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खेल मंत्रालय ने बेहतर परिणाम हासिल करने के लिए लिया ऐसा फैसला, जानें इसके फायदे

Updated Jul 04, 2020 | 14:06 IST

Sports Ministry announcement: पूर्व दिग्गज एथलीटों को खेल तंत्र में आकर्षित करने के लिए बढ़ी हुई पारिश्रमिक और लंबी अनुबंध अवधि की पेशकश की जाएगी। इसका मकसद स्‍पर्धाओं में उनके अनुभव का फायदा उठाने का है।

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कीरेन रीजीजू
मुख्य बातें
  • खेल मंत्रालय ने पूर्व खिलाड़‍ियों को प्रशिक्षक बनने के लिए उत्‍साहित करने का फैसला किया
  • मंत्रालय ने सभी विदेशी कोचों का अनुबंध अगले साल 30 सितंबर तक बढ़ाने का फैसला किया
  • खेल मंत्री ने कहा कि कई भारतीय कोच अच्‍छा परिणाम दे रहे हैं और उन्‍हें पुरस्‍कृत करने की जरूरत है

नई दिल्ली: खेल मंत्रालय ने शनिवार को भारतीय कोचों द्वारा एलीट एथलीटों को प्रशिक्षण देने पर वेतन की ऊपरी सीमा दो लाख रुपये को हटाने की घोषणा की, ताकि वे बेहतर परिणाम देने के लिए प्रोत्साहित हों और पूर्व खिलाड़ियों को हाई परफोर्मेंस प्रशिक्षक बनने के लिए उत्साहित किया जा सके। मंत्रालय ने शुक्रवार को सभी विदेशी कोचों के अनुबंध को अगले साल 30 सितंबर तक बढ़ने का फैसला किया, जिसके बाद यह घोषणा की गयी। इसके साथ ही ओलंपिक से तालमेल बैठाते हुए अब भारतीय और विदेशी कोच को चार साल के लिए चुनने का फैसला किया गया।

खेल मंत्री किरेन रीजीजू ने यहां जारी बयान में कहा, 'कई भारतीय कोच बहुत अच्छे परिणाम दे रहे हैं और उन्हें कड़ी मेहनत के लिए पुरस्कृत करने की आवश्यकता है। सरकार देश भर से सर्वश्रेष्ठ कोचिंग प्रतिभाओं को आकर्षित करने की इच्छुक है। एलीट एथलीटों को प्रशिक्षित करने के लिए हम नहीं चाहते हैं कि कोच के ऊपरी वेतन की कोई सीमा कोई रूकावट बने।' मंत्रालय की विज्ञप्ति में कहा गया है कि पूर्व दिग्गज एथलीटों को खेल तंत्र में आकर्षित करने के लिए बढ़ी हुई पारिश्रमिक और लंबी अनुबंध अवधि की पेशकश की जाएगी। 

कोचों के अनुभव का फायदा

इसका मकसद ओलंपिक सहित प्रमुख अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए क्वालीफाई करने वाले खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने के लिए उनके अनुभव और कौशल का उपयोग करने है । पहले से विभिन्न सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) में काम करने वाले प्रख्यात कोचों को प्रतिनियुक्ति पर जुड़ने और चार साल के अनुबंध के साथ-साथ उच्च वेतन संरचना के लिए पात्र होने की अनुमति दी जाएगी। कोचों के पारिश्रमिक का निर्धारण पूर्व-एलीट वर्ग के एथलीट के प्रदर्शन और कोच के तौर पर उसकी सफलता पर अधारित होगा।

मंत्रालय के बयान के मुताबिक, 'सभी नए कोच और मौजूदा कोच जिन्हें नया अनुबंध दिया गया है, वे राष्ट्रीय शिविर और भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) के राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र (एनसीओई) में प्रशिक्षण प्रदान करेंगे, जिनका चयन खेल मंत्रालय और राष्ट्रीय खेल संघों द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा।'

गोपीचंद खुश

इस कदम का स्वागत करते हुए बैडमिंटन के राष्ट्रीय मुख्य कोच पुलेला गोपीचंद ने कहा, 'यह लंबे समय से खेल बिरादरी की मांग रही है। मैं इस फैसले से बहुत खुश हूं क्योंकि यह कई प्रतिभाशाली प्रशिक्षकों और पूर्व दिग्गज एथलीटों को इस पेशे में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करेगा।' खेल मंत्रालय 2028 ओलंपिक को ध्यान में रखते हुए कोविड-19 महमारी के खत्म होने के बाद जमीनी स्तर की प्रतिभा खोजना फिर से शुरू करेगा।