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Viral: अपने कुत्तों और परिवार को ट्रैक्टर पर लेकर निकले कंंपनी के CEO, जानिए क्यों किया ऐसा

Updated Sep 06, 2022 | 13:44 IST

Bengaluru Flood: बेंगुलुरु में भारी बारिश की वजह से सड़कों पर बाढ़ जैसी स्थिति पैदा है गई है। इससे आम लोग ही नहीं खास लोग भी परेशान हो गए हैं। इस बीच एक तस्वीर लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींच रही है।

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तस्वीर साभार:&nbspTimes Now
कंपनी के CEO
मुख्य बातें
  • बेंगलुरु में भारी बारिश से मची तबाही
  • लगातार बारिश ने सिलिकॉन सिटी को घुटनों पर लाया
  • ट्रैक्टर पर बैठकर घर से निकले प्राइवेट कंपनी के सीईओ

Bengaluru Flood: भारत की 'सिलिकॉन वैली' कहे जाने वाले बेंगलुरु में रविवार और सोमवार को मूसलाधार बारिश होने की वजह से तबाही मच गई है। लगातार हो रही बारिश की वजह से मुख्य सड़कें जलमग्न हो गई हैं। इसके अलावा अपार्टमेंट परिसरों और लोगों के घरों में भी पानी भर गया है। भारी बारिश की वजह से सड़कों पर बाढ़ जैसी स्थिति पैदा है गई है। इससे आम लोग ही नहीं खास लोग भी परेशान हो गए हैं। इस बीच एक तस्वीर लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींच रही है।

यह तस्वीर एक कंपनी के सीईओ और उनके परिवार की है। तस्वीर में देखा जा सकता है कि कंपनी के CEO अपने परिवार को बाढ़ से बचाने के लिए ट्रैक्टर का सहारा ले रहे हैं। उन्होंने बाढ़ प्रभावित अपना घर छोड़ दिया है और ट्रैक्टर पर सामान लादकर जाते नजर आ रहे हैं। स्टार्टअप के फाउंडर और सीईओ विनोद कौशिक ने अपने परिवार के लोगों के साथ घर छोड़ दिया है। वह ट्रैक्टर पर अपना सामान और दो कुत्तों के साथ रवाना होते हुए नजर आए। 

आम और खास हर कोई परेशान

बता दें कि बाढ़ की वजह से यमलूर-बेलांदुर कॉरिडोर के आस-पास कारें पानी में डूब गई हैं। इस कारण यहां के निवासी ट्रैक्टर से सुरक्षित इलाकों की ओर जा रहे हैं। बड़ी-बड़ी आईटी कंपनियों में काम करने वाले लोग भी ट्रैक्टर पर सवार होकर अपने ऑफिस पहुंच रहे हैं। फिलहाल ज्यादातर कंपनियों ने भारी बारिश और बाढ़ की वजह से अपने कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दी है।

बारिश की वजह से बेंगलुरु की सड़कें तालाब बन गई हैं। बारिश की वजह से हजारों लोग अपने घरों से विस्थापित हो चुके हैं। बारिश के कारण 20,000 से ज्यादा वाहन खराब हो चुके हैं। टॉनी आईटी हब समेत आउटर रिंग रोड के अधिकांश हिस्सों में पानी भर गया है, जिससे बड़े पैमाने पर ट्रैफिक जाम हो रहा है। ऑफिस जाने वाले लोग या तो घुटनों तक पानी में जाने के लिए मजबूर हैं या ट्रैक्टर का सहारा ले रहे हैं।