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सफलता की नई इबारत लिखने वाली मीराबाई चानू को सबसे ज्‍यादा है इस बात की खुशी, खुद किया खुलासा

Updated Jul 24, 2021 | 21:43 IST

Mirabai Chanu: भारत को टोक्‍यो ओलंपिक में पहला मेडल दिलाने वाली मीराबाई चानू ने कहा कि उनका सपना पूरा हो गया है। मीराबाई चानू को सबसे ज्‍यादा खुशी मेडल के साथ अपने घर जाने की है।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
मीराबाई चानू
मुख्य बातें
  • मीराबाई चानू ने टोक्‍यो ओलंपिक्‍स में जीता सिल्‍वर मेडल
  • मीराबाई चानू ने कहा कि ओलंपिक मेडल जीतने का सपना पूरा हुआ
  • मीराबाई चानू को सबसे ज्‍यादा खुशी मेडल के साथ घर जाने की है

टोक्‍यो: ओलंपिक में सिल्‍वर मेडल जीतकर भारतीय भारोत्तोलन में नया इतिहास रचने वाली मीराबाई चानू ने शनिवार को कहा कि वह अब अभ्यास की परवाह किये बिना अपने परिजनों के साथ छुट्टियां बिता सकती हैं क्योंकि पिछले पांच वर्षों में वह केवल पांच दिन के लिये मणिपुर स्थित अपने घर जा पायी। 

चानू ने कहा, 'पिछले पांच वर्षों में मैं केवल पांच दिन के लिये घर जा पायी थी। अब मैं इस पदक के साथ घर जाऊंगी।' उनका परिवार नोंगपोक काकचिंग गांव में रहता है जो इंफाल से लगभग 20 किमी दूर है। इस भारोत्तोलक ने कहा, 'अब मैं घर जाऊंगी और मां के हाथ का बना खाना खाऊंगी।'

ओलंपिक मेडल जीतने का सपना हुआ पूरा

चानू ने खुलासा किया कि रियो ओलंपिक खेलों में असफल रहने के बाद उन्होंने अपनी ट्रेनिंग और तकनीक पूरी तरह से बदल दी थी ताकि वह टोक्‍यो में अच्छा प्रदर्शन कर सके। चानू ने भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) द्वारा आयोजित वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'ओलंपिक पदक जीतने का मेरा सपना आज पूरा हो गया। मैंने रियो में काफी कोशिश की थी, लेकिन तब मेरा दिन नहीं था। मैंने उस दिन तय किया था कि मुझे टोक्‍यो में खुद को साबित करना होगा।'

मीराबाई को पांच साल पहले रियो में भी पदक का प्रबल दावेदार माना जा रहा था, लेकिन वह महिलाओं के 48 किग्रा भार वर्ग में वैध वजन उठाने में असफल रही थी। उन्होंने कहा, 'मुझे उस दिन काफी सबक मिले थे। मेरी ट्रेनिंग और तकनीक बदल गयी थी। हमने उसके बाद काफी कड़ी मेहनत की। रियो में मैं उस दिन काफी निराश थी। मुझ पर काफी दबाव था और मैं नर्वस हो गयी। मैं कई दिनों तक कुछ समझ नहीं पायी, लेकिन इसके बाद कोच सर और महासंघ ने मुझे दिलासा दिया कि मैं क्षमतावान हूं।'

चानू की ट्रेनिंग में हुए काफी बदलाव

मुख्य कोच विजय शर्मा ने भी खुलासा किया कि रियो के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद उन पर काफी दबाव था। उन्होंने कहा, 'रियो की असफलता के बाद मुझ पर भी काफी दबाव था। हम सबसे महत्वपूर्ण प्रतियोगिता में नाकाम रहे थे। हमसे तब भी पदक की उम्मीद की जा रही थी।' टोक्‍यो में स्वयं को साबित करने के लिये प्रतिबद्ध चानू और शर्मा ने इसके बाद इस मणिपुरी खिलाड़ी की ट्रेनिंग और तकनीक में काफी बदलाव किये।

शर्मा ने कहा, 'इसके बाद हमने अभ्यास के तरीकों में काफी बदलाव किये। इसके बाद हमने 2017 में विश्व चैंपियनशिप और राष्ट्रमंडल खेलों में अच्छे परिणाम देखे। उसने पिछले छह वर्षों में अभ्यास के अलावा कुछ नहीं किया है।'