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बरेली को आखिरकार मिला अपना 'खोया झुमका', 200 किलोग्राम है इसका वजन

Updated Feb 09, 2020 | 19:15 IST

झुमका गिरा रे बरेली के बाजार में.... इस गाने ने उत्तर प्रदेश के शहर बरेली को एक नई पहचान दिलाई है। अब जाकर बरेली को इसका खोया हुआ झुमका वापस मिल गया है।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
बरेली का झुमका

नई दिल्ली : 'झुमका गिरा रे बरेली के बाजार में...'। अपने जमाने का ये मशहूर गाना तो आपने जरूर सुना होगा। इस गाने पर ना जाने कितनी कहानियां किस्से चुटकुले और मीम्स बने। अब जाकर के आखिरकार बरेली को अपना खोया हुआ झुमका वापस मिल गया है।

चौंकिए नहीं.. दरअसल हम बात कर रहे हैं बरेली नेशनल हाईवे 24 (NH24) पर बनाए गए एक स्ट्रक्चर की जो झुमके की डिजाइन का बनाया गया है। केंद्रीय मंत्री और स्थानीय सांसद संतोष गंगवार ने एनएच 24 के जीरो प्वाइंट पर 14 फीट उंचाई की एक झुमके की आकार औऱ डिजाइन की स्ट्रक्चर का उद्घाटन किया। 

झुमके का वजन 200 किग्रा है
झुमके का वजन 200 किलोग्राम है इसे शनिवार को इंस्टाल किया गया। इसे रंगबिरंगे पत्थरों से बनाया गया है और इसके ऊपर बरेली के मशहूर जरी से एंब्रॉयडरी की गई है। 1996 में आया ये चार्ट-बस्टर गाना 'झुमका गिरा रे बरेली के बाजार में' का क्रेज लंबे समय तक लोगों के बीच देखने को मिला था।

गाने ने दिलाई बरेली को अलग पहचान
हालांकि इस शहर से और झुमके का वास्तव में कोई कनेक्शन नहीं है लेकिन इस गाने ने इस शहर को जरूर एक खासी पहचान दे दी थी। गाने के झुमके ने ना सिर्फ बरेली को एक नई पहचान दे दी बल्कि यहां बड़ी संख्या में आने वाले पर्यटक भी आकर झुमके की तलाश करने लगते हैं।  

पर्यटकों के बीच हुआ लोकप्रिय
लोकल ज्वेलर पीके अग्रवाल ने बताया कि यहां आने वाले हमसे बरेली के झुमके की मांग करते हैं लेकिन हम उन्हें समझा कर थक जाते हैं कि यहां के कोई अलग झुमके नहीं मिलते हैं हर दूसरी जगह जैसे झुमके मिलते हैं यहां भी वैसे ही मिलते हैं। बरेली की खासियत कोई झुमका नहीं है। हालांकि हम अलग-अलग डिजाइन के झुमका जरूर रखते हैं ताकि हम अपने ग्राहकों को निराश नहीं कर सकें।

फंड जुटाकर सांसद ने बनवाया
इसी बीच बरेली डेवलपमेंट अथॉरिटी (बीडीए) की तरफ से शहर के बीचोंबीच झुमका स्ट्रक्चर के निर्माण के बाद यह पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र जरूर बन जाएगा। सांसद संतोष गंगवार ने कहा कि इसके निर्माण में कई लोगों ने सराहनीय योगदान दिया है। यह देखने में काफी यूनिक और खूबसूरत है। अब यहां आने वाले लोग सदाबहार गाने के साथ बरेली के झुमके के नाम से फेमस लैंडमार्क का इस्तेमाल कर सकते हैं।

कुल 18 लाख लागत आई है
बताया जाता है कि इस प्रोजेक्ट के निर्माण में कुल 18 लाख रुपए लगे हैं। 8 लाख झुमका के निर्माण में जबकि 10 लाख इस जगह के सौंदर्यीकरण में लगे हैं। अहम बात ये है कि इसके लिए कोई सरकारी फंड का इस्तेमाल नहीं किया गया है। इसके लिए कई अलग-अलग संस्थाओं जैसे यूनिवर्सिटी, अस्पताल, स्थानीय लोगों ने मिलकर फंड जुटाए हैं जिसके बाद इसका निर्माण किया गया है।