- केंद्रीय राज्यमंत्री एल मुरुगन के माता-पिता तमिलनाडु के नामक्कल जिले के कोन्नूर गांव में मजदूरी करते हैं
- माता-पिता को जब बेटे के मंत्री बनने की खबर मिली, तब भी दोनों खेत में काम कर रहे थे
- दोनों को मेहनत कर अपनी कमाई की रोटी उन्हें ज्यादा पसंद है
नई दिल्ली: राजनीति को लेकर कहा जाता है कि आप यहां कामयाब हो जाते हैं तो आप आसमान में बातें करने लगते हैं आपका लाइफ स्टाइल बदल जाता है वहीं देश में सादगी की मिसाल भी कम नहीं हैं ऐसे ही हैं केंद्रीय मंत्री एल मुरुगन (Union Minister L Murugan) के मां-बाप, राजनीति में उनके बेटे के उदय ने उन्हें तमिलनाडु में खेतों में काम करने के लिए जीवनयापन करने से नहीं रोका गौर हो कि एल मुरुगन को हाल ही में मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी, सूचना प्रसारण राज्य मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया है।
केंद्रीय राज्यमंत्री एल मुरुगन के माता-पिता राजनीति की चकाचौंध से दूर तमिलनाडु के नामक्कल जिले के कोन्नूर गांव में मजदूरी करते हैं।केंद्रीय मंत्री बनने से पहले मुरुगन तमिलनाडु बीजेपी के अध्यक्ष थे। उनके माता-पिता, लोगनाथन और वरदम्मल, तमिलनाडु के नमक्कल जिले के कोनूर गांव में रहते हैं, मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दोनों स्वतंत्र रूप से अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं, लोगनाथन और वरुदम्मल अरुंथथियार समुदाय से हैं, दोनों एक छोटे से घर में रहते हैं।
अपने बेटे पर गर्व तो बहुत है पर खुद्दारी बनी हुई है
माता-पिता को जब बेटे के मंत्री बनने की खबर मिली, तब भी दोनों खेत में काम कर रहे थे। एक खेत में लोगनाथन जमीन समतल करने में लगे दिखते हैं वहीं वरुदम्मल एक खेत से खर-पतवार निकालती दिखीं दोनों को देखकर यह अंदाजा बिल्कुल नहीं होगा कि वे एक केंद्रीय मंत्री के माता-पिता हैं। बेटा एल मुरुगन केंद्र सरकार में मंत्री बने हैं मगर ये दोनों अब भी खेतों में पसीना बहा रहे हैं दोनों को मेहनत कर अपनी कमाई की रोटी उन्हें ज्यादा पसंद है।
केंद्रीय मंत्री के पद पर बेटे की नियुक्ति के बाद भी अपना रवैया नहीं बदला
एक रिपोर्टर से बात करते हुए, वरुदम्मल ने कहा कि उधार के पैसे और अपनी मेहनत से माता-पिता ने अपने बेटे की शिक्षा का समर्थन किया। मुरुगन, पेशे से वकील ने चेन्नई के डॉ अंबेडकर लॉ कॉलेज से कानून की पढ़ाई की। वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य भी बने। एक वकील के रूप में अपने करियर के दौरान, उन्होंने कई मामलों में भाजपा का प्रतिनिधित्व किया।
अपने बेटे के किसी राष्ट्रीय पार्टी के राज्य प्रमुख के पद पर पदोन्नत होने या केंद्रीय मंत्री के पद पर उनकी नियुक्ति के बाद दंपति ने अपना रवैया नहीं बदला है।फोटो साभार-Times of India