नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट से टेलीकॉम कंपनियों को बड़ा झटका लगा है। शीर्ष अदालत ने वोडाफोन आइडिया, भारती एयरटेल और टाटा टेलीसर्विसेस की समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) की समीक्षा याचिका को खारिज कर दिया है। इस याचिका में टेलीकॉम कंपनियों ने कोर्ट से 24 अक्टूबर को एजीआर पर दिए गए अपने फैसले पर विचार करने का मांग की थी। एयरटेल ने बताया कि वह सुधारात्मक याचिका दायर करने पर विचार कर रही है।
टेलीकॉम कंपनियों पर 1.02 लाख करोड़ रुपये की लाइसेंस फीस, स्पेक्ट्रम यूजेज चार्ज, पेनाल्टी और ब्याज की देनदारी है। बीते नवंबर में टेलीकॉम कंपनियों ने एजीआर का भार कम करने के लिए कोर्ट में समीक्षा याचिका दायर की थी। कंपनियों ने याचिका में कोर्ट के पूरे फैसले को चुनौती देने के बजाय, एजीआर पेमेंट की तारीख आगे बढ़ाने का आग्रह किया था।
न्यायाधीश अरुण मिश्रा, न्यायाधीश एसए अब्दुल नजीर और न्यायाधीश एमआर शाह की बेंच ने गुरुवार को सुनवाई के बाद याचिका को खारीज कर दिया है। टेलीकॉम कंपनियों पर अलग अलग देनदारी है। 24 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने एजीआर मामले पर डीओटी के पक्ष में फैसला दिया था। वोडाफोन आइडिया और भारतीय एयरटेल पर कोर्ट के इस फैसले का सबसे ज्यादा असर पड़ा है।
दोनों कंपनियों पर क्रमशः 53,039 करोड़ रुपये और 35,586 करोड़ रुपये की देनदानी है। यह देनदारी दोनों कंपनियों को 23 जनवरी तक चुकानी है। टाटा टेलीसर्विसेस, जिसने अपना कंज्यूमर मोबिलिटी बिजनेस एयरटेल को बेच दिया है, उस पर 13,823 करोड़ रुपये की देनदारी है। इन तीन समेत कुल 15 कंपनियों को 1.47 लाख करोड़ रुपये का भुगतान करना है।