- खेल मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा अगस्त में खाली स्टेडियम में शुरू कर सकते हैं खेल
- कई देशों में शुरू हो चुकी हैं खेल गतिविधियां
- कोरोना काल में पुख्ता चाहिए होगी तैयारी, आईओए पर बड़ी जिम्मेदारी
नई दिल्ली: खेल मंत्री किरेन रीजीजू ने मंगलवार को कहा कि अगस्त से खाली स्टेडियम में टूर्नामेंटों की शुरुआत की जा सकती है लेकिन भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने स्थिति के आधार पर कार्यक्रम में लचीलापन अपनाने की अपील की है। खेल मंत्री ने आईओए और कुश्ती, हॉकी, मुक्केबाजी और निशानेबाजी सहित 15 राष्ट्रीय महासंघों के प्रतिनिधियों के साथ आनलाइन बैठक की जिसमें भविष्य में खिलाड़ियों की ट्रेनिंग, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में उनके प्रतिनिधित्व और भारत में खेल प्रतियोगिताओं के आयोजन पर चर्चा की गई।
रीजीजू ने कहा, ‘‘आज की बैठक के बाद खेल मंत्रालय सभी विचारों की समीक्षा करेगा और खेलों को खोलने के लिए महासंघ के साथ मिलकर काम करेगा। मुझे लगता है कि अगस्त से हम कुछ खेल प्रतियोगिताओं को भी शुरू कर पाएंगे।’’ कोविड-19 महामारी को लेकर जारी अनिश्चितता को देखते हुए हालांकि आईओए अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने वार्षिक कैलेंडर में लचीलेपन की मांग की।
नरिंदर बत्रा का बयान
बैठक के दौरान मौजूद बत्रा ने कहा, ‘‘एसीटीसी (वार्षिक प्रतियोगिता एवं ट्रेनिंग कैलेंडर) में इस साल लचीलापन रखना होगा जिससे कि बदली हुई स्थितियों के अनुसार फैसले किए जा सकें।’’ बैठक के दौरान मंत्रालय ने सुझाव दिया कि महासंघ अंतरिम एसीटीसी सौंपे जिससे कि ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुके खिलाड़ियों की ट्रेनिंग चरणबद्ध तरीके से शुरू की जा सके। संबंधित अंतरराष्ट्रीय महासंघ जब अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं का कैलेंडर प्रकाशित करेगा तो एसीटीसी की समीक्षा की जा सकती है।
'हम धीरे-धीरे मौजूदा स्थिति के आदि हो रहे हैं'
रीजीजू ने कहा, ‘‘हम अनलॉक के पहले चरण में हैं और देश के रूप में हम धीरे धीरे मौजूदा स्थिति के आदी हो रहे हैं, यह सुरक्षा नियमों का पालन करने हुए खेलों को धीरे धीरे खोलने का सही समय है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘महासंघ प्रत्येक खेल को लेकर सर्वश्रेष्ठ फैसला करने की स्थिति में हैं और ऐसे में मंत्रालय उनके सुझाव जानता चाहता है। कोरोना वायरस के बाद खेलों में भारत की योजना में उनके विचार अहम भूमिका निभाएंगे।’’
टूर्नामेंट का प्रस्ताव तैयार किया जाए
मंत्री ने साथ ही सभी महासंघों से अपील की कि वे लीग मैनेजरों से बात करें और कुछ टूर्नामेंटों का प्रस्ताव तैयार करें जिन्हें प्रत्येक खेल में आगामी महीनों को आयोजित किया जा सके। उन्होंने कहा, ‘‘हमें स्टेडियम में छोटे टूर्नामेंट कराने की जरूरत है और इस दौरान दर्शक नहीं हों। लेकिन हम खेलों को टेलीविजन और सोशल मीडिया पर दिखाने का प्रयास कर सकते हैं।’’
बैठक में तीरंदाजी, एथलेटिक्स, बैडमिंटन, मुक्केबाजी, साइकिलिंग, तलवारबाजी, फुटबॉल, हॉकी, जूडो, निशानेबाजी, तैराकी, टेबल टेनिस, भारोत्तोलन और कुश्ती के अध्यक्षों और महासचिवों ने हिस्सा लिया। खेल सचिव रवि मित्तल, साइ के महानिदेशक संदीप प्रधान, आईओए महासचिव राजीव मेहता भी बैठक के दौरान मौजूद थे।