- भारतीय पैरालंपियन दीपा मलिक ने पेश की मिसाल
- अपनी बेटी देविका के साथ शहर-शहर जाकर दिहाड़ी मजदूरों को खिला रही हैं खाना
- भारत की इकलौती महिला पैरालंपिक विजेता हैं दीपा मलिक
चंडीगढ़: भारत की इकलौती महिला पैरालंपिक पदक विजेता दीपा मलिक और इनकी बेटी देविका ने लॉकडाउन के दौरान देश के विभिन्न शहरों में दिहाड़ी मजदूरों को पका हुआ भोजन देने की पहल की है। ‘हैप्पी जनता किचेन’ नाम की इस मुहिम के तहत मां बेटी की यह जोड़ी फिलहाल उत्तर प्रदेश के कानपुर में भूखों को भोजन करा रही है। जल्द ही वे नोएडा और अमेठी में भी इस मुहिम को ले जाएंगी।
खेल रत्न विजेता दीपा ने पीटीआई-भाषा को बताया कि कानपुर में हम शिव शक्ति कृपा फाउंडेशन के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। हम हर रोज ‘हैप्पी जनता किचेन’ के तहत कम से कम 100 लोगों तो खाना देते हैं।
भारतीय पैरालंपिक समिति की अध्यक्ष दीपा ने भीड़ ना जुटाने के सरकार के निर्देश को ध्यान में रखते हुए 12 मार्च को सभी राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं को 15 अप्रैल तक स्थगित करने का निर्णय लिया था। पद्म श्री से सम्मानित दीपा ने पीएम केयर्स फंड की घोषणा से पहले ही 5.70 लाख रुपये इस महामारी से निपटने के लिए दान कर दिए थे।