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रेडिट के सीईओ ने कहा गलती से भी डाउनलोड ना करें TikTok, कहा- स्पाईवेयर जैसा है ये

Updated Feb 27, 2020 | 18:25 IST

TikTok is fundamentally parasitic: लोगों के बीच टिक टॉक को लेकर जबरदस्त क्रेज देखने को मिलता है। हालांकि इस चीनी ऐप को बीच में भारत में बैन कर दिया था, लेकिन कुछ समय बाद ये ऐप फिर से ठीक ठाक चलने लगा।

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Tik tok
मुख्य बातें
  • रेडिट के सीईओ ने टिक टॉक ऐप को बताया पैरासाइट जैसा।
  • ऐप को फोन में इंस्टॉल नहीं करने की दी हिदायत।
  • भारत में खूब पसंद किया जाता है टिक टॉप ऐप।

टिक टॉक को लेकर समय समय पर कई सवाल उठे हैं। बता दें कि ये ऐप सोशल मीडिया को जबरदस्त टक्कर दे रहा है। खाली वक्त में इसे इस्तेमाल करना लोगों को शौक बन चुका है। वहीं हाल ही में टिक टॉक को पैरासाइट बताया गया हैं। जी हां, अमेरिकी सोशल डिस्कशन वेबसाइट रेडिट (Reditt) के को-फाउंडर और सीईओ ने इस ऐप को पैरासाइट जैसा बताया है। यही नहीं इसे स्पाई वेयर तक कहा गया।

रेडिट के सीईओ स्टीव हफमैन ने कहा कि टिक टॉक ऐप पैरासाइट जैसा है। वहीं एक वेबसाइट ने इसे स्पाई वेयर कहा है। जिसका मतलब ऐसे ऐप जो आपकी जासूसी करते हैं। स्टीव हफमैन ने टिक टॉक को लेकर कहा कि मुझे ये ऐप पैरासाइट जैसा लगता है, जो हमेशा आपको सुनता है। इसके साथ ही जो फिंगरप्रिंटिंग टेक्नॉलजी का इस्तेमाल करते हैं, वो तो डराने वाला है। ऐसे में इस तरह के ऐप को फोन में इंस्टॉल नहीं कर सकता हूं। इसके साथ हीउन्होंने लोगों को भी सलाह दिया है कि वो भी अपने फोन में स्पाईवेयर को इंस्टॉल नहीं करें।

बता दें कि टिक टॉक को लेकर समय समय पर विवाद होते रहे हैं। वहीं देशभर में टिक टॉक को लेकर जबरदस्त धूम देखने को मिल रहा है। इस मुकाबले में भारत दूसरे नबंर के देशों में है, जहां टिक टॉक सबसे ज्यादा चर्चित है। दुनियाभर में टिक टॉक ऐप को 104.7 मिलियन बार डाउनलोड किया जा चुका है। जिसमें सिर्फ भारत में 34.1% डाउनलोड किया गया है। इस आकंड़े से अंदाजा लगा सकते हैं कि ये ऐप लोगों के बीच किस कदर पसंद किया जा रहा है।

चीनी कंपनी Bytedance के ऐप को लोग खूब पसंद करते हैं। भारत में बॉलीवुड स्टार्स से लेकर आम लोगों के बीच ये ऐप खूब पसंद किया जाता है। बता दें कि ज्यादातर स्टार्स टिक टॉक पर काफी एक्टिव हैं।