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SMART : भारत की एक और कामयाबी, लंबी दूरी की सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड टॉरपीडो का सफल परीक्षण

Updated Dec 13, 2021 | 15:29 IST

भारत ने आज रक्षा के क्षेत्र में एक और कामयाबी हासिल की। ओडिशा में बालासोर के तट से लंबी दूरी की सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड टॉरपीडो (SMART) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड टॉरपीडो

नई दिल्ली : भारत ने आज (13 दिसंबर) ओडिशा में बालासोर के तट से लंबी दूरी की सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड टॉरपीडो (स्मार्ट) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। रक्षा अधिकारी ने कहा कि ओडिशा में बालासोर से लंबी दूरी की सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड टॉरपीडो (SMART) का सफलतापूर्वक टेस्ट किया गया। भारतीय नौसेना के लिए DRDO द्वारा यह हथियार सिस्टम विकसित की जा रही है। डीआरडीओ का कहना है कि सिस्टम को टारपीडो की पारंपरिक सीमा से कहीं अधिक एंटी-सब मरीन वारफेयर क्षमता बढ़ाने के लिए डिजाइन किया गया है।

डीआरडीओ ने बताया कि परीक्षण के दौरान मिसाइल की सभी क्षमताओं का सफलतापूर्वक प्रदर्शन देखने को मिला। इस प्रणाली को पनडुब्बी रोधी युद्धक क्षमताओं को बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है, जो पारंपरिक टॉरपीडो की रेंज से कहीं अधिक है। डीआरडीओ ने एक बयान में कहा कि यह परीक्षण योजना के अनुसार रहा। इस दौरान इलेक्ट्रो ऑप्टिक टेलीमेट्री सिस्टम, डाउन रेंज इंस्ट्रूमेंटेशन और डाउन रेंज शिप सहित विभिन्न रेंज रडार द्वारा पूरे प्रक्षेपवक्र की निगरानी की गई। मिसाइल में टारपीडो, पैराशूट डिलीवरी सिस्टम और रिलीज मेकैनिज्म था।' डीआरडीओ ने कहा कि एसएमएटी को 'ग्राउंड मोबाइल लॉन्चर' से प्रक्षेपित किया गया है और यह काफी दूरी तय कर सकता है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड टॉरपीडो सिस्टम के सफल परीक्षण में शामिल टीमों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि प्रणाली का विकास देश में भविष्य की रक्षा प्रणालियों के निर्माण का एक आदर्श उदाहरण है।

डीआरडीओ की कई प्रयोगशालाओं ने इस उन्नत मिसाइल प्रणाली के लिए विभिन्न तकनीकों का विकास किया है। संगठन ने विभिन्न उप-प्रणालियों के विकास और उत्पादन में भाग लिया। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी ने भी सफल परीक्षण में शामिल सभी लोगों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह प्रणाली हमारी नौसेना की ताकत को और बढ़ाएगी और रक्षा, विशेषज्ञता व क्षमताओं के दोहन में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देगी।