हॉकी टीम पूर्व कोच शोर्ड मारिन और प्रकाशक हार्पर कोलिन्स इंडिया को अदालत में ले जाने की तैयारी कर रही हैं क्योंकि नीदरलैंड के इस कोच ने आरोप लगाया है कि मनप्रीत सिंह ने 2018 राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान एक युवा खिलाड़ी को क्षमता से कमतर प्रदर्शन करने को कहा था। अपनी आगामी किताब 'विल पावर- द इनसाइड स्टोरी ऑफ द इनक्रेडिबल टर्नअराउंड इन इंडियन वुमेन हॉकी' में मारिन ने लिखा है कि सीनियर खिलाड़ी मनप्रीत ने एक खिलाड़ी को 'अच्छा नहीं खेलने' के लिए कहा जिससे कि उसके दोस्त टीम में शामिल हो सकें।
इसके बाद पुरुष और महिला टीम ने एक संयुक्त बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि अपनी किताब के प्रचार के लिए भारत के पूर्व कोच ने मनप्रीत के खिलाफ आरोप लगाया। खिलाड़ियों ने संयुक्त बयान में कहा, 'हमने आज समाचार पत्रों के माध्यम से जाना कि हमारी टीम के पूर्व मुख्य कोच शोर्ड मारिन ने हम पर कुछ परेशान करने वाले आरोप लगाए हैं। कोच ने जिस तरह से हमारी व्यक्तिगत जानकारी को सरेआम किया है और हम पर जिस तरह के झूठे आरोप लगाए हैं, उसे लेकर अपनी निराशा व्यक्त करने के लिए हम एक साथ आए हैं। हमारे पूर्व कोच ने हमारे साथ अपने कोचिंग कार्यकाल का इस्तेमाल व्यक्तिगत व्यावसायिक लाभ के लिए किया है। कोच ने अपनी पुस्तक बेचने के लिए हमारी प्रतिष्ठा दांव पर लगाई है।'
उन्होंने कहा, 'यह आचार संहिता का उल्लंघन है। एक कोच के रूप में उनके भरोसे और देखभाल के कर्तव्य का पूर्ण उल्लंघन है। हमारे जैसे सभी भारतीय खिलाड़ी ऐसी परिस्थितियों में असुरक्षित महसूस करने को लेकर बाध्य हुए हैं। हम मारिन और विवादित पुस्तक के प्रकाशक हार्पर कोलिन्स के खिलाफ कानूनी कदम उठाने की प्रक्रिया में हैं। हम सामूहिक रूप से शोर्ड मारिन से सवाल करना चाहेंगे कि उनके कार्यकाल के दौरान अगर इस तरह की घटनाएं हुई हैं जिनका वह जिक्र कहते हुए दावा कर रहे हैं तो फिर उन आरोपों का रिकॉर्ड इस समय हॉकी इंडिया या भारतीय खेल प्राधिकरण के पास होना चाहिए। हमने जब इस संबंध में अधिकारियों से जानकारी मांगी तो पता चला कि इस तरह की शिकायत हुई ही नहीं है।'
टीम ने कहा कि इस तरह के झूठे और मनगढ़ंत आरोप लगाकर मारिन ने खिलाड़ियों की ईमानदारी पर सवाल उठाया है। बयान के अनुसार, 'भारतीय राष्ट्रीय पुरुष और महिला हॉकी टीम एक दूसरे के साथ खड़ी हैं और अपनी प्रतिष्ठा की रक्षा करेंगी, जिस पर मारिन ने सवाल उठाए हैं। हमारा देश, टीम और हॉकी का खेल सामूहिक रूप से हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है और किसी भी परिस्थिति में हम अपनी टीम के किसी भी सदस्य की प्रतिष्ठा से किसी और के व्यक्तिगत लाभ के लिए समझौता नहीं होने देंगे।'
गोल्ड कोस्ट में 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद बाहर किए जाने से पहले मारिन ने नौ महीने तक भारतीय पुरुष हॉकी टीम को कोचिंग दी। बाद में उन्होंने महिला टीम की कमान संभाली और पिछले साल के तोक्यो ओलंपिक में एतिहासिक चौथे स्थान पर रहने के दौरान टीम का मार्गदर्शन किया। पीटीआई ने प्रतिक्रिया के लिए मारिन से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।