नई दिल्ली: भारतीय हॉकी टीम के पूर्व खिलाड़ी मोहिंदर पाल सिंह 1980 के दशक में पेनाल्टी कॉर्नर पर गोल करने में माहिर थे। वह इस समय डायलसिस पर हैं और उन्हें किडनी दाता का इंतजार है। सिंह की दोनों किडनियां खराब हो चुकी हैं और पिछले एक महीने से किडनी देने वालों का इंतजार कर रहे हैं। 58 साल के सिंह को दक्षिणी दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था और मंगलवार को उनकी अस्पताल से छुट्टी भी कर दी गई। उनकी पत्नी शिवजीत ने बुधवार को इस बात की जानकारी दी। वह इस समय घर पर हैं और सप्ताह में कुछ दिन डायलसिस के लिए अस्पताल जाएंगे।
खेल मंत्री से मिलेंगे सीनियर खिलाड़ी
कुछ सीनियर हॉकी ओलम्पियन खिलाड़ियों ने बुधवार को खेल मंत्री किरण रिजिजू से मिलने का समय मांगा था, लेकिन रिजिजू उपलब्ध नहीं हो सके। सूत्रों की मानें तो यह बैठक अब गुरुवार को हो सकती है। ओलंपियन महाराज कृष्णा कौशिक, रोमियो जेम्स और शिवजीत खेल मंत्री से पंडित दीनदयाल उपाध्याय नेशनल वेलफेयर फंड से सिंह के लिए मदद की गुहार लगाएंगे। साथ ही अपील करेंगे की सिंह का नाम एम्स में किडनी बदलने के लिए भेजा जाए।
मोहिंदर पाल को मदद मिलनी चाहिए
सिंह के साथ खेलने वाले जफर इकबाल ने आईएएनएस से कहा, 'मैं बैठक में जाने वाला था लेकिन मैं इस समय दिल्ली से बाहर हूं। मुझे बताया गया है कि बुधवार को बैठक नहीं हुई। हम पूर्व खिलाड़ी उनसे अपील करेंगे कि सिंह की किडनी बदली जाए।' पुरुष हॉकी टीम के पूर्व कप्तान अशोक कुमार ध्यानचंद ने कहा कि सिंह को मदद मिलनी चाहिए। अशोक ने आईएएनएस से कहा, 'सरकार को सिंह को जो भी जरूरी मदद मुहैया हो वो प्रदान करनी चाहिए। वह अपने समय में पेनाल्टी कॉर्नर को गोल में तब्दील करने वाले सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी हैं।' सिंह की पत्नी शिवजीत ने कहा कि उन्होंने सोशल मीडिया पर किडनी दान देने के लिए अपील की है और हॉकी के सभी दिग्गजों ने इसका समर्थन किया है।
सप्ताह में तीन बार अस्पताल जाना होगा
उन्होंने कहा, 'मंगलवार को अपोलो अस्पताल से उन्हें छुट्टी मिल गई थी और वह घर आ गए थे। लेकिन वह डायलसिस के लिए सप्ताह में तीन बार अस्पताल जाएंगे। हमने सोशल मीडिया पर किडनी के लिए अपील की है।' खेल मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि बैठक के समय की पुष्टि की जानी है और कुछ नहीं। सूत्रों ने कहा, 'उनके कागज हमारे पास हैं और इसकी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। मुझे नहीं लगता कि सिंह को पंडित दीनदयाल उपाध्याय फंड में से मदद मिलने में किसी तरह की समस्या आएगी। जहां तक एम्स में उनके इलाज की बात है तो इसके लिए स्वास्थ मंत्रालय में अपील करनी होगी क्योंकि वह इस पर फैसला ले सकते हैं।'