- भारतीय हॉकी टीम का 10 साल तक प्रायोजक रहेगी ओडिशा सरकार
- ओडिशा के मुख्यमंत्री को भारतीय हॉकी कप्तान मनप्रीत सिंह ने शुक्रिया कहा
- भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक में जीता कांस्य पदक
भुवनेश्वरः भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह ने मंगलवार को कहा कि टोक्यो ओलंपिक में जीता गया उनका कांस्य पदक ओडिशा के मुख्यमंत्री और इस खेल के धुर समर्थक नवीन पटनायक की तरफ से देश को एक उपहार है। महिलाओं और पुरुष टीमों के लिये आयोजित सम्मान समारोह में पटनायक ने घोषणा की कि ओडिसा अगले 10 वर्ष भारतीय हॉकी टीमों का प्रायोजक बना रहेगा। ओडिसा सरकार 2018 से राष्ट्रीय हॉकी टीमों को प्रायोजित कर रही है।
मनप्रीत ने कहा, ‘‘खिलाड़ी होने के नाते भले ही कांस्य पदक हमने जीता है लेकिन सच्चाई यह है कि यह भारत का पदक है। यह माननीय मुख्यमंत्री नवीन पटनायक का देश को उपहार है जिनकी दूरदृष्टि और प्रोत्साहन से हम 41 साल बाद ओलंपिक पदक जीतने का सपना साकार करने में सफल रहे।’’ भारत ने इससे पहले 1980 में मास्को ओलंपिक में हॉकी में पदक जीता था। तब भारतीय टीम ने स्वर्ण पदक हासिल किया था।
भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने हाल में समाप्त हुए तोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीता जबकि महिला टीम चौथे स्थान पर रही थी जो उसका इन खेलों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। पटनायक ने प्रत्येक खिलाड़ी को 10 लाख रुपये का नकद पुरस्कार सौंपने के बाद कहा, ‘‘हमारी टीमों ने तोक्यो ओलंपिक में अपने बेहतरीन प्रदर्शन से इतिहास रचा।’’
पटनायक ने दोनों टीमों के सहयोगी स्टाफ के लिये भी पांच – पांच लाख रुपये के पुरस्कार की घोषणा की। उन्होंने कहा, ‘‘ओडिसा में हम इस बात से उत्साहित हैं कि हॉकी इंडिया के साथ हमारी भागीदारी से देश ने यह शानदार उपलब्धि हासिल की है। मेरा मानना है कि ओडिसा और हॉकी एक दूसरे के पर्याय बनने के लिये ही बने हैं। हम हॉकी इंडिया से अपनी भागीदारी जारी रखेंगे। ओडिशा अगले 10 वर्षों तक भारतीय हॉकी टीमों का सहयोग करता रहेगा।’’
इस अवसर पर दोनों टीमों ने खिलाड़ियों के हस्ताक्षर वाली जर्सी मुख्यमंत्री को भेंट की। पटनायक ने कहा, ‘‘आपने टोक्यो में अपने शानदार प्रदर्शन से हमारा सिर गर्व से ऊंचा कर दिया। भारतीय हॉकी के पुनरुद्धार का गवाह बनने के लिये भारत के लिये यह भावनात्मक पल हैं।’’ मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर 13 पुरस्कार भी वितरित किये।
पुरुष टीम में हरमनप्रीत सिंह को सर्वाधिक गोल करने, पी आर श्रीजेश को सर्वाधिक गोल बचाने और नीलकांत शर्मा को सर्वाधिक गोल करने में मदद करने के लिये पुरस्कार दिया गया। इसके अलावा रूपिंदर पाल सिंह और अमित रोहिदास को भी पुरस्कार मिले। महिला टीम में गुरजीत कौर और वंदना कटारिया ने सर्वाधिक गोल करने का जबकि सविता पूनिया ने सर्वाधिक गोल बचाने का पुरस्कार हासिल किया।
रानी रामपाल, नवनीत कौर, दीप ग्रेस एक्का और पी सुशीला चानू को भी पुरस्कार दिये गये। इनमें से प्रत्येक खिलाड़ी को पांच-पांच लाख रुपये मिले। पटनायक ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा को भी हॉकी इंडिया में अपने कार्यकाल के दौरान इस खेल को नयी दिशा देने के लिये सम्मानित किया।