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Beijing Winter Olympics: उद्धाटन और समापन समारोह का बायकॉट करेगा भारत, गलवान के शहीदों के सम्मान में विदेश मंत्रालय ने किया ऐलान

Updated Feb 03, 2022 | 18:17 IST

गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ झड़प में शामिल रहे सैनिक को शीतकालीन ओलंपिक का टॉर्च बियरर बनाए जाने के बाद भारत ने इसके उद्धाटन और समापन समारोह का बहिष्कार करने का फैसला किया है।

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बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक खेल
मुख्य बातें
  • चीन ने गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ खूनी झड़प में शामिल रहे सैनिक को बनाया ओलंपिक टॉर्च बियरर
  • विरोध में भारत ने किया शीतकालीन ओलंपिक के उद्धाटन और समापन समारोह के बहिष्कार का फैसला
  • बहिष्कार के बाद भारत में नहीं होगा उद्धाटन और समापन समारोह का सीधा प्रसारण

नई दिल्ली: भारत ने चीन में आयोजित हो रहे शीतकालीन ओलंपिक 2022 के उद्घाटन और समापन समारोह का बहिष्कार करने का फैसला किया है। इस फैसले के बाद भारत का कोई भी डिप्लोमेट उद्घाटन और समापन समारोह में शिरकत नहीं करेगा। सरकार के इस फैसले के बाद प्रसार भारती की सीईए शशि शेखर ने ऐलान किया है कि शीतकालीन ओलंपिक के उद्धाटन और समापन समारोह का  प्रसारण भारत में नहीं किया जाएगा। 

भारत को ये फैसला करने के लिए चीन ने मजबूर किया है। भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा, गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ हुई झड़प में शामिल रहे सैन्य कमांडर को चीन ने ओलंपिक टॉर्च बियरर के रूप में लिए चुना था। चीन के इस कदम के बाद भारत ने शीतकालीन ओलंपिक का बहिष्कार करने का फैसला किया।

गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ झड़प में शामिल सैनिक को टॉच बियरर बनाने के चीन के फैसले पर भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा, चीन ने ओलंपिक खेलों को राजनीतिक रंग दिया है यह बेहद अफसोस की बात है। भारतीय राजदूत ओलंपिक के उद्धाटन और समापन समारोह में शिरकत नहीं करेंगे। 

गलवान में जून 2020 में हुई थी खूनी झड़प
गलवान घाटी में जून 2020 को भारतीय सैनिकों के साथ हुई चीनी सैनिकों की खून झड़प के दौरान पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के कमांडर की फाबाओ (Qi Fabao) को शीतकालीन ओलिंपिक का मशालधारक(torchbearer) बनाकर चीन ने सम्मानित किया। चीन के इस फैसले पर भारत के विदेश मंत्रालय ने नाराजगी जाहिर की है।

पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 15-16 जून, 2020 की दरम्यानी रात को चीनी सैनिकों ने धोखे से निहत्थे भारतीय जवानों पर हमला बोल दिया था। जिसमें एक कर्नल समेत 20 भारतीय जवान वीरगति को प्राप्त हुए थे।