नई दिल्ली: लॉकडाउन के कारण प्रवासी मजदूर अपने घरों को लौट रहे हैं। बड़ी संख्या में मजदूर अपने परिवार के साथ जहां पैदल सफर तय कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ हजारों की संख्या में मजदूर ट्रेनों से भी घर वापस जा रहे हैं। सरकार ने प्रवासी श्रमिकों को उनके घर पहुंचाने के लिए स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं। ऐसे में श्रमिक स्पेशल ट्रेन में स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा मानवीय सेवा का एक बड़ा उदाहरण देखने को मिला। दरअसल, बिहार सूरत से बिहार लौट रही महिला को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई, जिसके बाद स्वास्थ्य कर्मियों ने सुरक्षित डिलीवरी करवाई। महिला ने ट्रेन में बच्चे को जन्म दिया।
डॉक्टरों की टीम ट्रेने का किया इंतजार
सीतामढ़ी के रहने वाले प्रवासी असलम अंसारी अपनी पत्नी मिनाज खातून के साथ सूरत से घर लौट रहे थे। अचानक आरा बिहटा के बीच में ही मिनाज को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। असलम ने ट्रेन में रेल प्रशासन के लोगों को इस संबंध में जानकारी दी। इसके बाद डॉक्टरों की टीम को दनापुर कंट्रोल रूम में खबर की गई। डॉक्टरों की टीम दनापुर में ट्रेने के आने का इंतजार कर रही थी। जैसे ही स्पेशल ट्रेन दनापुर एक नंबर प्लेटफॉर्म पर पहुंची डॉक्टरों की टीम ने महिला को देखा। मेडिकल टीम ने महिला की सुरक्षित डिलीवरी करवाई। सुरक्षित प्रसव होने के बाद बच्चे के पिता असलम डॉक्टरों और रेल प्रशासन की तारीफ करते नहीं थक रहे।
कटिहार में भी कुछ ऐसा ही हुआ
दानापुर के अलावा राज्य के कटिहार स्टेशन पर भी मेडिकल टीम ने एक और मिसाल पेश की। यहां त्रिपुरा से आ रही महिला ने ट्रेन में बच्ची को जन्म दिया। चलती ट्रेन में एक प्रवासी मजदूर की पत्नी को प्रसव पीड़ा हुई। रेल प्रशासन ने इसे गंभीरता से लिया और इसकी सूचना तत्काल कटिहार प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को दी। जैसे ही कटिहार में ट्रेन पहुंची डॉक्टर सहित अन्य कर्मियों ने महिला की देखभाल शुरू कर दी। महिला ने एक बच्ची को जन्म दे दिया।