Aatmnirbhar : कोरोना वायरस महामारी की वजह पूरा संसार अस्त व्यस्त हो गया। आर्थिक गतिविधि ठप हो गई। लोगों नौकरियां चली गई। लॉकडाउन की वजह से रोजगार बंद होने पर लोगों का शहर से पलायन हुआ। लोग अपने गांव आकर रहने लगे। लेकिन वहां काम की कमी थी। इस दौरान सरकार ने आत्मनिर्भर पैकेज का ऐलान किया। पीएम मोदी ने लोगों से आत्मनिर्भर बनने की अपील की। हमीरपुर जिला की पंचायत ग्वारडू के गांव कुसवाड़ के पंकज कुमार ने भी आत्मनिर्भर बनने का फैसला किया। वह भी शहर में काम करता था लेकिन लॉकडाउन की वजह उन्हें घर आना पड़ा।
अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक पंकज बद्दी में नौकरी करता था। लॉकडाउन की वजह से कम बंद हो गया और वह घर आ गया। लेकिन घर पर कोई काम नहीं था। फिर उसने अपने हुंनर का इस्तेमाल करने का विचार किया। ताकि उसकी कमाई हो सके। उसने खिलौना बनाने का विचार किया। उसके बाद उसने खिलौने के तौर पर गाड़ियां बनाना शु्रू कर दिया। वह इतना हुनरमंद था कि उसकी बनाई हुई खिलौना गाड़ियां की चर्चा होने लगी। अब तक वह कई कई गाड़ियां बना चुके हैं। उसके हाथ से बनी खिलौना गाड़ियां देखकर आप कहेंगे कि यह असली गाड़ियां लगती हैं।
पंकज कुमार के हाथ कला के जादूगर की तरह काम करता है। कि वाहनों को देखकर आप कहेंगे कि यह किसी फैक्ट्री में तैयार होकर आई है। पंकज ने अपने घर के आंगन में ही मिनी बस अड्डा बना लिया है। वहां अपने हाथों से बस ट्रक, ट्राला, टैंकर, ट्रैक्टर, घर और मंदिर भी बनाए हैं।
पंकज ने बताया कि बचपन से उसे ड्राइंग का काफी शौक रहा है जब भी समय मिलता है वह ड्राइंग बनाता है। पंकज ने बताया खिलौना गाड़ियों को बनाने में दो से तीन दिन लगते हैं। उसने कहा कि फेसबुक के जरिए से इन गाड़ियों की मार्केटिंग की है। लोगों ने गाड़ियां खरीदने के लिए फोन भी किए हैं।
काम की वजह से खाली भटक रहे युवाओं के लिए पंकज ने आत्मनिर्भर बनने के मैसेज दिया है। दूसरे युवाओं के लिए प्रेरणा बन सकते हैं। हर व्यक्ति में कुछ न कुछ काबिलियत होती है। वह उसका इस्तेमाल कर आत्मनिर्भर बन सकता है।