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मजबूरी में सब्जी बेच रही थी चैंपियन भारतीय खिलाड़ी, मुख्यमंत्री सोरेन ने 'एक बार फिर' लिया एक्शन

Updated Jun 30, 2020 | 16:17 IST

Geeta Kumari, Hemant Soren: झारखंड की एथलीट गीता कुमारी की हालत देख भावुक हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, तुरंत उन तक मदद पहुंचाने का काम किया।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
Jharkhand athlete Geeta Kumari forced to sell vegetables
मुख्य बातें
  • झारखंड की एक और एथलीट गरीबी से परेशान, सब्जी बेचने पर मजबूर
  • गीता कुमारी की मदद के लिए आगे आए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन
  • प्रशासन ने तुरंत मदद पहुंचाई, पहले भी आया था ऐसा मामला

झारखंड की एथलीट गीता कुमारी को आर्थिक परेशानियों के कारण रामगढ़ जिले की गलियों में सब्जी बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के हस्तक्षेप के बाद हालांकि गीता को रामगढ़ जिला प्रशासन से 50,000 रुपये और एथलेटिक्स करियर को आगे बढ़ाने के लिए 3,000 रुपये का मासिक वजीफा पाने में मदद मिली। वैसे ये पहला मौका नहीं है जब झारखंड में कोई एथलीट इस स्थिति में नजर आया है, कुछ दिन पहले एक महिला तीरंदाज भी सब्जी बेचती नजर आई थी और वहां भी मुख्यमंत्री सोरेन ने मदद का हाथ आगे बढ़ाया था।

रामगढ़ की गीता

सोरेन को ट्विटर के जरिये जानकारी मिली कि गीता वित्तीय समस्याओं के कारण सड़क किनारे सब्जी बेचने को मजबूर है। मुख्यमंत्री ने रामगढ़ के उपायुक्त को कुमारी की आर्थिक रूप से सहायता करने का निर्देश दिया ताकि वह अपने एथलेटिक्स करियर को आगे बढ़ा सके। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि रामगढ़ के उपायुक्त (डीसी) संदीप सिंह ने सोमवार को गीता को 50,000 रुपये का चेक दिया और एथलीट को 3,000 रुपये मासिक वजीफा देने की भी घोषणा की। खेल की दुनिया में एथलीट की सफलता की कामना करते हुए उपायुक्त ने कहा, ‘रामगढ़ में कई खिलाड़ी हैं जो देश के लिए सफलता हासिल करने में सक्षम हैं, और प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि उन्हें समर्थन मिले।’

सब्जी बेचने के साथ-साथ पढ़ाई

गीता के चचेरे भाई धनंजय प्रजापति ने कहा, ‘वह सब्जी बेचने के साथ हजारीबाग जिले के आनंद कॉलेज में बीए अंतिम वर्ष की छात्रा है। उसका परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है और अब प्रशासन की मदद मिलने से वह खुश है।’

चैंपियन गीता की सफलताएं

विज्ञप्ति के मुताबिक गीता ने राज्य स्तर पर चलने वाली प्रतियोगिताओं में आठ स्वर्ण पदक हासिल किये हैं। उन्होंने कोलकाता में आयोजित प्रतियोगिताओं में एक रजत पदक और एक कांस्य पदक जीता था।

इससे पहले मुख्यमंत्री ने की थी सोनी खातून की मदद

इसी महीने की शुरुआत में भी झारखंड से एक ऐसा ही मामला सामने आया था जहां एक प्रतिभाशाली खिलाड़ी सब्जी बेचने पर मजबूर थी। झारखंड की 17 वर्षीय सोनी खातून ने 2011 के राष्ट्रीय खेलों में कांस्य पदक जीता था लेकिन गरीबी के कारण उन्हें सड़क किनारे सब्जी बेचने की स्थिति तक पहुंचना पड़ा। उस मामले में भी यही खबर आई थी कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सोनी खातून का वीडियो दिखाया गया था और उन्होने धनबाद के डिप्टी कमिश्नर को तुरंत इस खिलाड़ी तक मदद पहुंचाने का आदेश दिया था। प्रशासन द्वारा तुरंत उनको 20 हजार रुपये का चेक दिया गया था।

सोनी खातून- Twitter

भारतीय खेल जगत में कई ऐसे खेल हैं जहां गांवों से तमाम एथलीट निकलकर शीर्ष स्तर तक सफर तय करते हैं। बहुत कामयाब हुए तब शायद लाइमलाइट और शोहरत मिल जाती है लेकिन ज्यादातर मौकों पर ऐसा नहीं हो पाता। ऐसी स्थिति में परिवार चलाने व पेट पालने के लिए इन खिलाड़ियों को खेल छोड़कर काम करने उतरना पड़ता है। ऐसे मामलों में प्रशासन को और तेजी से काम करने की जरूरत है ताकि किसी खिलाड़ी की ऐसी हालत ना हो।