नई दिल्ली: एक 23 साल की मां का दावा है कि जबसे वह और उसका बच्चा कोरोनो वायरस के संपर्क में आए हैं, तब से उसके स्तन का दूध हरा हो गया है। मेक्सिको की अन्ना कॉर्टेज जनवरी में कोविड-19 से संक्रमित हो गई थी। उन्हें सर्दी थी और उन्हें टेस्ट और स्मैल भी नहीं आ रही थी। उन्हें तब हैरानी हुई जब उनके स्तन का दूध हरा हो गया।
उन्होंने आगे दावा किया कि जैसे ही वह कोरोना वायरस से नेगेटिव हुईं उनके दूध का रंग वापस से पहले जैसा सामान्य हो गया। बाल रोग विशेषज्ञ द्वारा उन्हें आश्वासन दिया गया कि उनका दूध सुरक्षित था और रंग बदलने का परिणाम हो सकता है कि इससे एंटीबॉडी डेवलप हुई हो और उससे बेटी को वायरस से लड़ने में मदद मिली हो। यह भी कहा जा सकता है कि हरी सब्जियों या दवाइयों के असर से दूध का रंग बदल गया हो। हालांकि दूध से बच्ची को कोई खतरा नहीं था।
महिला ने जब सोशल मीडिया पर इस अनुभव को शेयर किया तो कई महिलाओं ने कहा कि उनके साथ भी ऐसा हो रहा है। डॉक्टरों ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव होने पर भी मां का दूध बच्चे को वायरस से लड़ने में मदद कर सकता है। महिला के दूध के जरिए बच्चे के अंदर वायरस की एंटीबॉडी बढ़ती है।
इंपीरियल कॉलेज लंदन में स्तन दूध शोधकर्ता और ह्यूमन मिल्क फाउंडेशन की सह-संस्थापक डॉ. नताली शेनकर ने कहा कि महिला संक्रमित होने के बाद कोविड के खिलाफ एंटीबॉडी उत्पन्न करती है और वो एंटीबॉडी 90% मामलों में दूध में चली जाती हैं।