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ये अवॉर्ड जीतने वाली पहली भारतीय बनीं सानिया मिर्जा, मुख्यमंत्री राहत कोष में दान की पुरस्कार राशि

Updated May 11, 2020 | 20:47 IST

Sania Mirza donates award winning amount: भारतीय टेनिस दिग्गज सानिया मिर्जा ने फेड कप हार्ट पुरस्कार जीतने के बाद इनामी राशि को मुख्यमंत्री राहत कोष में दान किया।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
Sania Mirza

नई दिल्ली: भारत की स्टार टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा को एक और पुरस्कार मिला है, हालांकि इस बार ये कोर्ट पर कोई टूर्नामेंट जीतने के लिए नहीं बल्कि मां बनने के बाद कोर्ट पर सफल वापसी के लिए दिया गया है। उन्हें 'फेड कप हार्ट' (Fed Cup Heart award) पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। सानिया को इस पुरस्कार के साथ 2 हजार डॉलर की इनामी राशि भी मिली जिसे उन्होंने कोरोना महामारी से जंग के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष (तेलंगाना) में दान कर दिया है।

सानिया मिर्जा को एशिया-ओशियाना क्षेत्र के लिये फेड कप हार्ट पुरस्कार दिया गया है। उन्हें कुल 16985 में से दस हजार से अधिक वोट मिले और विजयी साबित हुईं। फेड कप हार्ट पुरस्कार के विजेता का चयन प्रशंसकों के वोट के आधार पर होता है। इसके लिये वोटिंग एक मई से शुरू हुई। सानिया को कुल वोट के 60 प्रतिशत मिले।

पूरे देश को समर्पित

इस स्टार भारतीय खिलाड़ी ने पुरस्कार जीतने के बाद अखिल भारतीय टेनिस संघ (AITA) द्वारा जारी बयान में कहा, ‘फेड कप हार्ट पुरस्कार जीतने वाली पहली भारतीय बनना गर्व की बात है। मैं पूरे देश और अपने प्रशंसकों को ये पुरस्कार समर्पित करती हूं। भविष्य में देश के लिये और उपलब्धियां हासिल करने की कोशिश करूंगी।’

भारत को फेड कप में ऐतिहासिक सफलता दिलाई

सानिया मिर्जा ने चार साल बाद फेड कप में वापसी की थी और इतिहास में पहली बार भारत ने प्लेऑफ में जगह बनाई थी। अपने बेटे इजहान को अक्टूबर 2018 में जन्म देने के बाद सानिया इस साल जनवरी में कोर्ट पर लौटीं और नादिया किचेनोक के साथ होबार्ट इंटरनेशनल खिताब जीता।

जुटाए थे 1.25 करोड़ रुपये

सानिया ने इससे पहले भी कोरोना वायरस से जंग में अपना योगदान दिया है। उन्होंने 1.25 करोड़ रुपये जुटाते हुए हजारों जरूरतमंद परिवारों को भोजन मुहैया कराया था। उन्होंने एक लाख लोगों की मदद की शपथ ली थी।

भारतीय टेनिस स्टार ने अपनी इस मुहिम के साथ-साथ ट्वीट करके लोगों को भी प्रेरित किया था कि वे जरूरतमंदों की मदद के लिए आगे आएं और अपनी क्षमता के अनुसार उनकी जरूर मदद करें।