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Solar and lunar Eclipse Difference: सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण के बीच फर्क को जानें विस्तार से

Updated Jun 10, 2021 | 15:23 IST

10 जून को एक बार फिर दुनिया खगोलीय घटना सूर्य ग्रहण का दीदार कर रही है। इस बार लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में आंशिक तौर पर दिखाई देगा। इन सबके बीच हम बताएंगे कि यह चंद्रग्रहण से किस तरह अलग है।

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सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण के बीच क्या है बुनियादी फर्क
मुख्य बातें
  • दुनिया के अलग अलग हिस्सों में सूर्य ग्रहण, भारत में आंशिक तौर पर देगा दिखाई
  • 2021 में कुल चार ग्रहण लगने वाले हैं।
  • 26 मई को चंद्र ग्रहण लग चुका है, अगला चंद्रग्रहण नवंबर में लगेगा

नई दिल्ली। एक बार पूरी दुनिया सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) की अलौकिक खगोलीय घटना की साक्षी बन रही है। 10 जून को दोपहर से शाम तक करीब पांच घंटे तक दुनिया के अलग अलग हिस्सों में सूर्यग्रहण को देखा जा सकेगा। भारत में आंशिक तौर पर पूर्वाेत्तर के राज्यों में दिखाई देगा। वैसे तो सूर्य ग्रहण पूरी तरह से खगोलीय घटना है लेकिन इसका धार्मिक पक्ष भी है। अब सवाल यह है कि ग्रहण ना सिर्फ सूरज को लगता है बल्कि चांद पर भी ग्रहण लगता है जिसे चंद्र ग्रहण( Lunar Eclipse) कहते हैं। यहां पर हम सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण (Difference between solar eclipse and lunar eclipse) के बीच अंतर बताएंगे।

सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण के बीच अंतर
जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरता है। जब सूर्य व पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आ जाता है तो चंद्रमा के पीछे सूर्य का बिम्ब कुछ समय के लिए ढंक जाता है, इसे सूर्य ग्रहण कहते हैं। ध्यान देने वाली बात है कि सूरज एक तारा है जो अपनी जगह स्थिर रहता है। 
जब चन्द्रमा पृथ्वी के ठीक पीछे उसकी प्रच्छाया में आ जाता है। चांद की छाया की अवधि  की वजह से  सूर्यग्रहण किसी भी स्थान से केवल कुछ मिनटों तक ही दिखता है। चंद्र ग्रहण की अवधि कुछ घंटों की होती है।

पूर्णिमा के दिन जब सूर्य और चंद्रमा की बीच पृथ्वी आ जाती है तो उसकी छाया चंद्रमा पर पड़ती है। चंद्रमा का छाया वाला भाग अंधकारमय रहता है. और इस स्थिति में जब हम धरती से चांद को देखते हैं तो वह भाग हमें काला दिखाई पड़ता है और इसे हम चंद्र ग्रहण कहते हैं। 

अंगुठी की तरह सूरज

चंद्र की आकार में सूरज
ज्योतिष के अनुसार 2021 में कुल चार  ग्रहण लगने जा रहे हैं जिसमें दो चंद्र ग्रहण है और दो सूर्य ग्रहण हैं।  26 मई के बाद दूसरा चंद्र ग्रहण 19 नवंबर 2021 को लगेगा। दूसरा चंद्र ग्रहण भी उपछाया ग्रहण माना जा रहा है.

धीरे धीरे सूरज पर लगा ग्रहण

चंद्रग्रहण
ग्रहण एक खगोलीय अवस्था है जिसमें कोई खगोलीय पिंड जैसे ग्रह या उपग्रह किसी प्रकाश के स्रोत जैसे सूर्य और दूसरे खगोलीय पिंड जैसे पृथ्वी के बीच आ जाता है जिससे प्रकाश का कुछ समय के लिये अवरोध हो जाता है।


चांद पर जब लगा ग्रहण
यह नजारा चांद पर पूरी तरह से ग्रहण के बाद दिखाई देता है। 
खगोलीय घटनाएं हमेशा आकर्षण का केंद्र रही हैं। धार्मिक प्रवृत्ति के लोग जहां इन घटनाओं को शुभ और अशुभ के नजरिए से देखते हैं तो वैज्ञानिकों के लिए सिर्फ यह पृथ्वी, चंद्रमा और सूर्य के बीच घूमने की वजह से अलग अलग चरणों का अध्ययन होता है। खैर इस विषय में लोगों के अलग अलग विचार होते हैं। लेकिन जब यह पता चलता है कि इस तरह की खगोलीय घटना घटने वाली है तो उस दिन का लोग बेसब्री से इंतजार करते हैं।