- पुलेला गोपीचंद भारतीय बैडमिंटन टीम के साथ टोक्यो नहीं जाएंगे
- गोपीचंद ने अपना स्थान साई प्रणीत के कोच सांतोसा को दिया है
- आईओए ने कहा कि सिर्फ 5 सपोर्ट स्टाफ सदस्य टीम के साथ जा सकते हैं
नई दिल्ली: भारत को दो ओलंपिक पदक दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद ने भारत की ओलंपिक बैडमिंटन टीम के साथ टोक्यो नहीं जाने का फैसला किया है ताकि एकल खिलाड़ी बी साई प्रणीत को कोचिंग दे रहे इंडोनिशयाई आगुस द्वी सांतोसा के लिये जगह बन सके।
गोपीचंद के मार्गदर्शन में साइना नेहवाल ने लंदन ओलंपिक 2012 में कांस्य और पी वी सिंधू ने रियो ओलंपिक 2016 में रजत पदक जीता था। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने केवल पांच सदस्यीय सहयोगी स्टाफ को ही जाने की अनुमति दी, जिसमें तीन कोच और दो फिजियो शामिल हैं। इसके बाद गोपीचंद ने हटने का फैसला किया।
ओलंपिक की तैयारियों के लिये सिंधू कोरियाई कोच ताइ सैंग पार्क के साथ गच्चिबावली इंडोर स्टेडियम में अभ्यास कर रही है जबकि सांतोसा प्रणीत को कोचिंग दे रहे हैं। डेनमार्क के मैथियास बो को चिराग और सात्विक की युगल जोड़ी को तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है जिनका यह पहला ओलंपिक होगा। ये चारों बैडमिंटन खिलाड़ी तोक्यो में भारतीय चुनौती पेश करेंगे।
भारतीय बैडमिंटन संघ (बीएआई) के महासचिव अजय सिंघानिया ने पीटीआई से कहा, 'हमारे पास केवल एक कोटा उपलब्ध था, गोपीचंद ने इसलिए हटने का फैसला किया ताकि सांतोसा टीम के साथ जा सकें जो महामारी के समय से ही साई (प्रणीत) को कोचिंग दे रहे हैं।' यह स्वाभाविक है कि खिलाड़ी मैचों के दौरान अपने संबंधित कोच को प्राथमिकता देंगे।
गोपीचंद के हटने के बाद भारतीय बैडमिंटन दल में तीन विदेशी कोच सहित नौ सदस्य रह गये हैं। इनमें दो फिजियो सुमांश शिवालंका और इवांगलीन बद्दाम (महिला) तथा चार खिलाड़ी शामिल हैं।