नई दिल्ली : आरोग्य सेतु ऐप को लेकर सियासत हो रही है। राहुल गांधी ने कहा कहा था कि आरोग्य सेतु ऐप एक सोची समझी निगरानी सिस्टम है यह डेटा सुरक्षा और निजता को लेकर चिंता बढ़ाने वाला है। इसके बाद केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और आयुष्मान भारत के सीईओ इसे झूठा करार दिया। आरोग्य सेतु ऐप ने ने भी सफाई देते कहा कि इसमें सुरक्षा को लेकर कोई है। यूजर की जानकराी खतरे में नहीं है। अब एप्पल और गूगल भी सामने आए और कहा कि अपने एपीआई का इस्तेमाल करने वाले ऐप को लोकेशन ट्रैकिंग की इजाजत नहीं देंगे।
फैसले का आरोग्य सेतु ऐप पर नहीं होगा कोई असर
एप्पल और गूगल ने बताया है कि कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप को रोकने में स्वास्थ्य एजेंसियों की मदद के लिए दोनों कंपनियों द्वारा मिलकर बनाए जा रहे एपीआई का इस्तेमाल करने वाले एप्स को लोकेशन ट्रैकिंग की इजाजत नहीं दी जाएगी। हालांकि, इस फैसले का आरोग्य सेतु जैसे ऐप पर कोई असर नहीं होगा। पिछले महीने एप्पल और गूगल ने कहा था कि वे संपर्क में आने वालों का पता लगाने के लिए एक व्यापक समाधान की पेशकश करेंगे, जिसमें एप्लिकेसन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (एपीआई) और ऑपरेटिंग सिस्टम स्तर की तकनीक शामिल हैं। एपीआई का इस्तेमाल सॉफ्टवेयर और ऐप बनाने के लिए किया जाता है।
9 करोड़ से अधिक लोग कर चुके हैं डाउनलोड
सूत्रों के अनुसार कि कोई व्यक्ति कहां-कहां गया, इसका पता लगाने पर रोक सिर्फ गूगल-एप्पल के एपीआई का इस्तेमाल करने वाले ऐप पर लागू होगी और यह किसी मौजूदा ऐप को प्रभावित नहीं करेगा, संपर्क का पता लगाने के लिए जिनका अपना एपीआई है। इसका अर्थ है कि कोरोना वायरस से संक्रमित रोगियों की निगरानी करने के लिए भारत सरकार के मोबाइल ऐप आरोग्य सेतु पर इसका कोई असर नहीं होगा। इस ऐप को अभी तक 9 करोड़ से अधिक लोग डाउनलोड कर चुके हैं।