- एक महिला जेलर को अपने ही कैदी से हो गया प्यार
- 22 साल की जेलर ने सारी हदें पार करते हुए कैदी को मुहैया कराई प्रतिबंधित सेवाएं
नई दिल्ली: एक 'फ्लर्टी' महिला जेल अधिकारी जिसे अपने ही कैदी से इश्क हो गया था उसे कोर्ट ने दस महीने की जेल की सजा सुनाई है। महिला जेलर कैदी के प्यार में इस कदर गिरफ्त हो चुकी ह थी कि उसने अपने पैर में कैदी के नंबर का गुप्त टैटू गुदवा लिया था। 22 साल की स्कारलेट एल्ड्रिच एक ऐसी जेल की जेलर थी जहां बड़े अपराधियों को रखा जाता है। लेकिन यहां मामला कुछ ऐसा हुआ कि जेलर को ही कैदी से मोहब्बत हो गई।
गुदवा लिया था टैटू
मामला इंग्लैंड का है। यहां जेलर ने न केवल कैदी को मोबाइल उपलब्ध कराया बल्कि उसके लिए सिम कार्ड का भी इंतजाम करवा दिया। जेल अधिकारियों को काफी समय से जेलर पर शक हो गया था लेकिन उनका शक उस समय यकीन में बदल गया जब महिला जेलर को मेडिकल परीक्षण से गुजरना पड़ा और इस दौरान जेलर के पैर पर बना एक ऐसा सीक्रेट टैटू सामने आया जिससे सारी पोल खुल गई। इस टैटू में कैदी का नंबर लिखा हुआ था। जेलर एल्ड्रिच, के सौतेले पिता तथा मां दोनों ही पुलिस अधिकारी है।
कोर्ट ने सुनाई सजा
जेलर एल्ड्रिच,ने जेल में अपने प्रेमी को लव लैटर भी लिखे थे।एल्ड्रिच के शरीर में कई टैटू हैं। मामला कोर्ट पहुंचा तो पुलिस ने तमाम सूबत रखे जिसके बाद जज ने एल्ड्रिच को 10 महीने की सजा सुनाते हुए कहा कि एक निलंबित सजा पर विचार किया था क्योंकि तत्काल हिरासत का आपके और आपके प्रियजनों पर विनाशकारी प्रभाव पड़ेगा। जज ने कहा कि अपराध इतने गंभीर है कि वह कम से कम दस महीने की हिरासत में रखा जा सकता था।
कोर्ट ने कही ये बात
जज ने कहा कि आपने कैदियों के साथ निकट संबंध बनाने के स्पष्ट खतरों के बारे में प्रशिक्षण प्राप्त किया लेकिन इसके बावजूद, आपने डकैती के लिए सजा काट रहे एक कैदी के साथ संबंध बनाए। आपने अपने आप को उसके हवाले कर जेल की सुरक्षा और सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है। कोर्ट ने कहा कि यह एक उच्च सुरक्षा जेल थी जहां मोबाइल फोन और सिम कार्ड का उपयोग बाधित है आपने उस भरोसे को तोड़ दिया जो आपको दिया गया था।
ऐसे हुआ था शक
अगस्त 2019 में एल्ड्रिच पर तब संदेह शुरू हुआ जब जेल की कार्यशाला में एल्ड्रिच और जोन्स (कैदी) को दो घंटे तक एक साथ बातचीत करते देखा गया।अभियोजक अयमान खोखर ने कहा कि जेलर कैदी के साथ ना केवल बातचीत करती थी बल्कि फ्लर्ट भी करती थी। बाद में मुलाकातों का सिलसिला बढ़ गया और यह लगातार होने लगी। इसे लेकर महिला जेलर को वॉर्निंग भी दी गई। जेल के बॉस तब सतर्क हो गए जब जेलरों को फोन मिला जिसमें 9 सितंबर को भेजा गया एक मैसेज था जिसमें कहा गया था 'अबी आ रहा है इसलिए कॉल नहीं कर सकता हूं। आपकी बहुत याद आ रही है। कोशिश करेंगे मुलाकात की।'